पुलिस को अब तक की जांच में सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के पीआर, मैनेजर्स और डॉक्टर्स से ये पता चला है कि वह अपने बारे में छपने वाली निगेटिव और फेक न्यूज के चलते अक्सर चिंतित रहते थे.
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नई दिल्ली: दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के सुसाइड मामले में मुंबई पुलिस मंगलवार को फिल्म समीक्षक राजीव मसंद से पूछताछ कर उनका बयान दर्ज कर सकती है. बता दें, राजीव मसंद एक मशहूर फिल्म समीक्षक हैं. कई फिल्मी सितारों, निर्माता और निर्देशकों के करीब भी माने जाते हैं. पुलिस को अब तक की जांच में सुशांत के पीआर, मैनेजर्स और डॉक्टर्स से ये पता चला है कि वह अपने बारे में छपने वाली निगेटिव और फेक न्यूज के चलते अक्सर चिंतित रहते थे. सुशांत को लगता था कि कोई जानबूझकर किसी साजिश के तहत उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहा है.
अब तक की जांच में पुलिस के सामने ये जानकारी भी आई कि राजीव मसंद ने कम से कम तीन ऐसे ब्लाइंड आइटम्स लिखे, जिसमें उन्होंने सुशांत का नाम लिए बिना उनके बारे में निगेटिव खबरें छापी और सुशांत पर गंभीर आरोप भी लगाए. फिल्मी दुनिया में ब्लाइंड आइटम्स उन आर्टिकल्स को कहा जाता है जहां किसी का नाम लिए बिना किसी शख्स या प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी देते हुए अनकंफर्म्ड गॉसिप लिखी जाती है. सूत्रों के मुताबिक, सवालों के घेरे में कम से कम तीन ब्लाइंड आइटम्स 'Consumed by insecurity', 'The price of being overpriced' और 'On the Back Burner' मुख्य रूप से शामिल हैं
क्या हैं आरोप ?
आरोप है कि इन आर्टिकल्स में राजीव मसंद ने सूत्रों का हवाला देते हुए सुशांत सिंह राजपूत का नाम लिए बिना कभी उन्हें स्कर्ट चेजर कहकर सुशांत की रेप्यूटेशन खराब की तो, कभी उन्हें ओवर प्राइज्ड आउटसाइडर कहकर बदनाम किया. नवंबर 2019 के आर्टिकल में भी मसंद ने सुशांत का नाम लिए बिना सुशांत के टैलेंट और करियर पर गंभीर सवाल खड़े किए थे. ये वही वक्त है जब सुशांत डीप डिप्रेशन का शिकार हुए थे और मुंबई के अस्पताल में लगभग एक हफ्ते के लिए भर्ती भी हुए थे. इसी के बाद उन्होंने कम से कम 5 मनोचिकित्सकों से अपना इलाज करवाया. एक तरफ उनकी फिल्म को थियेटर रिलीज न मिलकर ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज़ करने की मजबूरी, तो दूसरी तरफ ऐसे ब्लाइंड आइटम्स से वे शायद दोहरी समस्या का सामना कर रहे थे. यही वजह है कि सुशांत को बार-बार महसूस होता था कि ये सब कुछ एक साथ किसी साजिश के तहत ऐसा हो रहा है और इसी का जिक्र उन्होंने अपने मैनेजर, पीआर और डॉक्टर्स से भी किया था.
राजीव मसंद पर नेपोतिज्म को बढ़ावा देने और फिल्मी परिवारों के समर्थन में खबरें छापने के भी आरोप हैं. हाल ही में अभिनेता मनोज बाजपेयी और फिल्मकार अपूर्व आसरानी ने भी राजीव मसंद की कार्यप्रणाली पर गंभीर आरोप लगाए थे.
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