'बैंड बाजा बारात'' फिल्म से हिंदी फिल्मों में डेब्यू करने वाले रणवीर सिंह (Ranveer Singh) ने आज इंडस्ट्री में 10 साल पूरे कर लिए हैं. उनकी पहली फिल्म को रिलीज हुए 10 साल हो गए हैं. इस मौके पर जानते हैं कैसा रहा इंडस्ट्री में रणवीर का सफर...
दरअसल, आदित्य चोपड़ा बैंड बाजा बारात फिल्म में अनुष्का शर्मा के साथ रणबीर कपूर (Ranbir Kapoor) को कास्ट करना चाहते थे. रणबीर कपूर उस समय अनजाना-अनजानी और राजनीति साइन कर चुके थे और उनके पास डेट्स नहीं थे. फिल्म के निर्देशक मनीष शर्मा ने कहा कि वे किसी नए हीरो को लेंगे. तमाम स्क्रीन टेस्ट के बाद बिट्टू के रोल के लिए रणवीर सिंह का सेलेक्शन हुआ.
रणवीर सिंह (Ranveer Singh) को पता था कि चूंकि वे फिल्मी परिवार से नहीं हैं इसलिए उन्हें हीरो बनने के लिए काफी पापड़ बेलने होंगे. वे जब प्रोड्यूसरों से मिलते थे तो उन्हें यह सुनने को मिलता था कि उनके चेहरे में हीरो वाली बात नहीं है. रणवीर (Ranveer Singh) काम पाने के लिए इतने बेकरार थे कि छोटा-मोटा रोल भी करने को तैयार हो गए. फिल्म पटियाला हाउस में उन्हें एक छोटा सा रोल मिला था. रणवीर सिंह ने सोचा कि वे यह रोल कर लेंगे. लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था और वे बैंड बाजा और बारात में लीड रोल के लिए सेलेक्ट हो गए.
बैंड, बाजा बारात फिल्म हिट होने के बाद यह अफवाह जोरों से उड़ी कि इस फिल्म को बनाने में रणवीर सिंह (Ranveer Singh) के पापा ने पैसा लगाया है. रणवीर इस बात से बेहद आहत थे. उन्होंने जगह-जगह यह सफाई भी दी कि उनके पापा के पास इतने पैसे नहीं हैं कि फिल्मों में लगाए, दूसरे यशराज फिल्म कभी दूसरों से पैसे ले कर फिल्म नहीं बनाता. यह अफवाह धीरे-धीरे अपनी मौत मर गई.
रणवीर सिंह (Ranveer Singh) को एक्टिंग की लत अपनी दादी चांद बुर्के से लगी, जो पाकिस्तानी और फिर हिंदी फिल्मों में काम कर चुकी थीं. बूट पॉलिश फिल्म में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी. रणवीर की दादी क्रिश्चियन थीं और उनके भाई पाकिस्तानी डिप्लोमेट थे. रणवीर सिंह के पापा जगजीत का फिल्मों से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं था, इसके अलावा कि अनिल कपूर की पत्नी सुनीता कपूर उनकी कजिन थीं.
बैंड बाजा बारात के बाद रणबीर कपूर को फिल्मों के ऑफर मिलने लगे. लेकिन उसके बाद उनकी फिल्में लेडीज वर्सेज रिकी बहल और लुटेरा बॉक्स ऑफिस पर खास नहीं चल पाईं. रणवीर सिंह (Ranveer Singh) को वन फिल्म वंडर कहा जाने लगा.
दरअसल, संजयलीला भंसाली ने जब गोलियों की रासलीला रामलीला बनाने की सोची थी, तो सबसे पहले उनके जहन में सुशांत सिंह राजपूत का ख्याल आया था. सुशांत ने जब इस रोल को करने से मना कर दिया तब उन्होंने रणवीर (Ranveer Singh) को इस रोल के लिए कास्ट किया. भंसाली को रणवीर पर कॉन्फिडेंस नहीं था. उन्हें लगता था रणवीर गुजराती लड़के का किरदार नहीं निभा पाएंगे. लेकिन रणवीर (Ranveer Singh) ने इस रोल के लिए खूब मेहनत की और फिल्म सुपर हिट हुई.
दीपिका पादुकोन से मुलाकात से पहले रणवीर सिंह अपनी पहली फिल्म की हीरोइन अनुष्का शर्मा के बेहद क्लोज माने जाते थे. हालांकि अनुष्का ने कभी यह नहीं माना कि रणवीर (Ranveer Singh) से उनका अफेयर था. पर जब अनुष्का के साथ फिल्म ना करके रणवीर ने दीपिका के साथ बाजीराव मस्तानी साइन की, सबको लगा कि अनुष्का अब उनके साथ फिल्म नहीं करेगी. दोनों में लंबे समय तक कोल्ड वार चला.
निर्देशक जोया अख्तर जब दिल धड़कने दो फिल्म की कहानी लिख रही थी, उनके जेहन में रणबीर कपूर थे. लेकिन रणबीर ने यह रोल करने से मना कर दिया. फरहान अख्तर ने कहा कि जोया को रणवीर (Ranveer Singh) से बात करनी चाहिए. रणवीर को साइन करने के बाद पता चला कि उनके अपोजिट अनुष्का काम कर रही हैं. हालांकि उन दोनों के बीच बातचीत बंद थी, तब भी शूटिंग के दौरान दोनों ने अपने कोल्ड वार के बारे में किसी को पता लगने नहीं दिया. यह अलग बात है कि फिल्म खत्म होते-होते दोनों में फिर से दोस्ती हो गई. रणवीर को दीपिका मिल गई थी और अनुष्का को विराट कोहली.
रणवीर सिंह (Ranveer Singh)ने हाल ही में कहा कि ऐसा नहीं है कि उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में संघर्ष नहीं करना पड़ा. वे कहते हैं, हमेशा मुझे दूसरों की रिजेक्ट की हुई फिल्म में काम मिला और अपने आपको साबित करने के लिए मुझे दोगुनी मेहनत करनी पड़ी. वे अब तक का अपना सबसे मुश्किल रोल पद्मावत फिल्म का मानते हैं, जिसमें उन्होंने खिलजी की भूमिका निभाई थी.
पिछले साल उनकी फिल्म गली बॉय खूब चली थी. इसके बाद वे पूरी तरह अपनी आने वाली फिल्मों 83 और जयेशभाई जोरदार की शूटिंग में लग गए. इसके अलावा कुछ फिल्मों में छुटपुट रोल किए. इस साल उनकी अब तक एक भी फिल्म नहीं आई है. पर विज्ञापन की दुनिया में वे नंबर वन बन गए हैं. हाल ही में उन्होंने सरकस फिल्म साइन की है. इस समय उनकी नेट वर्थ लगभग ढाई सौ करोड़ रुपये आंकी जा रही है.
ट्रेन्डिंग फोटोज़