Pankaj Tripathi Web Series: दो शानदार सीजन के बाद यह सीरीज तीसरे में कुछ समस्याग्रस्त है. अपने कलेवर में कुछ खास नया और रोचक पेश नहीं करती. ऐसे में अगर इसका अगला सीजन बनाना है तो मेकर्स को कुछ बड़ा करना होगा. वर्ना ने इससे आगे न्याय नहीं कर पाएंगे.
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India Juvenile criminal justice system 2022: यह पंकज त्रिपाठी की खूबी है कि जिस फिल्म या वेब सीरीज में काम करते हैं, उसे आप सिर्फ उनके लिए देख सकते हैं. लेकिन एक समय के बाद यही बात मुश्किल बन जाती है क्योंकि कहानी की पकड़ के अभाव में केवल उन्हें कितना देखा जा सकता है. किसी वेब सीरीज में एक्टर जब एक ही किरदार को आगे बढ़ाए जाता है, तो दोहराव की समस्या भी आती है. खुद को हर सीजन में फ्रेश बनाए रखने की चुनौती एक्टर के सामने होती है. पंकज त्रिपाठी को लेकर यह बात आप डिज्नी हॉटस्टार की वेबसीरीज क्रिमिनल जस्टिस से तीसरे सीजन में साफ महसूस सकते हैं. ‘क्रिमिनल जस्टिसः अधूरा सच’ का पूरा सच यही है कि इस बार मामला पिछले दो सीजन से कमजोर है. अतः आप पहले जैसी उम्मीद रखेंगे तो निराशा होगी.
मर्डर से आगे
सीरीज में उन जगहों पर चमक आती है, जब पंकज त्रिपाठी और स्वास्तिका मुखर्जी स्क्रीन पर होते हैं. इस लिहाज से आठ कड़ियों की इस कहानी में पहले दो एपिसोड में आपको काफी धैर्य रखना पड़ता है. हालांकि यहीं पर क्राइम घटता है. टीन एज सुपरस्टार जारा आहूजा (देशना दुगद) अपने स्टारडम से राहत पाने के लिए, घर से गुम होकर एक पार्टी में जाती है. यहां उसे अपना सौतेला भाई मुकुल मिलता है. मुकुल वयस्क होने की दहलीज पर खड़ा है. उसके दिमाग में यह बात घर कर चुकी है कि माता-पिता बहन को ज्यादा तवज्जो देते हैं. उसे बहन से ईर्ष्या होती है. इस पार्टी से जारा गायब हो जाती है और पूरे देश में हल्ला मच जाता है. मीडिया और सोशल मीडिया में सवालों की बौछार होने लगती है. लेकिन जल्द ही पुलिस उसकी लाश समुंदर से ढूंढ निकाली है. यहां सारे सबूत मुकुल के खिलाफ गवाही देते हैं. लेकिन मुकुल की मां (स्वास्तिका मुखर्जी) को इस पर विश्वास नहीं कि उसका बेटा ऐसा कर सकता है. तब वह वकील साहब माधव मिश्रा (पंकज त्रिपाठी) से मिलती है और कहानी आगे बढ़ती है.
असली दोषी कौन
पहली दो कड़ियों में अपराध स्थापित होने के आगे की कहानी में ज्यादा विस्तार नहीं है, लेकिन निर्माता-निर्देशक ने इसे खींच कर फैलाया है. इसलिए सीरीज कहीं-कहीं सुस्त रफ्तार और बोर लगती है. कुछ जगहों पर आप थ्रिल के बावजूद जानते हैं कि आगे क्या होगा. पिछले दो सीजन की तरह क्रिमिनल जस्टिस 3 न्याय व्यवस्था की पेचीदगियों को उभारने और यह बताने कि कैसे कई बार दोषी असल में शिकार होता है, इस बार ड्रामा पर अधिक फोकस करती है. इससे पुरानी धार कुंद हो गई है. नया सीजन किशोयवय अपराध के बहाने एक नई दुनिया को सामने लाने की कोशिश करता है, लेकिन जुविनाइल जस्टिस की व्यवस्था की जटिलाओं को दिखाने में नाकाम रहता है. अपराध के मामलों में मीडिया और सोशल मीडिया का ट्रायल इधर कई फिल्मों और वेब सीरीज में नजर आया है, वह यहां भी है.
बात एक्टरों की
फ्रेंचाइजी की तरह आने वाली सीरीजों के सामने चुनौती होती है कि अपनी पिछली कड़ियों से बेहतर साबित हों. यही मुश्किल क्रिमिनल जस्टिस के सामने है. पंकज त्रिपाठी पिछले दो सीजन की जान थे, लेकिन यहां पहले जैसी ताजगी नहीं है. वजह यह कि लेखक उनके किरदार में कुछ नया नहीं जोड़ पाए. हालांकि पंकज का चिर-परिचित अंदाज बांधे रखता है और समय-समय पर होठों पर मुस्कान भी खिलाता है. उनकी पत्नी के रूप में खुशबू अत्रे पिछले सीजन से ज्यादा प्रभावी हैं. जबकि अदालत में पंकज के सामने सरकारी वकील के रूप में खड़ी श्वेता बसु प्रसाद ने भी अपना रोल अच्छे ढंग से निभाया है. लेकिन इस बार सबसे ज्यादा कोई प्रभावित करता है तो कठघरे और सवालों के घेरे में खड़े मुकुल का किरदार निभा रहे आदित्य गुप्ता.
किसके लिए देखें
डिज्नी हॉटस्टार ने अपने ऐप पर दर्शकों के लिए इस हफ्ते सीरीज की पहली दो कड़ियां रिलीज की हैं. आगे भी संभवतः इसी सिलसिले को बनाया जाएगा. यानी हर सप्ताह दो एपिसोड. यह आप पर है कि इसे हफ्तावार देखें या फिर सारी कड़ियों के आने पर एक साथ, एक बार में देखेंगे. अगर आपने पिछले दो सीजन देखें तो तीसरा भी देख सकते हैं. इसके एक्टरों के लिए.
निर्देशकः रोहन सिप्पी
सितारेः पंकज त्रिपाठी, स्वास्तिका मुखर्जी, श्वेता प्रसाद बसु, पूरब कोहली, गौरव गेरा, आदित्य गुप्ता, देशना दुगद, खुशबू अत्रे
रेटिंग **
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