Cerebral Palsy से पीड़ित स्टूडेंट को मिली Google में नौकरी, पढ़िए सफलता की कहानी
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Cerebral Palsy से पीड़ित स्टूडेंट को मिली Google में नौकरी, पढ़िए सफलता की कहानी

IIT Guwahati में पढ़ने वाले 22 साल के प्रणव नायर ने बड़ी उपलब्धी हासिल की है. उन्हें गूगल में नौकरी मिल गई है, वो भी सेरेब्रल पाल्सी जैसी चुनौतियों का सामना करने के बाद. 

 

Cerebral Palsy से पीड़ित स्टूडेंट को मिली Google में नौकरी, पढ़िए सफलता की कहानी

22 साल के प्रणव नायर, जो इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी गुवाहाटी (IITG) में पढ़ते हैं, उन्होंने एक शानदार उपलब्धि हासिल की है. उन्हें गूगल में नौकरी मिल गई है, वो भी सेरेब्रल पाल्सी जैसी चुनौतियों का सामना करने के बाद. प्रणव की प्रेरणादायक कहानी उनकी हिम्मत, दृढ़ संकल्प और उनके माता-पिता और संस्थान से मिले अटूट समर्थन का सबूत है.

शुरुआत में आईं दिक्कतें

पढ़ाई-लिखाई में दिक्कतों और जरूरी चीजों को पाने में परेशानियों के बावजूद प्रणव के माता-पिता चाहते थे कि उन्हें आम स्कूलों में ही पढ़ाई मिले. लेकिन बहुत कोशिश के बाद भी उन्हें जरूरी सुविधाएं देने में कई स्कूल हिचक रहे थे, इसलिए उन्हें दाखिला लेने में काफी दिक्कतें हुईं. बचपन में प्रणव को बहुत सी परेशानियां झेलनी पड़ीं क्योंकि उन्हें चलने के लिए व्हीलचेयर पर निर्भर रहना पड़ता था. इस वजह से सफर करना और कई दूसरे काम उनके लिए मुश्किल थे.

माता-पिता को दिया श्रेय

बड़ी मुश्किलों के बावजूद, प्रणव को कुछ चीजों में मजा और सफलता मिली, जैसे कि सार्वजनिक रूप से बोलना. वो अपनी हिम्मत का श्रेय अपने माता-पिता को देते हैं, जिन्होंने उन्हें आम सोच से आगे बढ़कर सपने देखने का मौका दिया और हर तरह से उनका साथ दिया - चाहे भावनात्मक रूप से, शारीरिक रूप से, या आर्थिक रूप से.

बनना चाहते थे डॉक्टर

शुरू में प्रणव डॉक्टर बनना चाहते थे, लेकिन उनके माता-पिता ने सुझाया कि ऐसा क्षेत्र चुनें जहाँ उनकी काबिलियतें सीमित न हों. कंप्यूटर में रुचि के चलते उनका लक्ष्य सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना हो गया. आईआईटी में कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में सीट मिलने के बाद प्रणव के जीवन में एक बड़ा बदलाव आ गया.

नई टेक्नोलॉजी ने प्रणव की ज़िंदगी को आसान बनाने में बहुत मदद की है और वो खुद भी चाहते हैं कि तकनीक को हर किसी के लिए सुलभ बनाया जाए. IIT गुवाहाटी में उन्हें ज्यादा परेशानी नहीं हुई, बल्कि वहां से मिलने वाले प्लेसमेंट, हैकाथॉन, इंटर-IIT जैसे मौकों ने उन्हें आगे बढ़ने में काफी मदद दी.

बेंगलुरु में गूगल जॉइन करेंगे

प्रणव की IITG में सफलता की कहानी में गूगल के ऑन-कैंपस हायरिंग के दौरान दो इंटर्नशिप हासिल करना भी शामिल है, जिसके बाद उन्हें गूगल से ही प्री प्लेसमेंट ऑफर मिला. प्रणव जुलाई में ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद बेंगलुरु में गूगल जॉइन करेंगे. प्रणव की कहानी सिर्फ शारीरिक चुनौतियों से जीतने की नहीं है, बल्कि सीमाओं को तोड़कर मुश्किलों के सामने भी बेहतरीन हासिल करने की है. 

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