अस्ताद देबू (Astad Deboo) को आधुनिक भारतीय नृत्य में नया व्याकरण गढ़ने के तौर पर हमेशा याद किया जाएगा.
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नई दिल्ली: नृत्य की दुनिया के दिग्गज अस्ताद देबू (Astad Deboo) का गुरुवार सुबह निधन हो गया. 73 साल के देबू के निधन की खबर की पुष्टि उनके परिवार वालों ने कर दी है.
अस्ताद देबू (Astad Deboo) के परिवार के सदस्यों ने हाल ही में सोशल मीडिया पर जारी की एक सूचना में कहा, '10 दिसंबर की सुबह वो इस दुनिया से विदा हो गए. हल्की बीमारी के बाद मु्ंबई स्थित घर पर ही उनका निधन हुआ. वो अपने पीछे एक समृद्ध विरासत छोड़ गए हैं. कला के प्रति उनका समर्पण अमिट है. उनके नृत्य को पंसद करने वालों की बड़ी तादाद रही है. यह मौत परिवार, दोस्त और नृत्य की दुनिया से जुड़े लोगों को दुखी करने वाली है. हम उनकी कमी महसूस करेंगे. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे.'
क्यों खास थे देबू
उस्ताद देबू (Astad Deboo) को आधुनिक भारतीय नृत्य में नया व्याकरण गढ़ने के तौर पर हमेशा याद किया जाएगा. इसी खूबी के चलते साल 1995 में देबू को समकालीन रचनात्मक नृत्य में योगदान के लिए संगीत नाटक अकादमी सम्मान दिया गया था. संगीत नाटक अकादमी ने अपने उद्धरण में कहा कहा था कि देबू को थियेटर शैली के नृत्य के लिए याद किया जाएगा. 2007 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था.
आपको बता दें कि देबू ने भारतीय शास्त्रीय और लोक नृत्य में कई तरह के प्रयोग किए. ये प्रयोग नृत्य की बनावट, विषय, अवधारणा और प्रदर्शन स्पेस की कसौटी पर होते थे.