Ayodhya Ram Mandir: ना भूकंप कुछ बिगाड़ पाएगी, ना बाढ़; अयोध्या में खास तकनीक से बन रहा भव्य राम मंदिर
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Ayodhya Ram Mandir: ना भूकंप कुछ बिगाड़ पाएगी, ना बाढ़; अयोध्या में खास तकनीक से बन रहा भव्य राम मंदिर

Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर निर्माण कार्य से जुड़े विशेषज्ञों के मुताबिक इस दौरान सबसे ज्यादा ध्यान मंदिर के भूकंप रोधी बनाने पर दिया गया है. 22 जनवरी, 2024 को राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह होने वाला है.

Ayodhya Ram Mandir: ना भूकंप कुछ बिगाड़ पाएगी, ना बाढ़; अयोध्या में खास तकनीक से बन रहा भव्य राम मंदिर

Ram Mandir Earthquake Resistant: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि पर बने भव्य राम मंदिर में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर पूरी दुनिया की निगाहें हैं. इसको लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से भव्य तैयारियां की जा रही हैं. ट्रस्ट और भव्य राम मंदिर निर्माण का काम कर रही कंपनियों के मुताबिक भूकंप और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं में भी यहां कोई नुकसान नहीं होगा.

सिस्मिक जोन-4 के मुताबिक डिजाइन किया गया है भव्य राम मंदिर

सोशल मीडिया पर श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में जारी निर्माण कार्य की तस्वीरें लगातार शेयर की जा रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मुख्य यजमान होंगे. एलएंडटी के राम मंदिर और परकोटा निर्माण के प्रभारी अंकुर जैन ने भूकंप से जुड़े सुरक्षा इंतजामों को लेकर कहा कि  अगर हम आईएस कोड को देखें तो यह सिस्मिक जोन नंबर 3 के अंतर्गत आता है, लेकिन इसे जोन नंबर-4 के अनुसार डिजाइन किया गया है.

ढाई हजार वर्षों तक भूकंप के झटके में भी राम मंदिर पर कोई आंच नहीं 

सीबीआरआई, रूड़की ने अयोध्या राम मंदिर की नींव के डिजाइन की जांच की है. विशेषज्ञों के मुताबिक इसे ग्रेनाइट पत्थर से डिजाइन किया गया है. क्योंकि इसमें आवश्यक घनत्व है. इसलिए हमने इसे कृत्रिम चट्टान के रूप में उपयोग किया है. वहीं, राम मंदिर का मॉडल बनाने वाले सोमपुरा परिवार के आशीष सोमपुरा का कहना है कि ऐसा निर्माण कार्य किया जा रहा है कि ढाई हजार वर्षों तक भूकंप के झटके आते रहे तो भी राम मंदिर पर किसी तरीके की कोई आंच नहीं आएगी. हजारों साल से चली आ रही भूकंप रोधी प्राचीन पद्धति के अनुसार राम मंदिर बनाया जा रहा है.

हाई रिक्टर स्केल वाले भूकंप के झटके में भी सुरक्षित रहेगा राम मंदिर 

आशीष सोमपुरा का कहना है की सीबीआरआई, रुड़की के वैज्ञानिकों और आईआईटी, मद्रास के वैज्ञानिकों ने राम मंदिर के भूकंप रोधी होने पर विशेष रिसर्च किया है. कई बार सुरक्षा व्यवस्था का एनालिसिस किया गया और राम मंदिर निर्माण के इस स्ट्रक्चर को हर बार सेफ स्ट्रक्चर करार दिया है. हाई रिक्टर स्केल वाले भूकंप के झटके में भी राम मंदिर सुरक्षित रह सकता है. भारतीय शिल्प शास्त्र के अनुसार ही राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. इस दौरान मंदिर के कॉलम और बीम पर विशेष ध्यान दिया गया है.

रिक्टर स्केल पर 8 तीव्रता के भूकंप से भी सुरक्षित होगा अयोध्या का राम मंदिर 

अयोध्या राम मंदिर के चारों ओर रिटेनिंग वॉल की मोटी चादर बिछाई गई है. इसे परकोट के नाम से जाना जाता है. राम मंदिर का  यह परकोटा आयताकार रहेगा. चारों दिशाओं में इसकी कुल लंबाई 732 मीटर तथा चौड़ाई 14 फिट रहेगी. ऐसी वैज्ञानिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है कि अगर 8.0 तीव्रता से भूकंप भी आता है. तब भी राम मंदिर का कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता. राम मंदिर की लंबाई 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट रखी गई है. तीन मंजिले मंदिर में सभी मंजिल की ऊंचाई 20 फीट है. अयोध्या राम मंदिर में 44 दरवाजे लगाए जाएंगे. जिसमें से 18 दरवाजे सोने से जड़ित होंगे. इसके अलावा मंदिर में 392 खंभे होंगे. इन सभी खंभे पर भी देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाई जाएगी. 

सरयू नदी में भयानक बाढ़ से भी नहीं होगा राम मंदिर पर कोई बुरा असर 

राम मंदिर को तीन चरणों में बनाया जा रहा है. प्रथम चरण का कार्य पूरा हो गया है. 22 जनवरी को प्रभु राम अपने भव्य महल में विराजमान होंगे. फिर दूसरे चरण के बाद संपूर्ण राम मंदिर का निर्माण कार्य जनवरी 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा. अयोध्या के राम मंदिर के ज्यादातर हिस्से को पत्थरों से बनाया जा रहा है. निर्माण कार्य में कहीं पर भी लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा. सरयू नदी की जलधारा में आने वाली बाढ़ से भी राम मंदिर पर कोई बुरा असर नहीं पड़े. राम मंदिर बनाने वाली संस्थाओं ने इसका भी ध्यान रखा है. 

भारतीय परंपरा और तकनीक के मुताबिक पर्यावरण और जल संरक्षण पर विशेष ध्यान

अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण में भारतीय परंपरा और स्वदेशी तकनीक के मुताबिक पर्यावरण और जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. राम मंदिर परिसर का 70 फीसदी हिस्सा हरित रहेगा. पूरा मंदिर पत्थर और कंक्रीट से बनाया जा रहा है. इसके साथ ही मंदिर में किसी प्रकार की नमी न हो नमी से मंदिर को कोई प्रभाव न पड़े. इसको लेकर जमीन में लगभग 21 फीट ऊंची प्लिंथ ग्रेनाइट से बनाई गई है. मंदिर के नीचे 14 मीटर मोटी आरसीसी बिछाई गई है. इसे कृत्रिम चट्टान का रूप भी दिया गया है. 

जंग लगने की वजह से लोहे के इस्तेमाल से परहेज, ग्रेनाइट पत्थरों को प्राथमिकता

सीआईएसआर-सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई), रूड़की के निदेशक प्रोफेसर रामंचरला प्रदीप कुमार ने राम मंदिर के निर्माण पर कहा, ‘अन्य निर्माण सामग्रियों की तुलना में पत्थर का जीवन बहुत अधिक है, इसलिए हमने इसका इस्तेमाल किया है. राम मंदिर के निर्माण में जिस पत्थर का इस्तेमाल किया गया है वह बहुत लचीला है. हमने लोहे के उपयोग से भी परहेज किया है. क्योंकि इसमें जंग लग जाती है. हमने यह भी सुनिश्चित किया है कि मंदिर की संरचना भूकंप प्रतिरोधी हो.’

राम मंदिर आने वाला श्रद्धालु खुद को त्रेतायुग में ही पाएगा, पांच अलग-अलग मंडप

राम मंदिर निर्माण कार्य में पूरे 17 हजार ग्रेनाइट पत्थरों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इनमें से हर एक का वजन 2 टन है. प्लिंथ बनाने के लिए मिर्जापुर से 4 लाख क्यूबिक फीट गुलाबी पत्थर लाए गए. इसके अलावा राजस्थान के बांसी पहाड़पुर से लाए गए एक लाख क्यूबिक फीट संगमरमर का भी इस्तेमाल किया गया. यहां की कला को उभारने के लिए केरल और राजस्थान के कलाकर 4500 मूर्तियां बना रहे हैं. राम मंदिर को ऐसे बनाया जा रहा है कि यहां आने वाला श्रद्धालु खुद को त्रेतायुग में पाएगा. राम मंदिर के खासियत की बात करें तो मंदिर के अंदर पांच अलग-अलग मंडप होंगे, जिसमें नृत्य, रंग, सभा, कीर्तन और प्रार्थना मंडप शामिल हैं.

प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद आम श्रद्धालु इस तरह कर सकेंगे रामलला के दर्शन

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यानी 23 जनवरी से ना केवल देश से बल्कि विदेशों से भी दर्शनार्थी भक्त अयोध्या आकर भगवान राम के दर्शन कर सकते हैं. रामलला के दर्शन के लिए सुबह का समय 7 बजे से 11 बजकर 30 मिनट रखा गया है. प्रथम बेला के दर्शन के बाद दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक दर्शन का समय तय हुआ है. इस समय श्रद्धालु बिना किसी रोक टोक के दर्शन कर सकता है. 

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