Sonali Bendre suffered high grade metastatic cancer: सोनाली बेंद्रे ने जिस कैंसर का सामना किया है, वो बेहद खतरनाक माना जाता है, नाम है मेटास्टैटिक कैंसर, जानिए इसके बारे में सबकुछ....
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भूपेंद्र राय- Sonali Bendre suffered high grade metastatic cancer: कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसका नाम सुनने भर से रुह कांप जाती है. कैंसर से बॉलीवुड स्टार्स भी अछूते नहीं रहे. इस बीमारी से जूझने वाले कुछ स्टार्स ने इससे जंग जीती तो कुछ ने अपनी जान गवां दी. सरफरोश, दिलजले, बॉम्बे, भाई, हम साथ-साथ हैं और 'कल हो न हो' जैसी शानदार फ़िल्मों में काम कर चुकीं सोनाली बेंद्रे भी कैंसर का सामना कर चुकी हैं. 3 साल पहले 2018 में उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक लंबी पोस्ट लिखकर बताया था कि उन्हें 'हाईग्रेड मेटास्टैटिक कैंसर' है.
क्या है हाईग्रेड मेटास्टैटिक कैंसर? (What is high grade metastatic cancer)
आसान शब्दों में कहें यह एक ऐसा कैंसर है, जो शरीर के एक हिस्से से शुरू होकर बॉडी के दूसरे पार्ट्स को भी अपनी ज़द में ले लेता है और धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल जाता है. ये बेहद खतरनाक माना जाता है और इसका उपचार स्टेज IV ब्रेस्ट कैंसर की तरह किया जाता है. अगर ब्रेस्ट कैंसर फेफड़ों में फैलता है, तो इसे मेटास्टैटिक ब्रेस्ट कैंसर कहा जाएगा, लंग्स कैंसर नहीं. एक और उदाहरण से समझें कि यदि किसी को ब्रेस्ट कैंसर है और वो हड्डियों तक फैल जाए तो उसे ब्रेस्ट कैंसर विद बोन मेटास्टैटिक कहेंगे.
क्या लिखा था सोनाली बेंद्रे ने....
सोनाली बेंद्रे ने अपने कैंसर के बारे में जितनी बातें इंस्टाग्राम पर शेयर थीं, उनसे बिल्कुल सटीक ये पता नहीं लगाया जा सकता है कि उनका कैंसर कितना खतरनाक था, क्योंकि किसी भी कैंसर की पहचान करने के लिए उसके प्राइमरी ट्यूमर की लोकेशन का पता होना बेहद जरूरी है, जिसे सोनाली बेंद्रे ने अपनी पोस्ट में साफ नहीं किया था. उन्होंने सिर्फ मेटास्टैटिक कैंसर का जिक्र किया था, नीचे जानिए इसके लक्षण और इलाज...
मेटास्टैटिक कैंसर के सामान्य लक्षण
किन हिस्सों में फैल सकता है मेटास्टैटिक कैंसर
National Institutes of Health (NIH) के अनुसार, ये कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में फैल सकता है. हड्डी, यकृत और फेफड़े ये तीन ऐसी जगहें हैं, जहां मेटास्टैटिक कैंसर जल्द पहुंच जाता है.
कैसे किया जाता है इलाज
एनआईएच (NIH)के अनुसार, मेटास्टैटिक कैंसर एक बार फैल जाए तो इसे काबू करना मुश्किल होता है. इसका इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि कैंसर कितना फैला है, मरीज की उम्र और उसकी मेडिकल हिस्ट्री क्या है. इसके लिए कीमोथेरेपी या हार्मोन थेरेपी दी जा सकती है.
कीमोथेरेपी से जीती कैंसर से जंग
सोनाली बेंद्रे को साल 2018 की जुलाई में कैंसर की बीमारी के बारे में पता चला था. इसका खुलासा उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक फोटो शेयर करते हुए किया था कि उन्हें मेटास्टैटिक कैंसर है. इसके बाद वो अपने पति के साथ इलाज के लिए न्यूयार्क चली गईं थीं और 4 महीने तक इलाज कराने के बाद भारत वापस लौटीं. सोनाली बेंद्रे के शरीर में कैंसर काफी तेजी से फैल रहा था, इसके चलते उन्हें अपने इलाज के लिए बाल तक कटवाने पड़े थे. बाद में उन्होंने कीमोथेरेपी से कैंसर की जंग जीती और अब अपने परिवार के साथ खुशी के कीमती पल बिता रही हैं.
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यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.