इसका हादसे का खुलासा सालों बाद रेखा (Rekha) के इंटरव्यू से हुआ.
रेखा ने भी स्टारडम की कीमत चुकाई है, उन्हें भी शुरुआत में ऐसे ही लोगों की हरकतें झेलनी पड़ी थीं, सबसे बड़ी बात ये है कि इस वक्त वो महज 15 साल की थीं, उनको भी भरी यूनिट के सामने एक ऐसे ही असहज पल का सामना करना पड़ा था और रेखा बस आंखों में आंसू लेकर ही रह गई थीं. कम लोगों को पता है कि रेखा साउथ के मशहूर स्टार जेमिनी गणेशन और एक्ट्रेस पुष्पवल्ली की बेटी थीं, लेकिन दोनों का तलाक होने के चलते रेखा को उनकी मां ने काफी कम उम्र में फिल्मों में बतौरा चाइल्ड एक्ट्रेस उतार दिया था.
महज तेरह साल की उम्र में रेखा ने अपना स्कूल छोड़ दिया था और तेलुगू, तमिल फिल्मों में काम करने लगी थीं. लेकिन उनकी मां चाहती थीं कि वो देश के कोने-कोने में जानी जाएं तो उन्होंने बॉलीवुड यानी हिंदी फिल्मों का रुख किया. हालांकि खुद रेखा एयर हॉस्टेस बनना चाहती थीं. रेखा की बॉलीवुड में पहली रिलीज फिल्म यूं तो नवीन निश्चल के साथ मोहन सहगल की मूवी 'सावन भादों' थी, लेकिन उन्हें साइन किया गया था फिल्म स्टार विश्वजीत के साथ एक फिल्म 'अनजाना सफर' में. विश्वजीत बंगाल के सुपरस्टार थे.
उस वक्त रेखा ने बतौर लीड एक्ट्रेस अपनी पहली मूवी कन्नड़ में की थी- 'ऑपरेशन जैकपॉट नल्ली सीआईडी 999'. अगर 'अनजाना सफर' समय से रिलीज होती तो ये उनकी पहली हिंदी फिल्म होती. रेखा उस समय तो खामोश रहीं, उम्र भी कम थी और किसी को ज्यादा जानती भी नहीं थीं. दरअसल रेखा को एक सीन में बिना बताए हीरो ने जबरन किस कर लिया था और वो भी पूरे पांच मिनट तक, और यूनिट चीयर्स कर रही थी और रेखा की आंखों में आंसू थे.
हुआ यूं कि एक दिन इस मूवी की शूटिंग में डायरेक्टर राजा नवाथे ने उनको मुंबई के महबूब स्टूडियो में बुलाया था, एक रोमांटिक सीन विश्वजीत और रेखा के बीच में शूट हो रहा था, जैसे ही डायरेक्टर ने कहा 'एक्शन', अचानक विश्वजीत ने रेखा के होठों पर होठ रख दिए. रेखा अवाक रह गईं क्योंकि डायरेक्टर ने कुछ बताया नहीं था, कैमरा रोल होता रहा. इधर डायरेक्टर और विश्वजीत को सब पता था, पूरी यूनिट को शायद पता था कि ऐसा सीन शूट होना है, सभी हाथों के इशारों से एक दूसरे को चीयर्स कर रहे थे, लेकिन उस एक्ट्रेस को नहीं पता था, जिसके साथ ये होना था.
इधर विश्वजीत थे कि रेखा को छोड़ने का नाम ही नहीं ले रहे थे, पूरे पांच मिनट, जी हां रेखा ने इस इंटरव्यू में बताया कि विश्वजीत पूरे पांच मिनट तक स्मूच करते रहे. रेखा की आंखों में आंसू तक आ गए. तब ना सोशल मीडिया थी और ना ही ऐसा कोई मंच जहां वो गुस्सा करतीं, अपनी बात रखतीं, पहली हिंदी मूवी थी, चर्चा में आतीं, तो शायद उनके करियर के लिए दिक्कत हो जाती. इसलिए रेखा ने वहां गुस्सा तो जताया, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया.
बाद में इसी सीन के चलते वो मूवी लम्बे समय तक सेंसर में अटक गई. ऐसे ही 10 साल गुजर गए. 1969 का ये वाकया था और 1979 में ये मूवी रिलीज हुई एक नए डायरेक्टर और एक नए नाम के साथ, डायरेक्टर थे कुलजीत पाल और मूवी का नाम हो गया 'दो शिकारी', विश्वजीत के साथ इस मूवी में अब एक दूसरा हीरो ही आ गया था विनोद खन्ना. हालांकि बाद में विश्वजीत ने सफाई दी थी कि मुझे तो जो डायरेक्टर ने कहा, वो मैंने किया, मुझे नहीं पता था कि रेखा को इस सीन के बारे में नहीं बताया गया है. (सभी तस्वीरें साभार: Instagram@RekhaFans)
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