नतीजे की समीक्षा, लोकसभा की तैयारी, राजे-शिवराज का भविष्य... 22-23 दिसंबर को दिल्ली में मंथन करेगी भाजपा
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नतीजे की समीक्षा, लोकसभा की तैयारी, राजे-शिवराज का भविष्य... 22-23 दिसंबर को दिल्ली में मंथन करेगी भाजपा

BJP Mission 2024: भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह की तरफ से जारी पत्र के अनुसार,  भाजपा मुख्यालय में 22-23 दिसंबर को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी, विकसित भारत संकल्प अभियान, सभी मोर्चों के कार्य, विधानसभा चुनाव नतीजे की समीक्षा समेत कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होगी.

 नतीजे की समीक्षा, लोकसभा की तैयारी, राजे-शिवराज का भविष्य... 22-23 दिसंबर को दिल्ली में मंथन करेगी भाजपा

Loksabha Elections 2024: राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव 2024 जीतने की तैयारियों में जुट गई है. भाजपा ने इसके लिए 22-23 दिसंबर को सभी बड़े पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है. लोकसभा चुनाव की तैयारियों और विधानसभा चुनावों की समीक्षा के मद्देनजर बैठक भाजपा मुख्यालय में ही होगी. इस रणनीतिक बैठक में भाजपा ने सभी राष्ट्रीय पदाधिकारी, प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश महामंत्री और तमाम मंच और मोर्चों के संयोजकों को बुलाया गया है. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह की तरफ से जारी पत्र के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में लोकसभा चुनाव 2024, विकसित भारत संकल्प अभियान, सभी मोर्चों के कार्य, विधानसभा चुनाव परिणामों की समीक्षा समेत कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होगी. पत्र के मुताबिक, दो दिवसीय बैठक के पहले दिन भाजपा मुख्यालय में 22 दिसंबर को शाम तीन बजे से  राष्ट्रीय पदाधिकारी, प्रदेश प्रभारी, सह-प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश महामंत्री और सभी मोर्चों के अध्यक्षों की बैठक होगी और 23 दिसंबर को सभी प्रदेश महामंत्री (संगठन) की बैठक होगी. हाल ही में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बहुमत हासिल करने से भाजपा का आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है. बैठक में तीनों राज्यों में मुख्यमंत्रियों के चेहरे बदले जाने और अटल-आडवाणी युग के ताकतवर क्षेत्रीय क्षत्रपों की भूमिका को लेकर भी मंथन किया जाएगा.

रमन सिंह बने स्पीकर, क्या होगी वसुंधरा राजे और शिवराज चौहान की सम्मानजनक भूमिका

मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्ता हासिल करने के साथ ही भाजपा ने स्थानीय क्षत्रपों को बदलकर नेतृत्व की नई पंक्ति तैयार करने की कोशिश की. तीनों राज्यों में मुख्यमंत्रियों के साथ दो-दो डिप्टी सीएम भी बनाए गए. इसके लिए जाति, क्षेत्र, शिक्षा, उम्र जैसे कई स्टैंडर्ड का भी ख्याल रखा गया है. भाजपा का दावा है कि लोकसभा चुनाव 2024 फतह करने के लिए रणनीति के तहत ऐसा किया गया है. मिशन-2024 के लिए जीत की स्क्रिप्ट लिखते हुए भाजपा ने अटल-आडवाणी युग में अपने राज्यों में स्थापित वसुंधरा राजे, शिवराज सिंह चौहान और डॉ. रमन सिंह की जगह नई लीडरशिप लाने की कवायद खत्म कर दी. डॉ. रमन सिंह छत्तीसगढ़ विधानसभा के स्पीकर बनाए गए. अब वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान की सम्मानजनक भूमिका तलाशी जा रही है. हालांकि, शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा चुनाव 2024 में मध्य प्रदेश की सभी 29 सीटें जीताकर नरेंद्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाने के मिशन में लगने का एलान कर दिया है. वहीं, वसुंधरा राजे ने इस मामले में फिलहाल कुछ नहीं कहा है. इन तीनों सीनियर नेताओं ने अपनी पारंपरिक सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. लोकसभा चुनाव के लिहाज से देखें तो राजस्थान में 25, मध्य प्रदेश में 29 और छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा की सीटें हैं. इन 65 सीटों मे 61 पहले से ही भाजपा की झोली में है. 

वसुंधरा राजे, शिवराज सिंह चौहान और रमन सिंह की जगह आए नए चेहरे में क्या खास

भारतीय जनता पार्टी राजस्थान, मध्य प्रदेश और छ्त्तीसगढ़ में वसुंधरा राजे, शिवराज सिंह चौहान और डॉ. रमन सिंह जैसे पूर्व मुख्यमंत्रियों की जगह नए चेहरों को सत्ता की कमान सौंप दी है. नतीजे के बाद एक सप्ताह तक तमाम पहलुओं पर विचार कर छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय, मध्य प्रदेश में मोहन यादव और राजस्थान में भजनलाल शर्मा को बतौर मुख्यमंत्री घोषित कर सभी को चौंका दिया है. भाजपा के तीनों क्षेत्रीय क्षत्रपों ने ही विधायक दल की बैठक में खुद मुख्यमंत्री बनने के बजाय दूसरे युवा नेता के नाम का प्रस्ताव रखा. इसके साथ ही तीनों राज्य में दो-दो डिप्टी सीएम बनाकर भी भाजपा ने कई संतुलन को साधने की कोशिश की है. संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ ही भाजपा संगठन के करीबी 60 साल से कम उम्र के लो प्रोफाइल नेताओं को आगे बढ़ाने से आम समर्पित कार्यकर्ताओं का जोश बढ़ाने का तरीका भी अपनाया गया है. भाजपा ने शायद इसीलिए विधानसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी के अलावा दूसरा कोई चेहरा आगे नहीं रखा था. जबकि पिछले दो दशकों से भाजपा इन राज्यों में तीनों बड़े नेताओं को चेहरा बनाकर ही विधानसभा चुनाव लड़ती रही है.

राज्यों में विपक्षी इंडी गठबंधन के हराने की स्ट्रैटजी और चुनावी तैयारियों का जायजा

पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय मंत्रियों समेत अपने 21 सांसदों को मैदान में उतारा था. इनमें से 12 उम्मीदवारों को जीत मिली. वहीं 9 को हार का सामना करना पड़ा. विधानसभा चुनाव जीतने वाले सभी सांसदों ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. सभी विधायक और बाकी मिली जिम्मेदारियों के साथ लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में लगेंगे. सूत्रों के मुताबिक, भाजपा आलाकमान के कार्यक्रमों के साथ ही केंद्र सरकार के लोक कल्याणकारी योजनाओं को जमीनी स्तर पर लोगों के बीच ले जाने की पूरी रणनीति भी भाजपा की बैठक में बनाई जाएगी. इससे लोकसभा चुनाव में भाजपा के 400 पार के लक्ष्य को मदद मिल सकेगी. इसके अलावा दो दिनों की बैठक में भाजपा नेताओं के बीच राज्यों में विपक्षी इंडी गठबंधन को हराने की स्ट्रैटजी भी तैयार की जाएगी. वहीं, प्रदेश स्तर पर अब तक की तैयारियों का जायजा भी लिया जाएगा.

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