Trending Photos
नई दिल्ली: कोविड-19 बीमारी (Covid-19) से रिकवर होने वाले 30 से 50 की उम्र वाले लोगों में तेजी से हार्ट से जुड़ी समस्याएं देखने को मिल रही हैं (Heart problem). हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो इसमें सांस लेने में दिक्कत महसूस होना, चेस्ट पेन, अचानक हार्ट बीट का बहुत तेज या धीमा हो जाना, हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर जैसी दिक्कतें शामिल हैं. इसका कारण है लॉन्ग कोविड (Long covid) यानी वैसे मरीज जिनमें कोविड-19 से रिकवर होने के बाद भी लंबे समय तक बीमारी के लक्षण मौजूद रहते हैं. यह देखने में आ रहा है कि कोविड-19 से रिकवर होने वाले कई मरीजों में बाद में हृदय से जुड़ी दिक्कतें हो रही हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट की मानें तो Post covid यानी कोविड के बाद भी शरीर में इन्फ्लेमेशन और ब्लड क्लॉटिंग (Blood clotting) यानी खून का थक्का जमने की समस्या होती है जिस वजह से मरीजों में हार्ट से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं. पुणे के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ प्रमोद नरखेड़े कहते हैं, 'कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित होने के बाद 30 से 50 साल की उम्र के कई मरीजों में फेफड़ों में संक्रमण और निमोनिया की वजह से सांस फूलने और सांस लेने में दिक्कत (Breathlessness) की समस्या होती है. लेकिन खांसी और सांस फूलने की समस्या हृदय रोग से जुड़ी भी हो सकती है जिसका पता लगाने में डॉक्टर चूक जाते हैं. कोविड के बाद वैसे मरीज जो पहले हेल्दी थे उनमें भी कार्डियक यानी हृदय रोग से जुड़ी समस्याएं अधिक देखने को मिली.
ये भी पढ़ें- बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए जारी हुई गाइडलाइन्स, पेरेंट्स के लिए ये जानना है जरूरी
डॉ नरखेडे कहते हैं कि मरीजों में हाइपरटेंशन और घबराहट (Palpitation) महसूस होने से लेकर हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर, स्ट्रोक और पल्मोनरी एम्बोलिज्म जैसी गंभीर दिक्कतें भी देखने को मिल रही हैं. यही कारण है कि डॉक्टर लोगों को यही सलाह दे रहे हैं कि कोविड से रिकवर होने के बाद भी मरीजों को नियमित रूप से कार्डियक स्क्रीनिंग (Cardiac screening) करवानी चाहिए ताकि अगर हार्ट के फंक्शन में किसी भी तरह की कोई समस्या नजर आती है तो शुरुआत में ही उसका पता लगाया जा सके.
ये भी पढ़ें- ये लक्षण बताते हैं कि कोरोना फेफड़ों के अलावा इन अंगों को भी कर रहा है प्रभावित
अगर आपको चक्कर आना, सिर घूमना, सिर में दर्द रहना, घबराहट महसूस होना, हाइपरटेंशन, उल्टी आना, पसीना आना, सांस फूलना, चेस्ट पेन जैसी हल्की फुल्की दिक्कत भी महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. बीमारी को अगर शुरुआत में ही डायग्नोज कर लिया जाए और इलाज समय पर शुरू हो जाए तो मरीज को आगे चलकर बेहतर जीवन जीने में मदद मिलती है. साथ ही अपने हार्ट का ख्याल रखने के लिए फाइबर और प्रोटीन से भरपूर चीजें खाएं. तली-भुनी, मसाले वाली चीजें, प्रोसेस्ड और जंक फूड से दूर रहें. एक्सरसाइज करें, वजन बढ़ने न दें और अल्कोहल और स्मोकिंग से दूर रहें.
(नोट: किसी भी उपाय को करने से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श करें. Zee News इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
सेहत से जुड़े अन्य लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
देखें LIVE TV -