सलमान खान (Salman Khan) की मूवी 'वीरगति (Veergati)' को रिलीज हुए 25 साल हो गए हैं.
हालांकि अतुल अग्निहोत्री के बारे में जो लोग नहीं जानते वो जान लें कि वो 'एक दूजे के लिए' जैसी तमाम सुपरहिट फिल्मों की हीरोइन रति अग्निहोत्री के कजिन हैं. अतुल को पहला रोल भी रति अग्निहोत्री की मूवी 'पसंद अपनी अपनी' में मिला था. यूं उनके पिता रोहित अग्निहोत्री ने भी कुछ फिल्मों में काम किया था, लेकिन बाद में बिजनेस में उतर गए थे. अतुल को हीरो बनाया 10 साल बाद महेश भट्ट ने फिल्म 'सर' में, फिर क्रांतिवीर, आतिश, गुनहगार जैसी कई फिल्मों के बाद उनको मौका मिला सलमान खान के साथ एक मूवी करने का, वीरगति.
हालांकि फिल्म की कहानी बताती है कि ये फिल्म सलमान की बजाय अतुल के लिए थी और सलमान एक एक्सपेंरीमेंटल रोल में थे. कहानी होती है एक अनाथ लड़के अजय की (सलमान), जो एक हवलदार (कुलभूषण खरबंदा) को मिलता है, वो एक वैश्या (हिमानी जोशी) का लड़का है. वह बच्चे को भूल जाती है ताकि वो पढ़ लिख कर नाम बना सके, अच्छी सोसायटी मे रह सके. लेकिन उसकी पत्नी (फरीदा जलाल) गुस्से में अपने बेटे को लेकर घर छोड़ देती है, उसका अपना बेटा था श्लोक (अतुल अग्निहोत्री). दोनों का एडमीशन एक ही स्कूल में होता है. दोनों दोस्त बन जाते हैं. श्लोक पढ़ाई में तेज होता है, वो एमबीए कर लेता है, जबकि अजय गैम्बलिंग का शौकीन हो जाता है.
इधर श्लोक को एक करोड़पति जेके (सईद जाफरी) की बेटी पूजा (पूजा डडवाल) से मोहब्बत हो जाती है. वो उसे 1 करोड़ रुपए कमाने का चैलेंज देता है, तब अजय उसकी मदद करता है और गैम्बलिंग में 1 करोड़ रुपया जीतकर वो पैसा श्लोक को दे देता है. अजय को मोह्ब्बत में भरोसा नहीं होता, सो उसकी कोई हीरोइन भी मूवी में नहीं है. वो नौकरी से भी बचता है क्योंकि हर जगह करप्शन उसे पसंद नहीं आता.
इधर कहानी का विलेन है इक्का सेठ (अखिलेन्द्र मिश्रा), जो नाबालिग लडकियों को कोठे पर बेचने का काम करता है, वो एक दिन हवलदार की बेटी संध्या (दिव्या दत्ता) को उठा लेता है और उसकी हत्या कर देता है. तब अजय बदला लेने की कसम खाता है, इक्का सेठ का धंधा पूरी तरह बर्बाद करके उसे जिंदा जला देता है, लेकिन खुद भी आखिर में मर जाता है, यही 'वीरगति' थी.
लेकिन ये मूवी नहीं चल पाई, और इस तरह डायरेक्टर-प्रोडयूसर के के सिंह के साथ सलमान की आने वाली एक और मूवी भी वहीं डब्बा बंद कर दी गई. माना गया कि लोग ये बात पचा नहीं पाए कि सलमान खान के साथ कोई हीरोइन नहीं है, ये शायद इकलौती ऐसी मूवी थी, जिसमें सलमान के साथ कोई हीरोइन नहीं थी. इस मूवी में एक गाना था, जिसके बोल थे खुद से हर कोई रूठा है.. जूम्फा चिका चिका... जो बाद में सलमान की ही मूवी 'रेड्डी' में 'ढिंका चिका चिका' के लिए प्रेरणा बन गया. ये भी कहा जाता है कि इस मूवी के सैट पर ही पहली बार अलवीरा से मिले थे अतुल अग्निहोत्री और हो गई दोस्ती, जो जल्द ही मोहब्बत में बदल गई. इस मूवी में संगीत आदेश श्रीवास्तव ने दिया था.
इस मूवी के पिटने के बाद सलमान और अतुल ने अरसे तक किसी मूवी में साथ काम नहीं किया. फिर वो 2002 में 'हम तुम्हारे हैं सनम' में साथ नजर आए, जिसमें शाहरूख और माधुरी दीक्षित भी थीं. फिर कभी साथ नजर नहीं आए. लेकिन अतुल ने अपना कैरियर बदल लिया, एक्टिंग के बजाय वो प्रोडक्शन और डायरेक्शन के मैदान में उतर गए, उन्होंने 2 ही फिल्में डायरेक्ट कीं, और दोनों ही फिल्मों के हीरो सलमान खान थे, 2004 में 'दिल ने जिसे अपना कहा' और 2008 में 'हैलो'.
लेकिन पिछले 12 साल से उन्होंने डायरेक्शन को भी अलविदा कह दिया है, आजकल वो फिल्में प्रोडयूस करते हैं. अतुल ने 4 फिल्में प्रोडयूस कीं, जिनमें से 3 सलमान की थीं, हैलो, बॉडीगार्ड व हालिया रिलीज भारत. जबकि चौथी 'ओ तेरी' में पुलकित सम्राट व बिलाल अमरोही थे. वैसे 29 सितम्बर को जब ये मूवी रिलीज हुई थी, तो बॉक्स ऑफिस पर टक्कर में थी संजय कपूर की 'कर्तव्य', जिसमें पहले उनके साथ थी दिव्या भारती, लेकिन दिव्या की मौत के बाद उनकी जगह जूही चावला को ले लिया गया और फिल्म में इतने सारे बदलाव हुए कि ये फिल्म भी बॉक्स ऑफिस पर जल्द ही 'वीरगति' को ही प्राप्त हो गई थी.
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