वो साल दूसरा था, ये साल दूसरा है... हिंदुत्व की पिच पर बीजेपी से अलग शॉट लगा रहे नीतीश और नायडू
Advertisement
trendingNow12445563

वो साल दूसरा था, ये साल दूसरा है... हिंदुत्व की पिच पर बीजेपी से अलग शॉट लगा रहे नीतीश और नायडू

Hindu Vote Bank Politics: नीतीश कुमार की जदयू हो या चंद्रबाबू नायडू की तेदेपा, एनडीए मे बीजेपी के दो सबसे बड़े सहयोगी दल अपने-अपने हिंदू वोट बैंक को बचाए रखने में जुटे हैं.

वो साल दूसरा था, ये साल दूसरा है... हिंदुत्व की पिच पर बीजेपी से अलग शॉट लगा रहे नीतीश और नायडू

Politics News: बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए तीसरी बार सत्ता में जरूर लौटा है, लेकिन इस बार परिस्थितियां काफी अलग हैं. पिछले दो कार्यकालों के दौरान, अपने दम पर बहुमत में रही बीजेपी को अब सहयोगियों की जरूरत पड़ने लगी है. बीजेपी के दो प्रमुख सहयोगी दल- तेलुगू देशम पार्टी (TDP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) हैं. इन दोनों ही दलों के नेता अब हिंदुत्व की पिच पर शॉट लगा रहे हैं, लेकिन बीजेपी से अलग. हाल के दिनों का सियासी घटनाक्रम इसकी तस्दीक करता है.

हिंदू वोटों की ललक... नीतीश और नायडू के कदम

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और TDP के मुखिया एन चंद्रबाबू नायडू की पहचान 'टेक्नोलॉजी मैन' की रही है. लेकिन पिछले दिनों उन्होंने पिछली वाई एस जगन मोहन रेड्डी सरकार के कार्यकाल में तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में जानवरों की चर्बी मिलाए जाने का आरोप लगाया. दूसरी तरफ, बिहार के सीएम नीतीश कुमार हैं जिन्होंने अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के आठ महीने बाद पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पीठ थपथपाई.

नीतीश ने पत्र में अयोध्या की तर्ज पर सीतामढ़ी का विकास करने की अपील की. वे चाहते हैं कि मां सीता की जन्मस्थली पुनौरा धाम में बेहतर सड़क और रेल मार्ग दिया जाए. नीतीश ने सीतामढ़ी से अयोध्या तक स्पेशल वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की भी मांग की है.

हाल का यह घटनाक्रम क्या जदयू और तेदेपा की खुद को बीजेपी जैसा दिखाने की कोशिश है या कुछ और? द इंडियन एक्सप्रेस ने बीजेपी सूत्रों के हवाले से लिखा कि पार्टी का एक धड़ा इसे गठबंधन सहयोगियों की 'अपना हिंदू सपोर्ट बेस एकजुट रखने' और 'बीजेपी द्वारा उनसे दूर किए जाने से रोकने' की कोशिश के रूप में देखता है.

यह भी देखें: 36 बिरादरी... हरियाणा की सियासत का वो मुहावरा जिसका हर पार्टी बार-बार कर रही जिक्र

सियासी नफा-नुकसान का गणित

TDP सूत्रों के हवाले से अखबार ने लिखा कि तिरुपति 'प्रसादम' से जुड़े विवाद का लक्ष्‍य जगन मोहन रेड्डी को निशाना बनाना है. लेकिन पार्टी के एक नेता ने कहा कि 'लॉन्ग-टर्म में इससे हमें हमारा हिंदू सपोर्ट बेस बनाए रखने में मदद मिलेगी.' बीजेपी के एक वरिष्‍ठ नेता ने एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि नायडू ने भले ही जगन को घेरने के लिए यह कदम उठाया हो, लेकिन इससे वह श्रद्धालुओं की नजर में भी चढ़ेंगे. उन्होंने कहा, 'जब आप जगन को घेरने के लिए इस मुद्दे को उठाते हैं, तो बीजेपी में वे लोग भी, जिन्होंने YSRCP नेता के साथ मधुर संबंध बनाए रखे हैं, इस पर कार्रवाई करने के अलावा कुछ नहीं कर सकते. इसलिए, नायडू ने यहां एक चतुर चाल चली है.'

हालांकि, TDP के एक नेता इसे किसी 'सियासी दांव' की तरह नहीं देखते. उनके मुताबिक नायडू केवल 'सिस्टम को साफ' करने की कोशिश में लगे हैं. इस नेता ने कहा, 'टीडीपी हिंदुओं के बीच अपने सपोर्ट बेस में इजाफा नहीं कर सकती है क्योंकि उसे पहले से ही समुदाय में काफी समर्थन प्राप्त है. लेकिन निश्चित रूप से, हमें यह देखना होगा कि हम उन्हें खो न दें.'

TDP को पवन कल्याण वाले फैक्टर का भी ध्यान रखना है. आंध्र के डिप्टी सीएम और जनसेना पार्टी के नेता की बीजेपी से अच्छी बनती है. तिरुपति लड्डू विवाद उठने के बाद, पवन कल्याण ने खुलकर हिंदुओं के पक्ष में बयान दिए हैं और 11 दिन की 'प्रायश्चित दीक्षा' कर रहे हैं. TDP नेताओं के मुताबिक, कल्याण ऐसा करके NTR (पूर्व सीएम और TDP के संस्थापक एनटी रामाराव) की बराबरी करने की कोशिश कर रहे हैं.

क्या फिर U टर्न की राह पर चल पड़े हैं नीतीश? बिहार में BJP और JDU में कुछ तो पक रहा!

नीतीश की मांग ने बीजेपी को चौंकाया

नीतीश का राम मंदिर के लिए मोदी की तारीफ करना और सीतामढ़ी से अयोध्या तक डायरेक्ट ट्रेन की मांग करना बीजेपी के गले नहीं उतर रहा. एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बीजेपी नेताओं को लगता है कि नीतीश उनके वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं. भगवा पार्टी के एक नेता के हवाले से अखबार ने लिखा, 'नीतीश कुमार ने पहले कभी ऐसी कोई बात नहीं की है. पिछले आठ महीनों से गठबंधन सहयोगी होने के बावजूद वे चुप हैं. अब जब वे राम मंदिर निर्माण की तारीफ कर रहे हैं, तो पार्टी को देखना होगा कि वे क्या कर रहे हैं.'

हालांकि, बीजेपी की राजनीति जहां 'राम' पर केंद्रित है जो जदयू का फोकस 'सीता' पर है. पत्र से ऐसा लग सकता है कि जदयू किसी तरह बीजेपी की राजनीति का समर्थन कर रही है, लेकिन नीतीश कुमार राज्य में रामायण सर्किट और समग्र पर्यटन के विकास पर नज़र गड़ाए हुए हैं.

तमाम खबरों पर नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें Hindi News Today और पाएं Breaking News in Hindi हर पल की जानकारी. देश-दुनिया की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और रहें अपडेटेड!

Trending news