महात्मा गांधी ने जीवन के आखरी पड़ाव तक सेहत को सबसे ऊपर रखा और हेल्दी रहने के लिए इस तरीके को अंत तक अपनाया.
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गर्दिश में सितारे/सुरेंद्र अग्रवाल: 12 मार्च 1930 में अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से करीब 80 लोगों का एक काफिला दांडी की तरफ कूच कर चुका था. जिसके सबसे आगे सिर्फ तन ढकने लायक कपड़े पहने एक 60 वर्ष का बुजुर्ग लाठी के सहारे पहाड़ जैसा रास्ता तय कर रहा था. हर कोई देखकर दंग था कि इस उम्र में कोई इंसान करीब 390 किलोमीटर कैसे चल सकता है. लेकिन ये असंभव-सा काम करके महात्मा गांधी ने दुनिया के सामने मिसाल पेश की. कौन कह सकता था कि उस वक्त तक महात्मा गांधी 'बापू' फेफड़ों की बीमारी, पेट की बीमारी जैसी 3 खतरनाक समस्याओं को झेल चुके हैं.
सिर्फ इतना ही नहीं, अपने पूरे जीवनकाल में उन्होंने लगभग 7 खतरनाक बीमारियों को झेला था. लेकिन इसके बाद भी वह पूरी तरह स्वस्थ, सेहतमंद और फुर्तीले थे. ये सब सिर्फ 1 बदलाव के कारण हो पाया था.
'बापू' ने झेली थी ये 7 खतरनाक बीमारियां
NCBI पर डॉ. बलराम भार्गव और डॉ. रजनी कांत की एक रिपोर्ट प्रकाशित है, जिसमें महात्मा गांधी द्वारा झेली गई 7 खतरनाक बीमारियों का जिक्र है.
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इस 1 बदलाव ने पूरी जिंदगी रखा फिट और हेल्दी
आपको बता दें कि डॉ. बलराम भार्गव इस समय आईसीएमआर के महानिदेशक हैं और डॉ. रजनी कांत भी आईसीएमआर में ही हैं. इन दोनों ने बताया कि महात्मा गांधी चिकित्सा की हर पद्धति में विश्वास रखते थे. लेकिन जब बात अपनी सेहत की आती थी, तो वह प्राकृतिक इलाज और बचाव को ज्यादा तरजीह देते थे. वह संतुलित व सात्विक खानपान, व्रत और फिजिकल फिटनेस का काफी ध्यान रखते थे. हालांकि, वह चेकअप और गंभीर बीमारियों को बिल्कुल दरकिनार नहीं करते थे.
बापू को होने वाली 7 बीमारियों के बारे में...
1. प्लूरिसी
हेल्थलाइन के मुताबिक, प्लूरिसी एक फेफड़ों की समस्या है. जिसमें फेफड़ों के बाहरी तरफ मौजूद टिश्यूज की प्लूरा लेयर में सूजन या इंफेक्शन आ जाता है. जिसके कारण दर्द होता है.
2. एक्यूट डिसेंट्री
NHS के मुताबिक, एक्यूट डिसेंट्री को पेचिश भी कहा जाता है. जो कि आंतों में इंफेक्शन के कारण होती है. इस बीमारी में डायरिया के लक्षणों के साथ खून या म्यूकस भी निकलने लगता है. महात्मा गांधी को दो बार इस समस्या को झेलना पड़ा था.
3. मलेरिया
सीडीसी के अनुसार, मलेरिया एक मच्छर जनित बीमारी है, जो कुछ मामलों में जानलेवा साबित हो सकती है. इसके कारण तेज बुखार, ठंड लगना, फ्लू, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, डायरिया, उल्टी, जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.
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4. गैस्ट्रिक फ्लू
गैस्ट्रिक फ्लू को गैस्ट्रोएंटेराइटिस भी कहा जाता है. जिसमें डायरिया और उल्टी की दिक्कतें होने लगती हैं. इसके अंदर पेट और आंतों के अंदर सूजन आ जाती है, जो कि वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होता है.
5. इंफ्लूएंजा
मायोक्लीनिक के मुताबिक, इंफ्लूएंजा एक वायरल इंफेक्शन है जो आपके रेस्पिरेटरी सिस्टम को प्रभावित करता है. इसे आमतौर पर फ्लू भी कहा जाता है. इसमें भी बुखार, सिरदर्द, थकान, कमजोरी, गले में दर्द, नाक बहना जैसे लक्षण शामिल होते हैं.
6. पाइल्स
पाइल्स और बवासीर दोनों एक हैं. जिसमें गुदाद्वार के अंदर या बाहर की तरफ टिश्यूज में सूजन आ जाती है. यह समस्या आमतौर पर कब्ज के कारण होती है. इन सूजे हुए टिश्यूज के कटने या फटने से इनमें से खून भी निकल सकता है.
7. अपेंडिक्स
मायोक्लीनिक के अनुसार, अपेंडिक्स एक छोटा-सा ट्यूब जैसा अंग होता है, जो कि बड़ी आंत से जुड़ा होता है. जब इंफेक्शन के कारण इसमें सूजन आ जाती है, तो गंभीर पेट दर्द उठने लगता है. इससे राहत पाने के लिए अपेंडिक्स की सर्जरी की जरूरत होती है.
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.