myths about diabetes: डायबिटीज से जुड़े मिथ को लेकर हमने जाने माने आयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी से खास बातचीत की है.
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myths about diabetes: डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो दुनियाभर में पिछले कुछ दशकों में काफी तेजी से फैली है. खराब जीवनशैली और पौष्टिक आहार के सेवन में कमी को विशेषज्ञ इसके मुख्य कारण के रूप में देख रहे हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो डायबिटीज, सिर्फ एक रोग नहीं, बल्कि कई अन्य गंभीर बीमारियों का भी कारण बन सकती है. लोगों को इस गंभीर रोग से बचाने के लिए इसके बारे में जागरूकता फैलाना महत्वपूर्ण है, हालांकि समाज में डायबिटीज को लेकर फैले कई मिथ लोगों को भ्रमित कर रहे हैं.
डायबिटीज से जुड़े मिथ को लेकर हमने जाने माने आयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी से खास बातचीत की है.
डायबिटीज से जुड़े मिथ (myths about diabetes)
मिथ नंबर एक- कार्बोहाइड्रेट और मीठा का सेवन बिल्कुल बंद कर देना चाहिए
फैक्ट: डॉक्टर अबरार मुल्तानी की मानें तो यह सच है कि मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए आहार प्रतिबंध का पालन किया जाना चाहिए, हालांकि मिठाई, चीनी और कार्बोहाइड्रेट का सेवन बिल्कुल बंद कर देना भी सही नहीं है. मधुमेह रोगियों को हमेशा संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए, जिसमें शरीर के लिए आवश्यक सभी तरह के पोषक तत्व समाहित हों. मिठाई और कार्बोहाइड्रेट का सेवन बिल्कुल बंद कर देने से लो-शुगर की समस्या हो सकती है. आप डॉक्टर की सलाह के आधार पर कभी-कभी हल्की मीठी चीजों का सेवन कर सकते हैं.
मिथ नंबर 2- अधिक फैट और चीनी का सेवन करने वालों को ही मधुमेह हो सकता है
फैक्ट: डॉक्टर अबरार मुल्तानी के अनुसार, सिर्फ अधिक फैट और चीनी का सेवन ही इसके लिए जिम्मेदार नहीं है. मधुमेह के कई कारक हो सकते हैं. उन्होंने बताया कि मोटापा और अधिक वजन वाले, अधिक तनाव लेने वाले लोगों में भी डायबिटीज होने का खतरा अधिक हो सकता है. डायबिटीज, आनुवांशिक बीमारी भी है. इसके अलावा धूम्रपान, शारीरिक निष्क्रियता, उम्र और गर्भावस्था में भी लोगों को डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है.
मिथ नंबर तीन- डायबिटीज ज्यादा खतरनाक होता है, जबकि टाइप-2 कम
फैक्ट: डॉक्टर अबरार मुल्तानी बताते हैं कि मधुमेह का कोई भी रूप 'कम' खतरनाक नहीं है. टाइप-1 टाइप-2, दोनों ही स्थितियों में विशेष सावधानी और इसे प्रबंधित करने के प्रयास करते रहने चाहिए. इस खतरनाक बीमारी से बचाव के लिए रोग को नियंत्रित करने के प्रयास करना बेहद जरूरी होता है. यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें बरती गई लापरवाही घातक हो सकती है.
मिथ नंबर चार: दवा और इंसुलिन से ही डायबिटीज ठीक हो जाता है
फैक्ट: डॉक्टर अबरार मुल्तानी के अनुसार, अक्सर लोग मान लेते हैं कि इंसुलिन और दवा, डायबिटीज को खत्म कर देगी, पर पूरी तरह से यह सही नहीं है. ऐसे उपाय लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं, पूरे रोग को ठीक नहीं. अकेले दवा और इंसुलिन से ही बीमारी को नियंत्रित करने में मदद नहीं मिल सकती है. इसके लिए रोगी को जीवनशैली में बदलाव और आहार को पौष्टिक रखना होगा.
डायबिटीज का इलाज हो सकता है?
डॉक्टर अबरार मुल्तानी बताते हैं कि जब शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है तो इस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है. यह इंसुलिन की कमी के कारण होता है. इंसुलिन एक हार्मोन है, जो पाचन से बनता है. यह हमारे शरीर में खाने को ऊर्जा में बदलना होता है. साथ ही इंसुलिन ही हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करने में मदद करता है. आप अपने खून में ग्लूकोज़ की मात्रा को नियंत्रित करके खुद को डायबिटीज़ से बचा सकते हैं. और संतुलित डाइट और व्यायाम करने से ऐसा किया जा सकता है.
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