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Coronavirus Signs: ये संकेत और लक्षण बताते हैं, कोरोना फेफड़ों के अलावा अन्य अंगों को भी प्रभावित कर रहा है!

कोरोना वायरस आम तौर पर एक रेस्पिरेटरी इंफेक्शन है जो फेफड़ों को प्रभावित करता है लेकिन शरीर के अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकता है यह वायरस, इसलिए इन लक्षणों को इग्नोर न करें.

फेफड़ों को क्षतिग्रस्त कर सकता है कोरोना वायरस

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फेफड़ों को क्षतिग्रस्त कर सकता है कोरोना वायरस

कोरोना वायरस श्वसन पथ (रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट) में प्रवेश करता है जिससे खांसी, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ की समस्या महसूस होती है और उसके बाद अगर वायरस फेफड़ों तक पहुंच जाए तो फेफड़ों की सेहत को बुरी तरह से प्रभावित करता है. यह वायरस शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं में प्रवेश कर अपनी संख्या बढ़ाने लगता है. लेकिन फेफड़ों के साथ ही शरीर के अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकता है कोरोना वायरस. लिहाजा इन संकेतों को आप नजरअंदाज न करें.

हार्ट को भी नुकसान पहुंचा सकता है वायरस

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 हार्ट को भी नुकसान पहुंचा सकता है वायरस

हार्वर्ड हेल्थ पब्लिकेशन की मानें तो अगर खून में ट्रोपोनिन एन्जाइम का लेवल बढ़ जाए तो हार्ट इंजुरी का पता चलता है और कोविड-19 की गंभीर बीमारी की वजह से अस्पताल में भर्ती एक चौथाई मरीजों मं यह समस्या देखने को मिली. हार्ट रेट असामान्य हो जाए, दिल की धड़कन तेज होने लगे, सीन में दर्द महसूस हो और बहुत अधिक थकान लगे तो इन लक्षणों को हल्के में न लें क्योंकि कोरोना वायरस इंफेक्शन से पीड़ित लोगों में ये लक्षण नजर आते हैं. 

तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचाता है वायरस

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तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचाता है वायरस

कोरोना से जुड़ी कई रिपोर्ट में यह देखने को मिला है कि कोविड-19 के कई मरीज अक्सर सिरदर्द, सिर घूमना या चक्कर आना, धुंधला दिखना और भ्रम महसूस करने जैसे लक्षणों की भी शिकायत करते हैं. JAMA न्यूरोलॉजी में प्रकाशित एक स्टडी में पाया गया कि अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के 214 मरीजों में से एक तिहाई में न्यूरोलॉजी यानी तंत्रिका तंत्र से संबंधित लक्षण देखने को मिले. कोविड-19 की वजह से कई मरीजों में अल्जाइमर्स और पार्किंसन्स जैसी बीमारियां भी देखने को मिल रही हैं.

किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है वायरस

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किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है वायरस

कोरोना से रिकवर होने वाले मरीजों में किडनी फंक्शन से जुड़ी समस्याएं भी देखने को मिल रही हैं. किडनी की कोशिकाओं में प्रवेश करने के बाद वायरस वहां पर गंभीर इन्फ्लेमेशन क्रिएट करता है जिसकी वजह से किडनी के स्वस्थ टीशूज को गंभीर नुकसान पहुंचता है. ऐसे में कई मरीजों में कोविड-19 के बाद (पोस्ट कोविड) यूरिन के आउटपुट में कमी जैसे लक्षण भी देखने को मिलते हैं.

कोरोना वायरस की वजह से ब्लड क्लॉट हो सकता है

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 कोरोना वायरस की वजह से ब्लड क्लॉट हो सकता है

कोविड-19 बीमारी की वजह से शरीर में गंभीर इन्फ्लेमेशन होते हैं जिसकी वजह से ब्लड क्लॉट यानी खून का थक्का जमने की समस्या भी हो सकती है. दरअसल, यह वायरस शरीर में मौजूद ACE2 रिसेप्टर्स के साथ खुद को अटैच कर लेता है और रक्तवाहिकाओं से ऐसा प्रोटीन उत्पादन करवाता है जिससे ब्लड क्लॉटिंग यानी खून का थक्का जमने लगता है. सिर्फ फेफड़ों में ही नहीं बल्कि शरीर के कई अन्य हिस्सों में भी ब्लड क्लॉट की समस्या देखने को मिली है.

(नोट: किसी भी उपाय को करने से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श करें. Zee News इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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