Israel-Hamas War: गाजा को लेकर गुतारेस को आया गुस्सा, 99 के फेरे में इजरायल को आएगा चक्कर!
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Israel-Hamas War: गाजा को लेकर गुतारेस को आया गुस्सा, 99 के फेरे में इजरायल को आएगा चक्कर!

Article 99 of UN: संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में, अनुच्छेद 99 का प्रयोग बहुत कम और केवल अति असाधारण मामलों में करते देखा गया है. यह पहला अवसर है जब एंतोनियो गुतारेस ने, वर्ष 2017 में महासचिव का पद संभालने के बाद, यूएन चार्टर के अनुच्छेद 99 का सहारा लिया है.

Israel-Hamas War: गाजा को लेकर गुतारेस को आया गुस्सा, 99 के फेरे में इजरायल को आएगा चक्कर!

Israel Hamas War: यूएन महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने, सुरक्षा परिषद को लिखे पत्र में, यूएन चार्टर के अनुच्छेद 99 का सन्दर्भ दिया है, जो अध्याय XV का हिस्सा है. संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में, अनुच्छेद 99 का प्रयोग बहुत कम और केवल अति असाधारण मामलों में होता है. पत्र में कहा गया है कि यूएन प्रमुख 'सुरक्षा परिषद के ध्यान में एक ऐसा मामला लाना चाहते हैं जो उनके विचार में, अन्तरराष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा को जोखिम में डाल सकता है.'

यूएन प्रवक्ता स्तेफान दुजैरिक ने प्रेस को इस पत्र के साथ-साथ एक वक्तव्य जारी करते हुए कहा है कि यह पहला अवसर है जब एंतोनियो गुतारेस ने, वर्ष 2017 में महासचिव का पद संभालने के बाद, यूएन चार्टर के अनुच्छेद 99 का सहारा लिया है.

प्रवक्ता के वक्तव्य में बताया गया है कि यूएन प्रमुख ने यह क़दम, 'गाजा और इसराइल में, इतनी छोटी सी अवधि में, मानवीय जीवन को इतने बड़े पैमाने पर हुई हानि को देखते हुए उठाया है.' यूएन प्रमुख का ये पत्र, बुधवार सुबह, सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष को भेजा गया है.

क्या है अनुच्छेद 99?
अनुच्छेद 99 संयुक्त राष्ट्र चार्टर के भीतर एक विशिष्ट प्रावधान है, जो महासचिव को एक विशेष और स्वतंत्र राजनीतिक उपकरण प्रदान करता है. इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए नए खतरों के बारे में चेतावनी जारी करना, उन मामलों पर ध्यान केंद्रित करना है जो अभी तक परिषद के एजेंडे में नहीं हैं.

अनुच्छेद 99 को लागू करके, गुतारेस को किसी सदस्य राज्य के निमंत्रण की आवश्यकता के बिना सुरक्षा परिषद में बोलने का अधिकार प्राप्त होता है.

क्या अनुच्छेद 99 युद्ध का अंत कर सकता है?
अनुच्छेद 99 महासचिव को खतरों की ओर ध्यान आकर्षित कराने का अधिकार देता है, लेकिन यह सुरक्षा परिषद को विशिष्ट प्रस्तावों को अपनाने के लिए मजबूर करने की शक्ति प्रदान नहीं करता है.

संयुक्त राष्ट्र की सबसे शक्तिशाली संस्था के रूप में सुरक्षा परिषद पर अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने की जिम्मेदारी है. यदि परिषद गुतारेस की सलाह पर कार्य करना चुनती है और युद्धविराम प्रस्ताव अपनाती है, तो उसे कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त शक्तियां प्राप्त होती हैं. इन शक्तियों में प्रतिबंध लगाने या अंतरराष्ट्रीय बल की तैनाती को अधिकृत करने का अधिकार शामिल है.

हालांकि,पांच स्थायी सदस्यों - चीन, रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और फ्रांस - के पास मौजूद वीटो शक्ति एक महत्वपूर्ण चुनौती है.

किसी ठोस प्रस्ताव को अपनाने की क्षमता स्थायी सदस्यों की सर्वसम्मत मंजूरी या अनुपस्थित रहने पर निर्भर करती है. इजरायल के मुख्य समर्थक, संयुक्त राज्य अमेरिका ने पहले एक प्रस्ताव को वीटो कर दिया है, जबकि रूस, जो इजरायल का अधिक आलोचक रहा है, ने दूसरे को ब्लॉक कर दिया है.

अनुच्छेद 99 के ऐतिहासिक उदाहरण

अनुच्छेद 99 को अतीत में केवल चार अवसरों पर लागू किया गया है:

कांगो (1960): महासचिव डैग हैमरस्कजॉल्ड ने अनुच्छेद 99 को लागू किया, जिसके परिणामस्वरूप सुरक्षा परिषद ने संकल्प 143 को अपनाया, जिसमें बेल्जियम से अपने सैनिकों को वापस लेने का आह्वान किया गया. कांगो युद्ध जारी रहा, जिसके बाद के वर्षों में संकट गहरा गया.

पूर्वी पाकिस्तान (1971): महासचिव यू थांट ने पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में संघर्ष के दौरान सुरक्षा परिषद के हस्तक्षेप की मांग करने के लिए अनुच्छेद 99 का हवाला दिया. आह्वान के उपयोग का परिणाम और सीमा अस्पष्ट बनी हुई है.

ईरान (1979): महासचिव कर्ट वाल्डहेम ने ईरान बंधक संकट के दौरान अनुच्छेद 99 का इस्तेमाल किया, लेकिन 1981 में अल्जीयर्स समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद रिहा होने तक बंधकों को 444 दिनों तक रखा गया था.

लेबनान (1989): महासचिव जेवियर पेरेज़ डी कुएलर ने लेबनान के बढ़ते गृहयुद्ध में युद्धविराम का आह्वान करने के लिए अनुच्छेद 99 का इस्तेमाल किया. हालाँकि, सुरक्षा परिषद के युद्धविराम के आह्वान के बावजूद संघर्ष जारी रहा.

अनुच्छेद 99 के ऐतिहासिक उपयोग से मिश्रित परिणाम मिले हैं, स्थायी शांति प्राप्त करने में सीमित सफलता मिली है. निवारक उपाय के रूप में डिज़ाइन किए गए इस उपकरण का उद्देश्य संघर्षों को बढ़ने से रोकना है.

हालांकि, गाजा संघर्ष के वर्तमान संदर्भ में, स्थिति पहले से ही खराब होने के बाद अनुच्छेद 99 लागू किया गया है.

गुतारेस ने अपने पत्र में क्या लिखा है?
एंतोनियो गुतारेस ने सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में कहा है कि कुल मिलाकर आठ सप्ताह से अधिक के युद्ध ने 'इजरायल और उसके कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र में भयावह मानवीय पीड़ा, विध्वंस, विनाश व सामूहिक आघात पैदा किया है.' उन्होंने 7 अक्टूबर को इजरायल में किए गए हमले में, हमास के चरमपंथियों द्वारा 1,200 से अधिक लोगों की 'क्रूरतापूर्वक हत्या' को रेखांकित किया है, जिनमें 33 बच्चे भी शामिल थे. उस हमले में बंधक बनाए गए लोगों में से 130 लोग अब भी बंधक हैं.

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा, 'उन बंधकों को तुरंत और बिना शर्त रिहा किया जाए. उन हमलों के दौरान यौन हिंसा की घटनाएँ भयावह हैं.' 

यूएन प्रमुख ने लिखा है कि इजरायल ने हमास लड़ाकों को निशाना बनाना जारी रखा है, इस सैन्य कार्रवाई में पुरे गाजा पट्टी इलाक़े में आम लोगों को गंभीर खतरे का सामना करना पड़ रहा है. अभी तक की खबरों के अनुसार गाजा में, 15,000 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें से 40 प्रतिशत से अधिक बच्चे हैं.

इजरायल की तीखी प्रतिक्रिया 
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस की तीखी आलोचना करते हुए इजराइल ने गुरुवार को कहा कि उनका कार्यकाल ‘विश्व शांति के लिए खतरा है.’ इजरायल ने कहा कि गुतारेस का यह कदम हमास आतंकवादी समूह के समर्थन और सात अक्टूबर को इजराइल में उसके द्वारा किए गए कायरतापूर्ण कृत्यों का समर्थन करने जैसा है. 

इजरायल के विदेश मंत्री एली कोहेन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘गुतारेस का कार्यकाल विश्व शांति के लिए खतरा है.’ कोहेन ने लिखा, ‘अनुच्छेद 99 को लागू करने का उनका (गुतारेस) अनुरोध और गाजा में संघर्ष विराम का आह्वान हमास आतंकवादी संगठन का समर्थन और बुजुर्गों की हत्या, बच्चों के अपहरण और महिलाओं के बलात्कार का समर्थन है.’ उन्होंने कहा, ‘जो कोई भी विश्व शांति का समर्थन करता है उसे हमास से गाजा की मुक्ति का समर्थन करना चाहिए.’

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