Opinion: अभी दिल भरा नहीं माही.. आईपीएल का पीला वाला रंग तुम्हारा ही रहेगा..
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Opinion: अभी दिल भरा नहीं माही.. आईपीएल का पीला वाला रंग तुम्हारा ही रहेगा..

MS Dhoni: आईपीएल-2024 के पहले मैच से पहले अचानक वो खबर आ ही गई. दिल तो अभी भी नहीं मान रहा है और लग रहा है कि नहीं, फिर कुछ जादू होगा और फिर धोनी कप्तानी करेंगे. लेकिन सच यही है कि अब विदाई की घड़ी आ गई है, उनकी उम्र के आगे 42 का नंबर लग गया है.

Opinion: अभी दिल भरा नहीं माही.. आईपीएल का पीला वाला रंग तुम्हारा ही रहेगा..

21 फरवरी 2008, सर्दियों को लगभग परास्त करती हुई सुबह की हल्की चमचमाती धूप. रोज की तरह पतली सी रबड़ में लपेटा हुआ न्यूजपेपर आया तो उसका इंतजार बाकी दिनों से कुछ ज्यादा था. कारण, उसका पहला पन्ना झक पीले रंगों में सराबोर था. पहले पेज पर भारतीय टीम के कप्तान एमएस धोनी की बड़ी सी तस्वीर लगी हुई थी और एक हेडलाइन थी.. सबसे महंगे बिके माही..  कमोबेश यही स्थिति उस दिन लगभग सारे अखबारों की थी. यूं तो यह सब कुछ तय था लेकिन उस दौर में क्रिकेट के शौकीनों और धोनी के दीवानों को अगले दिन के अखबारों में ही सारे फैक्ट्स और फीगर मिलते थे. असल में बीता हुआ वो दिन इंडियन प्रीमियर लीग की पहली नीलामी का दिन था. फिर उसी साल 18 अप्रैल को पहले आईपीएल की शुरुआत भी हो गई. फाइनल में धोनी की चेन्नई को शेन वॉर्न की राजस्थान ने हरा दिया.

पहला आईपीएल तो खत्म हो गया था लेकिन कितना कुछ आना बाकी था, इसका अंदाजा अब 16 साल बाद भी नाकाफी लग रहा है जब आईपीएल का 17वां सीजन शुरू होने वाला है. पहले मैच से पहले अचानक एमएस धोनी ने कप्तानी छोड़ने का ऐलान कर दिया है. दिल तो अभी भी नहीं मान रहा है और लग रहा है कि नहीं, फिर कुछ जादू होगा और फिर धोनी कप्तानी करेंगे. लेकिन सच यही है कि अब विदाई की घड़ी आ गई है, अब उनकी उम्र के आगे 42 का नंबर लग गया है, जो कभी 25-26 या 27 हुआ करता था.

धोनी मतलब सीएसके, सीएसके मतलब धोनी..
यह संयोग ही था कि पहले सीजन के दौरान धोनी भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान बन चुके थे और एक बार टी20 में भारत को चैंपियन बना चुके थे. आईपीएल का पहला सीजन भले ही चेन्नई हारी लेकिन उसके बाद 2010-11 में सीएसके लगातार दो बार जीती. यह भी मजेदार था कि उधर टीम इंडिया को वे आईसीसी ट्रॉफियां जिता रहे थे और इधर धीरे-धीरे सीएसके को आईपीएल का पर्याय बनाते जा रहे थे. हुआ भी यही एन श्रीनिवासन और धोनी की जोड़ी ने इंडियन क्रिकेट को वह सब दिखाया जिसे देखने के लिए क्रिकेट प्रेमी कई सालों से बेताब थे.

फिर उतार-चढ़ाव का वो दौर..
लंबे बालों वाले माही ने चेन्नई सुपर किंग्स को आईपीएल का बेताज बादशाह बना दिया. उन्होंने 16 साल तक इस टीम की कप्तानी की और कुल पांच बार खिताब दिलाए. बीच में 2016-17 में दो साल जब चेन्नई को बैन किया गया तो यह दौर उनके लिए भी काफी उतार चढ़ाव रहा. इस दौरान वे पुणे की टीम से खेले, एक सीजन में कप्तान रहे जबकि दूसरे सीजन में एक खिलाड़ी के तौर पर खेले. लेकिन 2018 में फिर से चेन्नई की जोरदार वापसी हुई और इस बार धोनी ने फिर चैंपियन बनाया. 

ऐतिहासिक वापसी का गवाह IPL..
2018 के बाद 2021 और 2023 में भी धोनी ने आईपीएल को पीले रंग से रंग दिया. सब कुछ बदल गया था लेकिन अगर कुछ बदला नहीं तो कप्तान थाला और उनकी कप्तानी, वे हर बार अपने फैंस को बिना मायूस किए ट्रॉफी का तोहफा दे देते और चुपचाप वहां से निकल लेते. पिछले पांच सीजन में आईपीएल के आखिरी मैचों में तो कमेंट्रेटर भी थाह जानने की कोशिश करते कि क्या यह वाला सीजन उनका आखिरी होगा. वे हर बार अपने अंदाज में ऐसा जवाब देते जो ट्रॉफी के अलावा सबसे बड़ी खबर बन जाता था. 

लेकिन अब बस.. विदाई की घड़ी आ गई है..
ऐसा पहले भी हुआ है जब धोनी ने कप्तानी छोड़ने का ऐलान किया था. 2022 में अचानक उन्होंने जडेजा को टीम की जिम्मेदारी सौंपी थी. वो भी इसी अंदाज में सीजन शुरू होने से एक-दो दिन पहले ही लेकिन फिर 8 मैचों के बाद ही उन्होंने फिर से कमान संभाल ली थी. बतौर धोनी फैन उम्मीद लगाई जा सकती है कि कुछ ऐसा ही होगा लेकिन अब यह बीते वक्त की बात हो गई. चेन्नई मैनेजमेंट ने काफी समय पहले ही संकेत दे दिए थे कि ऋतुराज भविष्य हैं. इस सीजन में धोनी का यह फैसला शायद इसीलिए है कि गायकवाड़ उनसे सीखें और जब सीजन के अंत में धोनी विदाई लें तो अगले सीजन में वे धोनी की गैर मौजूदगी में टीम के लिए अपने को तैयार रखें. 

करीब चार पहले जब उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से अलविदा कहा तो उनके सोशल मीडिया पोस्ट पर उनका पसंदीदा गीत मैं पल दो पल का शायर बज रहा था. यह उनकी दीवानगी ही है कि उस पोस्ट पर उनके फैंस अब तक लगातार कमेंट करते जाते हैं. एक बात तय है कि उन्होंने भले ही खुद को पल दो पल का शायर बताया था लेकिन उन्होंने आईपीएल इतिहास में ऐसी अमिट छाप छोड़ी है जो उनके इस बयान से नाइत्तेफाक रखने के लिए काफी हैं. बाकी टीम इंडिया के लिए उनकी उपलब्धियों के लिए तो कई किताबें.. कई फिल्में कई किवदंतियां कम पड़ जाएंगी.

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