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सिर्फ कंगना ही नहीं, बॉलीवुड की ये 7 बड़ी हस्तियां भी हैं Himachal Pradesh से

बॉलीवुड में हिमाचल प्रदेश के रहने वाले सिर्फ कंगना रनौत, अनुपम खेर, प्रीति जिंटा ही नहीं हैं. इस जगह से और भी कई नामचीन सितारे हैं. आइये मिलते हैं, हिमाचल प्रदेश से आने वाले इन 7 बड़ी हस्तियों के बारे में-

प्रिया राजवंश

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प्रिया राजवंश

प्रिया राजवंश का नाम देव आनंद के भाई चेतन आनंद से जुड़ा था. चेतन अपनी पत्नी उमा से रिश्ते बिगड़ने के बाद उनसे अलग हो गए थे. तब चेतन की जिंदगी में आईं प्रिया राजवंश. प्रिया का असली नाम था वेरा सुंदर सिंह. वह शिमला में पली बढ़ी थीं, लेकिन एक्टिंग की ट्रेनिंग उन्होंने लंदन में ली थी, उनके बोलचाल में अंग्रेजी का असर था. 

जब किसी ने चेतन को प्रिया की फोटो भेजी, तो उन्होंने फौरन उन्हें अपनी नई फिल्म ‘हकीकत’ के लिए साइन कर लिया. फिल्म ‘हकीकत’ आज भी बॉलीवुड की सबसे बेहतरीन वॉर फिल्मों में शुमार होती है. इसके बाद चेतन और प्रिया एक-दूसरे के करीब होते चले गए, जबकि उनकी उम्र में 16 साल का अंतर था.

चेतन आनंद से रिश्ते हुए गहरे

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चेतन आनंद से रिश्ते हुए गहरे

प्रिया ने चेतन आनंद के अलावा किसी दूसरे डायरेक्टर के साथ कभी कोई फिल्म नहीं की थी. 'हकीकत', 'हीर रांझा', 'हिन्दुस्तान की कसम', 'हंसते जख्म', 'साहिब बहादुर', 'कुदरत', 'हाथों की लकीरें जैसी कई फिल्में प्रिया ने की. ‘कुदरत’ में तो उनके साथ राजेश खन्ना और हेमा मालिनी भी थे. 

फिल्म ‘कुदरत’ को एक तरह से राजेश खन्ना की कमबैक फिल्म भी माना गया था. प्रिया से रिश्तों का आलम यह था कि चेतन ने 'नवकेतन फिल्म्स' से अलग होकर अपनी नई फिल्म कंपनी खोल ली, जिसमें प्रिया भी पार्टनर थीं. नाम था ‘हिमालय फिल्म्स’.

दोनों हस्तियां सालों तक साथ-साथ रहे. इधर, पहली पत्नी उमा से चेतन के दोनों बेटे केतन और विवेक जवान हो चुके थे. 1997 में चेतन आनंद की मौत हो गई. तीन साल बाद 27 मार्च 2000 को प्रिया राजवंश की लाश चेतन आनंद के जुहू वाले बंगले के बाथरूम में मिली. शुरुआत में यह मामला बिलकुल श्रीदेवी जैसा लग रहा था. 

खत से हुआ मौत का खुलासा

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खत से हुआ मौत का खुलासा

सभी को लगा कि यह स्वभाविक मौत है. नशे में गिरने या हर्ट अटैक से हुआ होगा. लेकिन बाद में प्रिया राजवंश का लिखा एक खत सामने आया, जिसमें उन्होंने अपनी हत्या की आशंका जताई थी और चेतन आनंद के बेटों से खुद की जान को खतरा बताया था. 

पुलिस एक्शन में आई. कुछ और सुबूतों और खत के आधार पर चेतन और उमा के दोनों बेटों को गिरफ्तार कर लिया. निचली अदालत ने दोनों भाइयों और उनके दो कर्मचारियों को 2002 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

प्रेम चोपड़ा

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प्रेम चोपड़ा

प्रेम चोपड़ा यूं तो लाहौर में पैदा हुए थे, लेकिन बंटवारे के बाद शिमला चले आए और फिर यहीं के होकर रह गए. तब प्रेम के पिता उनको डॉक्टर या आईएएस बनाने का सपना मन में पाले हुए थे. वो एक आईसीएस (जो अब आईएएस होता है) ऑफिसर के बेटे थे.   प्रेम के 5 भाई थे और एक छोटी बहन. उन्होंने कॉलेज के थिएटर ग्रुप में एक्टिंग करनी शुरू की थी. पिता ने समझाया कि इस क्षेत्र में काफी अस्थिरता है, पर वो नहीं माने. तब पिता ने कहा कि तुम किसी दूसरी नौकरी के साथ एक्टिंग कर सकते हो. वह मुंबई आ गए. 

टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार में उनकी नौकरी लग गई. वहां वह  बंगाल, बिहार, उड़ीसा में अखबार के सर्कुलेशन का काम देखते थे. काम से फुरसत मिलने पर वह अपना पोर्टफोलियो लेकर स्टूडियो के चक्कर काटते और रोल देने की गुजारिश करते.

लोकल ट्रेन में मिला पहला मौका

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लोकल ट्रेन में मिला पहला मौका

एक बार लोकल ट्रेन में प्रेम चोपड़ा के साथ एक पंजाबी फिल्मों का निर्माता सफर कर रहा था. उन्होंने खुद ही उनसे पूछा कि फिल्मों में काम करोगे? फिल्म निर्माता का नाम था जगजीत सेठी. उन्हें उस वक्त के पंजाबी स्टार जबीन जलील के साथ एक हिंदू-मुस्लिम लव स्टोरी में एक रोल मिल गया. फिल्म का नाम था- ‘चौधरी करनैल सिंह’.  मूवी हिट हो गई, जिसे एक नेशनल अवॉर्ड भी मिला. उन्हें 3 साल में बनी इस मूवी के लिए 2500 रुपए मिले थे.

छोड़नी पड़ी नौकरी

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छोड़नी पड़ी नौकरी

प्रेम चोपड़ा को इसके बाद पंजाबी फिल्मों के साथ कुछ हिंदी फिल्मों में भी काम मिला. उन्होंने 'वो कौन थी', 'शहीद', 'तीसरी मंजिल', 'सगाई', 'मेरा साया' जैसी तमाम फिल्में की, पर नौकरी नहीं छोड़ी. लेकिन ‘उपकार’ के रोल के बाद उन्हें इतनी फिल्में मिलीं कि उन्होंने नौकरी छोड़ने का फैसला किया. इसी बीच उनके लिए लेखक और निर्देशक लेख टंडन एक रिश्ता लेकर आए. राजकपूर की साली उमा का, जो प्रेमनाथ और राजेन्द्र नाथ की बहन थी. इस तरह से प्रेम चोपड़ा राज कपूर के भी रिश्तेदार हो गए.

प्रेम चोपड़ा के तीन बेटियां हैं प्रेरणा, पुनीता और रकिता. उनके दो दामादों शरमन जोशी और विकास भल्ला को आप बखूबी जानते हैं, लेकिन राहुल नंदा का नाम आपने अक्सर फिल्मों के एंड क्रेडिट (नंबरिंग) में देखा होगा, पब्लिसिटी डिजाइनर के तौर पर, आगे से ध्यान से देखिएगा.

बी. आर. इशारा

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बी. आर. इशारा

बी. आर. इशारा हिमाचल प्रदेश के जिले ऊना के चिंतपूर्णी इलाके में अम्ब तहसील के एक गांव के रहने वाले थे. उनकी कहानी भी पूरी फिल्मी है. एक दिन वो घर से भाग गए और मुंबई पहुंच गए. एक स्टूडियो में चाय पिलाने का काम करने लगे और फिर स्पॉटबॉय बन गए. धीरे धीरे उनका लिखने का रुझान बढ़ा तो स्क्रिप्ट राइटिंग का मौका मिल गया और एक दिन डायरेक्शन का भी. उन्होंने अपनी जिंदगी में कुल 35 फिल्में डायरेक्ट की हैं.

उन्होंने उस वक्त की नेशनल अवॉर्ड विनर एक्ट्रेस रेहाना सुल्तान से शादी की थी. उनका असली नाम था-रोशन लाल शर्मा. बहुत कम लोग जानते हैं कि बी. आर. इशारा ने शुरुआत में अमिताभ और जया बच्चन को लेकर भी एक फिल्म बनाई थी. 

अमिताभ-जया के साथ बनाई थी फिल्म

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अमिताभ-जया के साथ बनाई थी फिल्म

1972 में अमिताभ और जया की जोड़ी वाली दूसरी फिल्म रिलीज हुई थी, फिल्म का नाम था ‘एक नजर’, जिसके डायरेक्टर थे बी. आर. इशारा. इसी फिल्म से रजा मुराद ने बॉलीवुड में डेब्यू किया था. इसी फिल्म में पहली और आखिरी बार अमिताभ बच्चन के लिए महेन्द्र कपूर ने अपनी आवाज दी थी. फिल्मी दुनिया में बी. आर. इशारा 1964 से 1996 के बीच सक्रिय थे. 

इस दौरान उन्होंने 'एक नजर', 'चेतना', 'लोग क्या कहेंगे', 'मिलाप', 'मान जाइए', 'घर की लाज', 'वो फिर आएगी', 'सौतेला भाई' जैसी फिल्में बनाईं. वह हमेशा से नए कलाकारों को मौका देते रहे. उन्होंने अमिताभ, जया, परवीन बॉबी, बप्पी लहरी, रजा मुराद, डैनी, विजय अरोड़ा या शत्रुघ्न सिन्हा को अपनी फिल्मों से मौका दिया था. ये सभी चेहरे बाद में बॉलीवुड के बड़े नाम हुए.

यामी गौतम

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यामी गौतम

यामी गौतम हिमाचल के विलासपुर में पैदा हुई थीं. बाद में परिवार के साथ चंडीगढ़ चली आईं. पिता मुकेश गौतम पंजाबी फिल्मों के डायरेक्टर थे. उनकी बड़ी बहन सुरीली भी पंजाबी फिल्मों की एक्ट्रेस बन गईं. ऐसे में जो यामी बचपन से आईएएस बनना चाहती थी, वो भी इस फिल्मी माहौल से बच नहीं पाईं. मुंबई चली आई. दो टीवी सीरियल में काम मिला- ‘चांद के पार चलो’ और ‘ये प्यार ना होगा कम’. कुछ साउथ की फिल्में भी मिल गईं.

 हिंदी फिल्म में यामी पहली बार आयुष्मान खुराना के साथ फिल्म ‘विकी डोनर’ में नजर आई थीं. यहां से उनकी किस्मत चमकी. इसके बाद उन्हें 'बदलापुर', 'काबिल', 'सरकार 3', 'एक्शन जैक्सन', 'उरी' और 'बाला' जैसी कई फिल्मों में काम करने का मौका मिला.

मोहित चौहान

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मोहित चौहान

मोहित चौहान हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के नाहन में पैदा हुए थे. दिल्ली में पढ़ाई करने के बाद वह वापस हिमाचल चले आए. यह शानदार गायक दरअसल एक्टर बनना चाहते थे. म्यूजिक तो वह शौकिया तौर पर गाते-बजाते थे. वह अपने कॉलेज के दिनों में ही गिटार, हार्मोनिका और बांसुरी बजाने में दक्ष हो गए थे. एक्टर तो नहीं बन पाए, पर वह सिल्क रूट बैंड से जा जुड़े.

मोहित की गायिकी का हर कोई है दीवाना

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मोहित की गायिकी का हर कोई है दीवाना

मोहित को फिल्मों में गाने का पहला मौका 2002 में आई संजय दत्त की फिल्म ‘रोड’ में मिला था. वह ‘रंग दे बसंती’ के गाने ‘खून चला..’ ने घर-घर लोकप्रिय हो गए थे. सबको लगा कि इस आवाज में दम है. करीना-शाहिद की फिल्म ‘जब वी मेट’ के गाने ‘तुम से ही..’ से वह छा गए. 2010 में आई फिल्म ‘दिल्ली 6’ के गाने ‘मसक्कली’ के लिए उन्हें पहली बार फिल्म फेयर के लिए बेस्ट मेल सिंगर का अवॉर्ड मिला था.

दिल्ली में लॉकडाउन के दौरान वह रोजाना 60 से 70 कुत्तों को खाना खिलाते थे. वह सरकार के 'नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरर्पोशन' (एनएसडीसी) के वोकेशनल ट्रेनिंग कार्यक्रम से भी जुड़े हुए हैं.

श्रिया शर्मा

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श्रिया शर्मा

टीवी स्टार श्रिया शर्मा हिमाचल के नूरपुर की रहने वाली हैं, जो कांगड़ा जिले में हैं. उनके पिता एक इंजीनियर हैं और मां डाइटीशियन हैं. वह ‘कसौटी जिंदगी की’ सीरियल में स्नेहा बजाज के रोल से घर-घर लोकप्रिय हो गई थीं. बतौर कलाकार वह 3 साल से काम कर रही हैं. 'बूगी वूगी', 'क्या आप पांचवीं पास से तेज हैं', 'कैरी ऑन शेखर', 'कन्हैया' सहित कई टीवी सीरीज में वह काम कर चुकी हैं.

2001 में फिल्म ‘चिल्लर पार्टी’ में एक्टिंग के लिए उन्हें ‘नेशनल फिल्म अवॉर्ड फॉर बेस्ट चाइल्ड’ से भी सम्मानित किया जा चुका है. वह साउथ की फिल्मों में हर बड़े सुपरस्टार के साथ नजर आ चुकी हैं. श्रिया तेलुगु फिल्म ‘निर्मला कॉन्वेंट’ में लीड रोल में भी नजर आ चुकी हैं. बहुत जल्दी ही वह किसी हिंदी फिल्म में आपको नजर आ सकती हैं. 

रुबीना दिलैक

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रुबीना दिलैक

रुबीना दिलैक भी श्रिया की तरह एक टीवी एक्ट्रेस हैं. फिलहाल वह ‘बिग बॉस 14’ में एक कंटेस्टेंट हैं. रुबीना का जन्म हिमाचल के शिमला में हुआ था. हिमाचल में उनके परिवार के सेब के बाग हैं. उनके पिता गोपाल दिलैक हिंदी के लेखक हैं और हिमाचल पर कई किताबें लिख चुके हैं. रुबीना की सौंदर्य प्रतियोगिताओं में दिलचस्पी थी और 2006 में वह ‘मिस शिमला’ भी चुनी गई थीं. दिलचस्प बात यह है कि वह नेशनल डिबेट चैम्पियनशिप भी जीत चुकी हैं.

कई सीरियल्स में किया काम

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कई सीरियल्स में किया काम

रुबीना आईएएस बनना चाहती थीं, लेकिन मन में एक्टिंग का कीड़ा भी घुसा हुआ था. चंडीगढ़ में एक ऑडिशन दिया तो उनको जीटीवी के सीरियल ‘छोटी बहू’ में रोल मिल गया. यहीं से उनका ठिकाना मुंबई का ग्लैमर जगत बना. वह ‘सास बिना ससुराल’, जीटीवी का ‘पुर्नविवाह- एक नई उम्मीद’, ‘देवों के देव महादेव’ जैसे तमाम सीरियल में काम कर चुकी हैं.

उन्होंने टीवी शो ‘शक्ति –अस्तित्व के अहसास की’ में सौम्या सिंह नाम की एक ट्रांसजेंडर का किरदार भी निभाया है. जब पूरा देश लॉकडाउन से बाहर आ गया है, तब वह ‘बिग बॉस 14’ के घर में लॉक हो गई हैं.

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