Explainer: राहुल गांधी जब भी विदेश जाते हैं, विवादों की पोटली क्यों बांध लाते हैं? पिछले 5 दौरों की कहानी
Rahul Gandhi US Visit: अमेरिका यात्रा पर गए राहुल गांधी के सिखों से जुड़े बयान ने भारतीय राजनीति में उबाल ला दिया है. राहुल जब-जब विदेश यात्रा पर जाते हैं, उनके बयान पर बखेड़ा हो जाता है.
Rahul Gandhi News: राहुल गांधी इन दिनों विदेश यात्रा पर हैं. उनकी पिछली विदेश यात्राओं और अमेरिका की वर्तमान यात्रा में एक फर्क है. इस बार वे लोकसभा में नेता विपक्ष की हैसियत से विदेश गए हैं. हालांकि, इससे राहुल के अंदाज और बयानों से विवादों को न्योता देने के उनके रिकॉर्ड में कोई बदलाव नहीं आया है. फिलहाल US में मौजूद राहुल ने वहां भी कुछ ऐसे बयान दिए हैं, जिससे भारत में सियासी उबाल आ गया है. इस बार सिखों को लेकर राहुल के बयान पर बीजेपी उन्हें घेर रही है, लेकिन कांग्रेस MP जब-जब विदेश जाते हैं, विवादों की पोटली साथ बांधकर ले आते हैं. उनके पिछली विदेशी यात्राएं भी विवादों से अछूती नहीं रही हैं.
राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा: अब किस बयान पर बवाल?
राहुल मंगलवार को वाशिंगटन में भारतीयों से मुखातिब थे. उन्होंने ऑडियंस में मौजूद एक सिख से उसका नाम पूछा, उसने जवाब दिया भालेंदर सिंह. इसके बाद राहुल कहते हैं, '(भारत में) लड़ाई राजनीति के बारे में नहीं है' यह सतही है' लड़ाई इस बारे में है कि क्या... उन्हें (भालेंदर) एक सिख के रूप में भारत में पगड़ी पहनने की अनुमति दी जाएगी, भारत में कड़ा पहनने की अनुमति दी जाएगी, या गुरुद्वारे में जाने की अनुमति दी जाएगी, यही लड़ाई है, और सिर्फ उनके लिए नहीं, सभी धर्मों के लिए... लड़ाई इस बारे में है कि हम किस तरह का भारत चाहते हैं.'
अमेरिकी की धरती से राहुल ने आरोप लगाया कि भारत में धार्मिक स्वतंत्रता कम हो रही है. उन्होंने आरक्षण पर भी बयान देकर राजनीतिक बखेड़ा खड़ा किया. राहुल ने एक अन्य इवेंट में कहा कि 'कांग्रेस तभी आरक्षण खत्म करने के बारे में सोचेगी, जब देश में सभी को समान अवसर मिलने लगेंगे और फिलहाल भारत में ऐसी स्थिति नहीं है.' सत्ताधारी बीजेपी ने राहुल के बयानों पर कांग्रेस को घेर लिया.
बीजेपी के सिख नेता और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि राहुल की टिप्पणी 'भयावह' है, क्योंकि उन्होंने राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए विदेश में रह रहे सिख समुदाय के सदस्यों के बीच झूठ फैलाने की कोशिश की. पुरी ने कहा, 'सिखों के पगड़ी और कड़ा पहनने के बारे में उनके द्वारा की गई टिप्पणी की मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं.'
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कांग्रेस के शासनकाल में हुए 1984 के सिख विरोधी दंगों का जिक्र करते हुए पुरी ने कहा, 'हमारे इतिहास में अगर कोई समय रहा है जब एक समुदाय के रूप में हमने चिंता, असुरक्षा की भावना और अस्तित्व के खतरे को महसूस किया है तो यह ऐसा समय था जब राहुल गांधी का परिवार सत्ता में था.' उन्होंने कहा, '1984 में सिख समुदाय के खिलाफ नरसंहार किया गया था. 3,000 निर्दोष लोग मारे गए. लोगों को घसीटकर उनके घरों से बाहर निकाला गया, उनके गले में टायर डालकर जिंदा जला दिया गया.'
कांग्रेस ने कैसे किया राहुल गांधी का बचाव?
राहुल के बयान से घर में घिरी कांग्रेस ने कहा कि अमेरिका में राहुल गांधी की उचित टिप्पणियों के लिए उनकी आलोचना करना भाजपा का पाखंड है. कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, 'बीजेपी के लिए अमेरिका में राहुल जी द्वारा दिए गए बयानों के बारे में शिकायत करना भी पाखंड है क्योंकि प्रधानमंत्री अपनी घिसी-पिटी बात कि '2014 से पहले 60 वर्षों में कुछ नहीं हुआ' को दोहराने का एक भी मौका नहीं चूकते, जो वास्तव में एक अपमान है.'
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने राहुल के सिख धर्म पर दिए बयान का समर्थन करते हुए कहा, 'जो हिजाब के खिलाफ आंदोलन करते हैं, जो हिजाब को बैन करने की कोशिश करते हैं, वे कब पगड़ी की तरफ नजर फेर देंगे, मालूम पड़ेगा क्या? चर्चाएं होती रहनी चाहिए' देश में नए-नए विचारों पर चर्चा जरूर होनी चाहिए.'
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राहुल की पिछली विदेश यात्राएं और बयानों पर विवाद
यह पहली बार नहीं, जब राहुल ने विदेश में कुछ कहा हो और उसपर भारत में राजनीति गर्मा उठी हो. राहुल जब-जब विदेश यात्रा पर गए हैं, कुछ ऐसे बोले हैं जिसने बीजेपी को कांग्रेस पर हमले करने का मौका दिया.
- मई 2023 में भी राहुल ने अमेरिका की यात्रा की थी. तब कैलिफोर्निया में भारतीयों से बात करते हुए राहुल ने कहा था कि आरएसएस और भाजपा भारत में राजनीति के सभी साधनों को 'नियंत्रित' कर रहे हैं. सैन फ्रांसिस्को में गांधी ने दावा किया कि 'गरीब और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग आज असहाय महसूस कर रहे हैं.'
- पिछले साल मार्च में राहुल गांधी ने यूनाइटेड किंगडम की यात्रा की थी. लंदन में राहुल ने यह कहकर हंगामा मचा दिया था कि 2014 में बीजेपी सरकार के सत्ता में आने के बाद से भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का 'दमन' किया गया है. उसी यात्रा के दौरान, राहुल ने कथित तौर पर यह भी कहा था कि भारत में सांसद होना 'काफी कठिन' था.
- 2022 में, कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा था कि भारत एक 'राष्ट्र' नहीं बल्कि 'राज्यों का संघ' है. उन्होंने पीएम मोदी पर भी हमला करते हुए कहा था कि देश के लिए मोदी के नजरिये में 'हमारी आबादी का एक बड़ा हिस्सा' शामिल नहीं है. ब्रिटिश लेबर पार्टी के पूर्व प्रमुख और सांसद जेरेमी कॉर्बिन के साथ राहुल की मुलाकात पर भी भारत में विवाद खड़ा हो गया था.
- अगस्त 2018 में, राहुल गांधी ने जर्मनी और ब्रिटेन की यात्रा के दौरान कहा था कि 'नोटबंदी और जीएसटी को सही तरीके से लागू नहीं करने से बेरोजगारी बढ़ी है.' उन्होंने कहा था कि दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़ों को अब सरकारी लाभ नहीं मिलता. गरीबों की योजनाओं का पैसा अब महज चंद बड़े कॉरपोरेट को दिए जा रहे हैं.
- जनवरी 2018 में बहरीन यात्रा पर गए राहुल ने वहां रह रहे भारतीयों से कहा कि, 'मैं आपको यह बताने आया हूं कि भारत इस समय संकट में है और आप देश की मदद कर सकते हैं.' राहुल ने यह भी कहा था कि संवेदनशील मामलों की जांच कर रहे जजों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो रही है.
- सितंबर 2017 में, कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी (बर्कले) में कहा था कि अगर कश्मीर में सुरक्षाकर्मी में मेरे पास खड़े हैं, तो मतलब कश्मीर में कुछ ठीक नहीं है. उन्होंने नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को हुए कथित नुकसान पर बीजेपी को घेरा था. तब राहुल ने कहा था कि 'आज नफरत और हिंसा की राजनीति हो रही है। हिंसा का मतलब मुझसे बेहतर कौन जान सकता है क्योंकि इसमें मैंने अपनी दादी और पिता को खोया है.' इसी दौरे पर, राहुल ने न्यूयॉर्क में कहा कि 'कुछ ताकतें भारत को बांट रही हैं और दुनिया में भारत की छवि खराब कर रही हैं.'