Mac Mohan Biography: हम बात कर रहे हैं शोले फिल्म के सांबा की. पूरी फिल्म में उनका एक ही डायलॉग था लेकिन वो कहते हैं एक सुनार की और सौ लुहार की.
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Sholay Movie Mac Mohan: शोल हिंदी सिनेमा की आइकॉनिक मूवी रही है. जिसका हर किरदार ऐसा जहन में बसा है जिसे आज तक सीने नहीं निकाला जा सका. बसंती, जय, वीरू हो या फिर मौसी जी. ऐसा ही एक किरदार था सांबा का. जो रहता है गब्बर के अड्डे पर और इस किरदार को निभाया था अभिनता मैक मोहन ने. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इतना फेमस होने के बावजूद मैक मोहन का फिल्म में एक ही डायलॉग था?
जी हां...और जब ये बात मैक मोहन को पता चली तो वो काफी नाराज हुए थे. दरअसल, शूट के दौरान उनके कई डायलॉग थे लेकिन जब फिल्म रिलीज हुई तो पता चला कि उनका सिर्फ एक ही डायलॉग रखा गया था- “पूरे 50 हजार”. ये देखकर वो दुखी हुई, रोए और सीधे जा पहुंचे रमेश सिप्पी के पास. और गुस्स में कह “ये एक डायलॉग भी फिल्म में क्यों रखा गया. चाहे तो उसे भी काट दिया जाए.” तब रमेश सिप्पी ने उन्हें समझाया था कि इसी डायलॉग से वो स्टार बनेंगे और हुआ भी वैसा ही. आज भी शोले का जिक्र हो तो सांबा की याद जरूर आती है और फिर यही डायलॉग हर किसी की जुबां पर आ जाता है.
कहलाए बॉलीवुड के ‘कड़कराम’
ये बात भी काफी अजीब है कि उन्हें बॉलीवुड में कड़कराम के नाम से जाना जाता था. दरअसल, इसके पीछे वजह थी कि वो हमेशा कपड़ों पर कड़क इस्त्री किया करते थे. और उनक कपड़ें कड़क हुआ करते थे और कभी इस्त्री नहीं बिगड़ती थी. यही वजह थी कि उन्हें बॉलीवुड का कड़कराम कहा जान लगा था.
बनना चाहते थे क्रिकेटर
ये बात भी सच है कि मैक मोहन एक्टर नहीं बल्कि क्रिकेटर बनना चाहते थे. यहां तक कि यूपी की क्रिकेट टीम में उन्होंने एंट्री भी ले ली थी. 1952 में जब वो मुंबई आए तो एक्टिंग की दुनिया से उनका आमना सामना हुआ. उस वक्त शौकत कैफी को किसी किरदार की तलाश थी जिसमे मैक मोहन फिट बैठते थे. लिहाजा उन्हें वो रोल मिल गया और इस तरह हिंदी सिनेमा में उनकी एंट्री हो गई.