Prachand Helicopter: काल से कम नहीं है भारत का 'प्रचंड', नाम सुनते ही चीन-पाकिस्तान में मची 'खलबली'
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Prachand Helicopter: काल से कम नहीं है भारत का 'प्रचंड', नाम सुनते ही चीन-पाकिस्तान में मची 'खलबली'

Prachand Helicopter Price: बॉर्डर पर प्रचंड की तैनाती से सेना की ताकत बढ़ने वाली है. प्रचंड हेलीकॉप्टर्स की डील से पाकिस्तान और चीन जैसे दुश्मन देश भी सतर्क हैं. बॉर्डर पर प्रचंड की तैनाती दुश्मनों के लिए किसी काल से कम नहीं है.

Prachand Helicopter: काल से कम नहीं है भारत का 'प्रचंड', नाम सुनते ही चीन-पाकिस्तान में मची 'खलबली'

Prachand Helicopter Specifications: भारतीय सेना (Indian Army) की ताकत दोगुनी होने वाली है. चीन और पाकिस्तान के टैंक्स अब सेना के वार से बच नहीं पाएंगे. भारतीय सेना ने 156 प्रचंड लड़ाकू हेलीकॉप्टर्स की खरीदी को मंजूरी दे दी है. ये सभी हेलीकॉप्टर्स सेना और वायुसेना की टुकड़ियों में शामिल होंगे. रक्षा मंत्रालय ने सेना के लिए 90 और वायुसेना के लिए 66 स्वदेशी लड़ाकू हेलीकॉप्टर प्रचंड खरीदने की मंजूरी दी है. प्रचंड पूरी तरह से स्वदेशी लड़ाकू हेलीकॉप्टर हैं, जिनकी सेना को जरूरत रहती है.

क्यों टेंशन में आए भारत और चीन?

बता दें कि भारतीय रक्षा मंत्रालय ने 2 लाख 23 हजार करोड़ रुपये के भारी-भरकम रक्षा सौदे को मंजूरी दी है और इस खबर से भारत के दुश्मन बहुत चिंतित हैं. सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण खबर भारतीय सीमा पर तैनात दुश्मन टैंकों के लिए आई है. इस नए सौदे के बाद सरहद पर चीन-पाकिस्तान के टैंक भारत की सेना से बचते फिरेंगे.

दुश्मन के टैंक उड़ाने वाले लड़ाकू हेलीकॉप्टर

जान लें कि अभी वायुसेना और सेना को 15 प्रचंड हेलीकॉप्टर सौंपे जा चुके हैं. वायुसेना ने जोधपुर और सेना में असम में इनकी तैनाती की है. पश्चिमी और पूर्वी सीमा पर इस लड़ाकू हेलीकॉप्टर का सीधा मतलब है टैंक या बख्तरबंद हमले को रोकने की फूलप्रूफ तैयारी.

इतिहास में पहली बार होने जा रही ये चीज

भारतीय सेना के इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर शामिल होने वाले हैं. ये हेलीकॉप्टर देश में ही बनेंगे यानी स्वदेशी हथियार इंडस्ट्री से ही सेनाओं को दुश्मन से लड़ने के लिए तैयार किया जा रहा है. और इस फैसले का एक मतलब ये भी है कि पश्चिमी और पूर्वी सीमा के लिए युद्ध को ध्यान में रखकर हथियार खरीदे जा रहे हैं.

दुश्मन के टैंक नहीं कर पाएंगे मुकाबला

भारत की सीमाओं पर प्रचंड हेलीकॉप्टर किसी भी लड़ाई का नतीजा तय कर सकते हैं. क्योंकि युद्ध में दुश्मन के टैंकों का मुकाबला या तो भारतीय टैंक कर सकते हैं या फिर हवा में उड़ते ये लड़ाकू हेलीकॉप्टर. वायुसेना ने पहले कम संख्या में प्रचंड हेलीकॉप्टर शामिल किए. बेहद लाइट यानी हल्का होने और खास रोटर्स होने के चलते प्रचंड ऊंची चोटियों पर भी अपने मिशन को अंजाम दे सकता है.

अलग-अलग ऑपरेशन करने की ताकत वाला प्रचंड

वायुसेना के चीफ एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि हमने शुरुआत में भारतीय वायुसेना के लिए 10 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर खरीदे और उन्होंने अपनी उपयोगिता साबित कर दी है. ये हेलीकॉप्टर वास्तव में बहुत फुर्तीले हैं, वे काफी ऊंचे इलाकों में भी अलग-अलग ऑपरेशन करने में सक्षम हैं और इनकी वजह से सेना और खासकर एयरफोर्स की ताकत जरूर बढ़ेगी.

प्रचंड हेलीकॉप्टर की ताकत

कम वजन के हथियारों से लैस प्रचंड खराब मौसम में भी दुश्मन को खत्म करने का दम रखता है. ये लड़ाकू हेलीकॉप्टर थार के 50 डिग्री तक के तापमान से लेकर सियाचिन के माइनस 50 डिग्री टेंपरेचर में भी ना सिर्फ टेक ऑफ या लैंड कर सकते हैं बल्कि दुश्मन पर अचूक हमला भी कर सकते हैं.

भारतीय वायुसेना के अटैक हेलीकॉप्टरों में प्रचंड सबसे खास है क्योंकि ये भारतीय सेना की जरूरतों के हिसाब से बनाए गए हैं. इसमें मौजूद स्टेल्थ फीचर्स की वजह से ये आसानी से दुश्मन राडार की पकड़ में नहीं आता और दिन हो या रात. मौसम कोई भी हो. हर समय हमला करने में सक्षम है.

- प्रचंड में स्वदेशी हेलीना मिसाइल होगी जो दुश्मन के टैंक को निशाना बना सकती है.

- 70 एमएम के 12-12 रॉकेट के दो पॉड्स लगे हैं, ये रॉकेट्स टैंक और बख्तरबंद गाड़ियों को तबाह कर सकते हैं.

- प्रचंड की नोज़ यानी फ्रंट में एक 20 मिलीमीटर की गन लगी है, जो 110 डिग्री में किसी भी दिशा में घूम सकती है और शत्रुओं पर अटैक कर सकती है.

- ये एयर टू एयर अटैक भी कर सकता है यानी हवा में मौजूद हेलीकॉप्टरों और ड्रोन के लिए भी खतरा है.

156 हेलीकॉप्टरों की खरीद के साथ ये भी तय हो गया कि अब कभी विदेश से ऐसे कॉम्बैट हेलीकॉप्टरों की डील नहीं होगी. एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि अब हमें कभी भी लड़ाकू हेलीकॉप्टर आयात करने की जरूरत पड़ेगी. 156 एलसीएच (प्रचंड हेलीकॉप्टर) हमारी सेना और वायु सेना दोनों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त होने चाहिए.

हाल ही में सेना ने अरुणाचल प्रदेश में प्रचंड हेलीकॉप्टर की क्षमता को परखने के लिए अभ्यास भी किया था. इससे पहले राजस्थान का मैदान हो या फिर लद्दाख, प्रचंड ने हर इलाके में अपनी ताकत दिखाई है. हालांकि दुश्मनों के खिलाफ प्रचंड अकेला नहीं आ रहा है. इसका साथ देने के लिए कई और हथियार भी खरीदे जा रहे हैं.

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