एक इंटरव्यू में अपने क्रिकेट के शौक को लेकर इरफान खान (Irrfan Khan) ने कहा था, 'मैं आलराउंडर था, महज 600 रुपये के चलते क्रिकेटर नहीं बन पाया.'
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नई दिल्ली: बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर इरफान खान (Irrfan Khan) की मौत का गम आज भी उनके फैंस के दिलों में कम नहीं हो सका है. गुरुवार को उन्हें इस दुनिया को अलविदा कहे पूरा एक साल होने जा रहा है. लेकिन आज भी उनका एक-एक डायलॉग, उनकी हर फिल्म लोगों को उनके होने का अहसास कराती है. वह दो साल तक न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर से जिंदगी और मौत की जंग लड़ते रहे. इरफान ने बॉलीवुड में एक से बढ़कर एक फिल्में कीं, उनकी कई फिल्मों के नाम लोगों को मुंह ज़ुबानी याद हैं. लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि फिल्मों की दुनिया का यह बादशाह पहले क्रिकेटर बनना चाहता था और महज 600 रुपये के चलते यह संभव नहीं हो सका.
Zee News की एक खबर के अनुसार इरफान खान (Irrfan Khan) को प्रतिष्ठित घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट सीके नायडू ट्रॉफी के लिए चुना गया था, लेकिन उनके पास उस समय एडमीशन फी के लिए 600 रुपये तक नहीं थे, इसलिए उन्हें क्रिकेट में करियर बनाने के सपने को अधूरा छोड़ना पड़ा. इरफान ने 2014 में, क्रिकेट के प्रति प्यार से अपने फैंस को रूबरू कराया था, साथ ही यह भी बताया था कि किस तरह उनकी बहन ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) में दाखिला लेने के लिए उन्हें 300 रुपए दिए थे.
एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि 'मैं क्रिकेटर बनना चाहता था. मैं एक ऑलराउंडर था और जयपुर में अपनी टीम में सबसे युवा खिलाड़ी था. जब सीके नायडू टूर्नामेंट के लिए मुझे चुना गया था तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था, लेकिन उस वक्त मेरे पास एंट्री फी के 600 रुपए नहीं थे और मैं नहीं जानता था कि कौन मेरी मदद कर सकता है. इसलिए मैंने क्रिकेट से खुद को दूर करने का फैसला लिया'. अपने अभिनय के सफर की शुरुआत पर बात करते हुए उन्होंने कहा था कि मुझे नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के लिए 300 रुपए चाहिए थे, जिसे जुटाना भी मेरे लिए मुश्किल हो रहा था. तब मेरी बहन ने मेरी मदद की थी.
इरफान खान उन लोगों में शुमार थे, जिन्हें क्रिकेट के T-20 स्वरुप खास पसंद नहीं है. उनका कहना था कि क्रिकेट का T-20 संस्करण भद्रजनों के इस खेल को खराब रहा है. उन्हें क्रिकेटर न बन पाने का गम था, लेकिन वह अपने अभिनय करियर से काफी खुश थे. उन्होंने कहा था कि क्रिकेट की तुलना में मनोरंजन क्षेत्र में करियर काफी लंबा होता है.
2014 के अपने उस इंटरव्यू में इरफान खान ने कहा था, 'क्रिकेट को अलविदा कहना सोचा समझा निर्णय था. पूरे देश से केवल 11 खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम में जगह पाते हैं, लेकिन अभिनेताओं के लिए कोई लिमिट नहीं होती. जितना मेहनत करोगे, उतना आगे बढ़ोगे'.
गौरतलब है कि न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर के बारे में पता चलने पर इरफान ने 2018 में अभिनय से ब्रेक ले लिया था. वह 2019 में 'अंग्रेजी मीडियम' में काम करने के लिए भारत लौटे थे, जो बीते साल की शुरुआत में रिलीज हुई. इरफान अपने पीछे पत्नी सुतापा सिकदर और दो बेटों बबील और अयान को छोड़ गए हैं.
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