हार के बाद टीम का ड्रेसिंग रूम या टनल फतह; PM मोदी हमेशा खींचते हैं बड़ी लकीर
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हार के बाद टीम का ड्रेसिंग रूम या टनल फतह; PM मोदी हमेशा खींचते हैं बड़ी लकीर

पीएम नरेंद्र मोदी का हर एक अंदाज अलहदा होता है. सिलक्यारा टनल से सुरक्षित बाहर निकले सभी 41 मजदूरों से उन्होंने बातचीत की. मजदूरों के हौसले की तारीफ की. लेकिन यह पहला मौका नहीं है. इससे पहले भी कुछ खास मौकों पर उन्होंने निराश खिलाड़ी हों या निराश वैज्ञानिक उनके हौसले को बढ़ाया था.

हार के बाद टीम का ड्रेसिंग रूम या टनल फतह; PM मोदी हमेशा खींचते हैं बड़ी लकीर

उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल से 29 नवंबर को राहत वाली खबर आई. चट्टानों को चीर कर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे विशेषज्ञों ने सभी 41 मजदूकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. एक एक कर 41 मजदूरों के सुरंग से बाहर निकलने के बाद ऑपरेशन पूरी तरह समाप्त हो गया. मजदूरों के बाहर निकलने के बाद पूरे देश में जश्न का माहौल था. इन सबके बीच पीएम मोदी ने सभी मजदूरों से फोन कर बात की और उनके हौसले की तारीफ की. लेकिन यह पहला मौका नहीं था जब पीएम मोदी ने कुछ अलग किया हो. उन अलग अलग प्रसंगों के जिक्र से पहले पीएम मोदी ने मजदूरों से क्या कुछ कहा पहले उसे जानते हैं.

मजदूरों से पीएम मोदी की खास बातचीत

  • संकट के बाद भी आप सबने जंग जीती

  • आप सब पर बाबा केदारनाथ की विशेष कृपा रही

  • अभियान से जुड़े सभी लोगों को सलाम

  • आपके परिवारों ने कठिन समय में संयम बरता

  • मजदूरों का साहस और धैर्य प्रेरित करने वाला है.

  • लगातार उत्तराखंड के सीएम के संपर्क में था

  • मानवता और टीम वर्क की अद्भुत इस्तेमाल

 ड्रेसिंग रूम में टीम इंडिया के खिलाड़ियों से मुलाकात

महीना यही नवंबर का था और तारीख 19 नवंबर थी. अहमदाबाद के स्टेडियम में वर्ल्ड कप फाइनल में भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीम एक दूसरे के आमने सामने थी. पूरे देश को उम्मीद थी कि टीम इंडिया इतिहास रच देगी. हालांकि नतीजा भारत के पक्ष में नहीं आया था. टीम इंडिया के खिलाड़ी बूझे मन से ड्रेसिंग रूम में हार के गम को पचाने की कोशिश कर रहे थे. ऐसे में उनके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा जब पीएम मोदी खुद ड्रेसिंग रूम में गए, एक एक खिलाड़ी मुलाकात की. उनसे हाथ मिलाया, बात की. उन्होंने कहा कि स्पोर्ट में जीत-हार का सिलसिला चलता रहता है. आप लोगों ने बेहतर खेल का प्रदर्शन किया. मैच के दौरान क्या खामी रही उसका विश्लेषण कर आगे बढ़ने की जरूरत है. टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम में पीएम मोदी खिलाड़ियों से रूबरू हो रहे थे और टीवी स्क्रीन पर पूरा देश उन्हें देख रहा था. ड्रेसिंग रूम का वो दृश्य अलहदा था. खिलाड़ियों को उम्मीद नहीं थी कि पीएम खुद उनसे मिलने के लिए आएंगे. सामान्य तौर पर कहा माना भी जाता है कि अगर कोई बड़ी शख्सियत मुश्किल के क्षणों में दो चार बात कर ले तो उत्साह और बढ़ जाता है.

2021 में महिला खिलाड़ियों की हौसलाआफजाई

2021 में भारतीय महिला हॉकी टीम पहली ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची थीं. हालांकि ब्रिटेन से हार का सामना करना पड़ा था. स्वाभाविक तौर पर महिला खिलाड़ी निराश थीं. लेकिन एक तस्वीर ने करोड़ों भारतीयों के दिल को जीत लिया था. पीएम मोदी ने खिलाड़ियों से बात की और उस दौरान वो फूट फूट कर रोने लगीं. पीएम मोदी ने कहा था कि देश को आप पर गर्व है. आपने बेहतरीन खेल दिखाया. हार से निराश होने की जरूरत नहीं है बल्कि सबक लेकर आगे बढ़ने की जरूरत है. उन्होंने कहा था कि आप लोग बहुत बढ़िया खेले, आपने इतना पसीना बहाया, इतना पसीना बहाया, सब कुछ छोड़कर आप लोग साधना कर रहे थे, आप का पसीना भले ही पदक नहीं ला सका हो, लेकिन आपका पसीना करोड़ों बेटियों के लिए प्रेरणा बन गया.

2019 मिशन चंद्रयान

चार साल पहले का वो दृश्य याद करिए जब मिशन चंद्रयान की असफलता के बाद इसरो के डॉयरेक्टर के शिवन रो पड़े थे. मिशन चंद्रयान की कामयाबी का गवाह बनने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी खुद इसरो सेंटर में मौजूद थे. जब वो इसरो स्पेस सेंटर से बाहर निकले और उनके गले लगे. उन्हें ढांढस दिया, पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हर एक असफलता कामयाबी का आधार बनती है. भले ही हमें कामयाबी नहीं मिली हो. लेकिन हम लोग हिम्मत के धनी हैं, फिर उठेंगे, आगे बढ़ेंगे और चांद को फतह करेंगे. इस असफलता से निराशा का होना स्वाभाविक है लेकिन हमें खुद पर भरोसा बनाते हुए आगे बढ़ने की जरूरत है.

2023 का मिशन चंद्रयान

23 सितंबर वो तारीख थी. चार साल पहले भले ही मिशन चंद्रयान कामयाब नहीं हुआ था, लेकिन चार साल बाद मिशन चंद्रयान में भारत कामयाब हो चुका था, उस खास दिन पीएम नरेंद्र मोदी ब्रिक्स समिट के दौरान दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में थे. वो वहीं से भारत की कामयाबी के गवाह बने, उस वक्त उन्होंने कहा था कि जैसे ही वो भारत आएंगे. बेंगलुरु में इसरो के वैज्ञानिकों से मिलने के लिए आएंगे. पीएम मोदी एक बार इसरो सेंटर पहुंचे और कहा कि भारत को आप से पहले भी गर्व था और आज भी है. हम लोग उस भारत मां के हिस्से हैं जो नाकामी से डर कर बैठ नहीं जाते हैं बल्कि पूरे उत्साह के साथ आगे बढ़ जाते हैं. चार साल पहले जो निराशा का भाव था उससे बाहर निकल कर आप लोगों ने कमाल कर दिया.

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