Sukhoi S-70: छठे जेनरेशन के स्टील्थ ड्रोन की 6000 किमी रेंज, फाइटर जेट की तकनीक से लैस रूस का नया हथियार
What Is S-70 Okhotnik-B: साल 2017 से ही बनने की खबर और डिजाइन पर जारी चर्चा के बाद आखिरकार रूस का सबसे नया हथियार दुनिया के सामने आ गया है. मानवरहित हमलावर ड्रोन्स की दुनिया में एक नया कदम बताया जा रहा छठे जेनरेशन के स्टील्थ ड्रोन एस-70 ओखोतनिक-बी (S-70 Okhotnik-B) ने आते ही सबका ध्यान खींच लिया है.
Sukhoi S-70 Stealth Drone: मानवरहित हमलावर ड्रोन्स की दुनिया में एक नया कदम बताया जा रहा रूस का सबसे आधुनिक, छठे जेनरेशन का स्टील्थ ड्रोन एस-70 ओखोतनिक-बी (S-70 Okhotnik-B) दुनिया के सामने आ चुका है. उसकी पहली तस्वीर ने ही दुनिया भर की निगाहें रूस की ओर कर दी हैं. इसके बनने और डिजाइन को लेकर साल 2017 से दुनिया भर में चर्चा हो रही थी.
लंबे इंतजार के बाद आखिरकार, 2024 में इसके प्रोडक्शन शुरू होने की खबर आई है. हालांकि, रूस की ओर से इस वर्ष इन ड्रोनों की पूर्ण तैनाती की योजना बनाई गई थी, लेकिन वर्तमान भू-राजनीतिक माहौल और प्रतिबंधों ने उसकी गति और पैमाने को प्रभावित कर दिया है.
सुखोई और रूसी एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन मिग ने बनाया
फाइटर जेट निर्माण कंपनी सुखोई और रूसी एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन मिग ने साथ मिलकर इस सुखोई एस-70 ओखोतनिक-बी स्टील्थ ड्रोन (Sukhoi S-70 Okhotnik-B Stealth Drone) को बनाया है. इसके साथ ही हवाई युद्ध के बढ़ने और ड्रोन पर बढ़ती निर्भरता के बीच रूस ने बड़ी पहल कर दी है. सुखोई एस-70 स्टील्थ ड्रोन 250 और 500-कैलिबर बम, 1,000 किलोग्राम तक के गाइडेड और अनगाइडेड बम के साथ हवा से सतह और हवा से हवा में मार करने वाली विभिन्न मिसाइलों सहित कई तरह के हथियार ले जाने में सक्षम है.
फाइटर जेट की तकनीकों से लैस मानवरहित ड्रोन
S-70 स्टील्थ ड्रोन ओखोतनिक-बी, मिकोयान स्काट के डिजाइन सिद्धांतों पर आधारित है. यह एक हैवी कॉम्बैट ड्रोन है. यह पांचवीं पीढ़ी के सुखोई Su-57 फाइटर जेट से प्रौद्योगिकी को एकीकृत करता है, जिसका पहली बार 2017 में अनावरण किया गया था. कम से कम साल 2011 से इसका विकास किया जा रहा है. इस भारी लड़ाकू ड्रोन को Su-57 के साथ मिलकर काम करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो रडार और लक्ष्य निर्धारण क्षमताओं को बढ़ाता है. यह दुश्मन की हवाई सुरक्षा से परे लंबी दूरी के हथियारों का इस्तेमाल करने की इजाजत देता है.
ओखोतनिक ने अगस्त 2019 में भरी थी पहली उड़ान
नोवोसिबिर्स्क एयरक्राफ्ट प्रोडक्शन एसोसिएशन में कई ग्राउंड टेस्ट और टैक्सीइंग ट्रायल के बाद ओखोतनिक ने अगस्त 2019 में अपनी पहली उड़ान भरी थी. अख्तुबिंस्क में चकालोव स्टेट फ्लाइट टेस्ट सेंटर से 600 मीटर की ऊंचाई पर इस अहम घटना को अंजाम दिया गया था. इसके बाद, उसी वर्ष सितंबर में, रूसी रक्षा मंत्रालय ने एक फुटेज जारी की जिसमें ओखोतनिक को Su-57 के साथ उड़ान भरते हुए दिखाया गया. यह मानवयुक्त विमान के साथ इसके परिचालन तालमेल को दिखाता था.
आधुनिक युद्ध में अजेय कॉम्बैट और स्पीड का मेल
ओखोतनिक की क्षमताएं बहुत ज़्यादा हैं. इसकी परिचालन सीमा AL-31 जेट इंजन द्वारा बढ़ाई गई है. वही इंजन जिसका उपयोग Su-27 फाइटर जेट में किया जाता है, जिससे यह 620 मील प्रति घंटे से अधिक की गति और लगभग 6,000 किमी की रेंज तक पहुंच सकता है. ड्रोन स्वायत्त रूप से जटिल मिशनों को अंजाम दे सकता है, जिसमें टेकऑफ़ और लैंडिंग शामिल है, जो इसे आधुनिक युद्ध में एक अजेय एसेट बनाता है. सटीक बमों से लेकर हवा से हवा और हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों तक, विभिन्न प्रकार के हथियारों को ले जाने की इसकी क्षमता, युद्ध के मैदान में इसकी बहुमुखी जरूरत को बढ़ाती है.
भविष्य के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद
इसमें स्टील्थ तकनीक भी शामिल है, जिसमें एक फ्लैट नोजल डिज़ाइन शामिल है जो इसकी रडार इनविजिबलिटी को बेहतर बनाता है. यह इसकी प्रभावशीलता में एक महत्वपूर्ण फैक्टर है. इस ड्रोन का विकास ड्रोन युद्ध में रूस की रणनीतिक धुरी को बतलाका है, जो यूक्रेन में चल रही सैन्य व्यस्तताओं के बीच और भी बेहतर हो गया है. S-70 से भविष्य के युद्ध हालातों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है, जो विभिन्न मिशन प्रोफाइल को अंजाम देने के लिए अपनी स्टील्थ क्षमताओं, उच्च गति और महत्वपूर्ण पेलोड क्षमता का लाभ उठाएगा.
यूक्रेन से जंग के बीच रूस ने यूएवी कार्यक्रमों को बढ़ाया
यूक्रेनी सैनिकों द्वारा ड्रोन के बड़े पैमाने पर उपयोग और नियोजित रणनीतियों को ध्यान में रखते हुए, रूस ने अपने यूएवी कार्यक्रमों को गति दी है, जिसमें ईरान के साथ अपने क्षेत्र में शाहद ड्रोन का उत्पादन करने के लिए साझेदारी करना शामिल है. जैसे-जैसे दुनिया में सैन्य प्रतिमान मानवयुक्त विमानों के साथ-साथ मानव रहित प्रणालियों को शामिल करने की ओर बढ़ रहे हैं, S-70 ओखोतनिक-बी एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी और युद्ध में बढ़त बनाए रखने के लिए रूस की प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है.