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नई दिल्ली : आमिर खान अभिनीत फिल्म ‘पीके’ के खिलाफ एक याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने के कुछ ही दिन बाद एक उपन्यासकार ने याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि इस फिल्म के निर्माता..निर्देशक ने 2013 में प्रकाशित उनकी हिन्दी पुस्तक ‘फरिश्ता’ से कुछ अंशों का इस्तेमाल किया है। कपिल इसापुरी नाम के उपन्यासकार ने फिल्म निर्माताओं से नुकसान की भरपाई के रूप में एक करोड़ रुपए की मांग की है। साथ ही उन्होंने अपनी रचना को श्रेय देने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया है।
इसापुरी ने अदालत का रुख कर आरोप लगाया कि निर्माता विधु विनोद चोपड़ा और फिल्म के निर्देशक राज कुमार हिरानी, उनकी संबद्ध फिल्म निर्माण कंपनियां और पटकथा लेखक अभिजात जोशी ने उपन्यास से ‘किरदार, विचारों की अभिव्यक्ति, दृश्य (घटनाक्रम) चुराए हैं।
अधिवक्ता ज्योतिका कालरा के जरिए दायर याचिका में इसापुरी ने दावा किया है कि अपने उपन्यास में उन्होंने स्वयंभू बाबाओं का आंख मूंद कर अनुसरण करने की आलोचना की है। साथ ही, धर्म के पेशे को प्राकृतिक नहीं बल्कि मानव निर्मित और कृत्रिम बताया है तथा लोगों के समूह में किसी खास धर्म की पहचान नहीं किए जा सकने का जिक्र किया है।
उन्होंने दावा किया कि फिल्म में उठाए गए कई मुद्दे इस पुस्तक से ‘नकल’ किए गए हैं। याचिकाकर्ता ने कहा कि उपन्यास में और अधिक ऐसी स्थितियां है जो छोटे मोटे बदलाव के साथ बड़ी ही चालाकी से नकल की गई है।
इसापुरी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं माफी चाहूंगा कि मैंने ‘पीके’ फिल्म 19 दिसंबर को रिलीज होने के काफी देर बाद देखी। मैंने एक जनवरी को फिल्म देखी और मैं पूरी तरह से दंग रह गया जब मैंने देखा कि फिल्म में कई दृश्य मेरे हालिया उपन्यास ‘फरिश्ता’ से प्रेरित हैं।’’