Uttarkashi Tunnel रेस्क्यू जैसी हैं ये दो फिल्में, नयनतारा और अक्षय कुमार ने जैसे-तैसे मजदूरों को निकाला था बाहर
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Uttarkashi Tunnel रेस्क्यू जैसी हैं ये दो फिल्में, नयनतारा और अक्षय कुमार ने जैसे-तैसे मजदूरों को निकाला था बाहर

Uttarkashi Tunnel में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. लेकिन आज हम आपको सिनेमाजगत की दो ऐसी फिल्मों के बारे में बताएंगे जिसमें मजदूरों को रेस्क्यू करने का ऑपरेशन दिखाया गया है. जानिए ये दो फिल्में कौन सी हैं.

 

रेस्क्यू ऑपेरशन जैसी फिल्में

Uttarkashi Rescue Operation: उत्तरकाशी (Uttarkashi) में स्थित टनल में 41 मजदूर बीते 16 दिनों से फंसे हुए हैं. इन मजदूरों को रेस्क्यू करने का आखिरी राउंड भी पूरा हो गया है और अब जल्द ही मजदूर इस अंधेरी टनल से बाहर होंगे. लेकिन क्या आपको पता है उत्तरकाशी में जिस तरह से मजदूरों को रेस्क्यू किया जा रहा है, वैसा ही कुछ मिलता-जुलता कई फिल्मों में मजदूरों को रेस्क्यू करने का ऑपरेशन दिखाया गया है. जानिए ऐसी फिल्मों के बारे में.

मिशन रानीगंज
अक्षय कुमार की हाल ही में रिलीज फिल्म 'मिशन रानीगंज' रेस्क्यू पर बेस्ड फिल्म है. इस फिल्म में 80 के दशक में हुए रानीगंज में फंसे 65 मजदूरों को किस तरह से बचाया गया था ये दिखाया गया है. फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे माइनिंग इंजीनियर जसवंत सिंह ने सूझबूझ से रेस्क्यू मिशन को लीड किया था. इसमें अक्षय कुमार और परिणीति चोपड़ा लीड रोल में थे.

 

 
 
 
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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ओ 2
साउथ की लेडी स्टार नयनतारा की फिल्म 'ओ 2' की कहानी भी कुछ इसी से मिलती जुलती है. फिल्म में दिखाया गया था कि एक बस कई पैसेंजर के साथ जमीन में फंस जाती है. इस हालत में पैसेंजर सिर्फ 12 घंटों तक सांस ले सकते हैं. नयनतारा इस हालात को कैसे संभालती है यही दिखाया गया है.

पहले अस्पताल जाएंगे मजदूर 

उत्तरकाशी की टनल में फंसे मजदूरों की बात करें तो उन्हें रेस्क्यू करने के बाद सीधे अस्पताल भेजा जाएगा. दरअसल, 41 मजदूर के वाइटल पैरामीटर्स की जांच की जाएगी. इसके अलावा बीपी, हार्ट बीट, शुगर के स्तर को चेक किया जाएगा. टनल में इतने दिनों से फंसे होने की वजह से एंजाइटी का स्तर बढ़ा हो सकता है. अगर किसी मजदूर में एंजाइटी का स्तर बढ़ा हुआ होगा तो उसे पहले सामान्य किया जाएगा. इसके अलावा रोशनी में सीधे नहीं लाया जाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि बीते कुछ दिनों से वो लोग अंधेरी टनल में फंसे हैं. ऐसे में जब उन्हें बिना ढके हुए अगर बाहर लाया गया तो उनकी आंखें चौंधियां जाएंगी और वो कुछ भी नहीं देख पाएंगे. ऐसी सूरत में धीरे-धीरे उनकी आंखों को प्राकृतिक रोशनी के साथ सामंजस्य बैठाने की कोशिश होगी.

 

 

 

 

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