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B'day Special: कभी सलमा के दीवाने थे Salim Khan, फिर लाइफ में आई ये एक्ट्रेस

सलीम खान (Salim Khan) ने आज जन्मदिन हैं. इस मौके पर जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें... 

सलीम से की थी सोहेल के प्रिंसिपल ने गुजारिश

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सलीम से की थी सोहेल के प्रिंसिपल ने गुजारिश

सोचिए कोई प्रिंसिपल आपके बच्चे को स्कूल से निकाल दें तो आप क्या करेंगे? आप सलीम खान जैसी सेलेब्रिटी हों, तो आपको ये बात और भी ज्यादा अपमानजनक लगेगी. सलीम खान ने फिर भी एक जिम्मेदार अभिभावक की तरह उस क्रिश्चियन स्कूल के प्रिंसिपल (फादर) से व्यक्तिगत तौर पर मिलकर रिक्वेस्ट की कि बच्चे का कैरियर तबाह हो जाएगा, लेकिन फादर नहीं पसीजे. सोहेल का नाम काट दिया गया. पूरे साल सोहेल को निजी ट्यूटर से पढ़कर ही साल गुजारना पड़ा. जानने वालों की नजरों में शर्मिंदा होना पड़ा सो अलग, लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया जब क्रिश्चियन स्कूल के प्रिंसिपल ने सलीम खान (Salim Khan) से गुजारिश की. कहा कि वे सोहेल को फंक्शन में चीफ गेस्ट बनाना चाहते हैं. फिर क्या था सलीम ने सारी नाराजगी भुला कर सोहेल (Sohail Khan) को फंक्शन में जाने के लिए कहा. 

 

जब सलीम ने की सलमान की तारीफ

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जब सलीम ने की सलमान की तारीफ

सलीम खान (Salim Khan) ने एक इंटरव्यू में कहा था कि जब सलमान (Salman Khan) पहली बार जेल में गए तो गले से उनके खाना नहीं उतरता था. एसी ऑन करने में गिल्ट फील होता था. मुंह में निवाला डालना उन्हें अपराध लगता था. एक इंटरव्यू में सलमान के स्कूल की बड़ी ही दिलचस्प बात सलीम ने बताई थी. कहा कि सलमान अपने स्कूल के दिनों में हर दिन 12 बच्चों को लंच करवाते थे. वे बच्चे उनके ही स्कूल में पढ़ते थे और गरीब परिवारों से आते थे. इस चीज के लिए सलमान ने अपनी मां सलमा को राजी किया था. सलमान की ये बात उनके पिता ने बताई थी और सलीम ने कहा था कि उनकी खराब बातों के आगे उनकी ये अच्छी बातें छुप जाती हैं. 

सलीम के पिता थे इंदौर के डीआईजी

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सलीम के पिता थे इंदौर के डीआईजी

सलीम खान (Salim Khan) के दादाजी अनवर खान अफगानिस्तान से आकर बसे थे, कादर खान के परिवार की ही तरह. उस वक्त इंदौर होल्कर साम्राज्य की राजधानी थी, जो ब्रिटिश नियंत्रण में आ गई थी. दादा अनवर खान ब्रिटिश कैवलरी फोर्स का हिस्सा थे. उन्हीं दिनों इंदौर रियासत के बालाघाट (एमपी) में सलीम खान का जन्म हुआ था, वो सभी भाई बहनों में सबसे छोटे थे. उनके पिता अब्दुल राशिद खान ने इंडियन इम्पीरियल पुलिस ज्वॉइन कर ली और एक वक्त में वो इंदौर के डीआईजी जैसी बड़ी रैंक पर पहुंच गए थे. उस वक्त किसी भी भारतीय के लिए अंग्रेज पुलिस में ये सबसे बड़ी पोस्ट हुआ करती थी. तभी तो लोग आजकल चर्चा करते हैं कि ‘दबंग’ सीरीज का आइडिया, सलमान के डीआईजी दादाजी के पद से ही खान भाइयों के दिमाग में आया होगा. 

सलीम के लुक्स की होती थी तारीफ

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सलीम के लुक्स की होती थी तारीफ

सलीम खान (Salim Khan) की मां के बाद उनके की मौत भी जल्द ही हो गई थी, लेकिन वो काफी संपत्ति छोड़ गए थे. कहा जाता है कि उस जमाने में इंदौर के कॉलेज में वो कार में जाते थे. उन्होंने पायलट की ट्रेनिंग भी ली थी. उनके गुड लुक्स के चलते लोग उन्हें फिल्मों में एक्टिंग करने की सलाह भी देने लगे थे.

 

सलीम बन गए ‘प्रिंस सलीम’

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सलीम बन गए ‘प्रिंस सलीम’

सलीम खान (Salim Khan)  भी लोगों की बातों में आ गए. इधर इंदौर में ही फिल्मकार के अमरनाथ ने अपनी फिल्म ‘बारात’ में उन्हें 1000 की पेशगी और 400 रुपये महीने में काम दे दिया. ऐसे में वे मुंबई चले आए. अपना नाम रख लिया ‘प्रिंस सलीम’, लेकिन प्रिंस की ‘बारात’ चली नहीं और उनका रोल भी छोटा था. फिर उनका स्ट्रगल शुरु हो गया. कई फिल्मों में छोटे मोटे-रोल उनको मिलने लगे. कुल 17 से 25 मूवीज में उन्होंने एक्टिंग की, लेकिन नोटिस नहीं किए गए. उनको जो सबसे बड़ा रोल मिला, वो था फिल्म ‘तीसरी मंजिल’ में हीरो शम्मी कपूर (Shammi Kapoor) के दोस्त का. उनकी समझ में आ गया था कि एक्टिंग के फील्ड में दाल गलने वाली नहीं हैं. उन्होंने प्रिंस सलीम के नाम से ही स्क्रिप्ट लिखनी शुरू कर दीं...तब तक सम्पर्क भी बन गए थे. अशोक कुमार (Ashok kumar) और जीतेन्द्र  (Jitendra) के साथ आई ‘दो भाई’ चर्चा में रही. गुरुदत्त के करीबी अबरार अल्वी के वो असिस्टेंट बन गए. इस तरह एक्टिंग के अलावा एक नया रास्ता उनके लिए खुल गया था.

सलीम-जावेद की जोड़ी के किस्से

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सलीम-जावेद की जोड़ी के किस्से

सलीम (Salim Khan) और जावेद (Javed Akhtar) पहली बार उस फिल्म के सैट पर मुलाकात हुई. सलीम उस फिल्म में एक्टिंग कर रहे थे. इस दौरान दोनों की दोस्ती हो गई. फिर बात आगे बढ़ी और दोनों साथ काम करने लगे. सलीम का मूल काम प्लॉट सोचना था. कहानियां और किरदार गढ़ना जावेद का काम था. डायलॉग्स और गीत भी जावेद ही लिखते थे. ऐसे में राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) ने उनकी जोड़ी को पहला काम दिया. एक तमिल फिल्म को हिंदी में लिखना था. फिल्म थी ‘हाथी मेरा साथी’. दोनों की जोड़ी पहली मूवी से ही चर्चा में आ गई. फिर क्या था एक के बाद एक फिल्में मिलने लगीं. अंदाज, सीता गीता, शोले, जंजीर, दीवार, यादों की बारात, हाथ की सफाई, चाचा भतीजा, डॉन, त्रिशूल, दोस्ताना, क्रांति, मिस्टर इंडिया जैसी कुल 24 फिल्मों में दोनों ने काम किया. इसमें जिसमें से 20 सुपरहिट रहीं. 

 

हेलन के प्यार में पड़े सलीम

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हेलन के प्यार में पड़े सलीम

सलीम खान ने 5 साल तक सुशीला चरक को डेट करने के बाद 1964 में उनसे शादी कर ली थी. शादी के बाद सुशीला चरक (Sushila Charak) ने अपना नाम बदलकर सलमा खान (Salim Khan) रख लिया. सलीम और सलमा खान (Salma Khan) के तीन बेटे - सलमान, अरबाज और सोहेल और एक बेटी अलविरा हुई, लेकिन हेलन (Helen) के प्यार में सलीम ऐसा गिरफ्तार हुए कि दोनों ने 1980 में शादी कर ली.

खान परिवार को हेलन को समझने में लगा वक्त

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खान परिवार को हेलन को समझने में लगा वक्त

शादी के बाद खान परिवार में खूब मनमुटाव हुए. सलमान सहित तीनों भाई हेलन के बिल्कुल विरुद्ध थे. खुद सलमा खान भी इस शादी से दुखी थीं. इसका खुलासा एक इंटरव्यू में करते हुए सलमा ने कहा भी था कि इस शादी की वजह से बहुत ही डिप्रेस और डिस्टर्ब हुईं. सलमान, अरबाज और सोहेल तो हेलन से बात तक नहीं करते थे. वो कहावत है न कि समय से बड़ा मरहम कोई नहीं. धीरे-धीरे तीनों भाईयों और सलमा खान को महसूस हुआ कि हेलन वैसी बिल्कुल भी नहीं जैसा उन्होंने समझा था. धारे-धारे सारे गिलेशिकवे दूर हो गए. 

 

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