कोरोना: वायरस का नया रूप जो संक्रामक अधिक है, फिर भी डरने की जरूरत नहीं
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कोरोना: वायरस का नया रूप जो संक्रामक अधिक है, फिर भी डरने की जरूरत नहीं

कोरोना वायरस (Coronavirus) मामलों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है, ऐसे में इसके मामलों के बढ़ने को लेकर एक नई जानकारी सामने आई है.

फाइल फोटो

नई दिल्‍ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) मामलों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है, ऐसे में इसके मामलों के बढ़ने को लेकर एक नई जानकारी सामने आई है. वैज्ञानिकों ने कहा है कि यूरोप, उत्तरी अमेरिका और एशिया के कुछ हिस्सों में पाया गया कोरोना वायरस का कॉमन D614G उत्‍परिवर्तन (Mutation) अधिक संक्रामक लेकिन कम घातक है.

  1. कोविड-19 पर आई नई जानकारी  
  2. वायरस का D614G म्‍यूटेशन अधिक संक्रामक और कम घातक 
  3. ब्रिटेन में बच्‍चों में बढ़े टाइप -1 डायबिटीज के मामले 
  4.  

नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के एक वरिष्ठ सलाहकार और इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ इंफेक्शियस डिजीज के प्रेसिडेंट पॉल ताम्‍बाह ने कहा कि दुनिया के कुछ हिस्सों में मृत्‍युदर में गिरावट डी 614जी म्यूटेशन के प्रसार का सबूत है, जो कि कम घातक है.

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उन्‍होंने कहा, 'यह एक अच्छी बात है कि एक ऐसा वायरस जो संक्रामक अधिक हो लेकिन घातक कम हो.' Tambyah ने आगे कहा कि अधिकांश वायरस कम घातक होते हैं क्योंकि वे उत्परिवर्तित होते हैं.

उन्होंने कहा, 'अधिक लोगों को मारने की बजाय उन्‍हें संक्रमित करना वायरस के हित में है, क्योंकि एक वायरस भोजन और आश्रय दोनों के लिए व्‍यक्ति पर निर्भर होता है.' 

WHO ने कहा है कि वैज्ञानिकों ने फरवरी के शुरू में इस म्‍यूटेशन की खोज की जो यूरोप और अमेरिका में प्रसारित हुआ है. हालांकि उसने यह भी कहा है कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि म्‍यूटेशन बीमारी के अधिक गंभीर होने का कारण है.

इसके अलावा, वायरस को लेकर किए गए इस शोध में यह भी कहा गया है 20 से 40 साल के युवा कोरोना वायरस का प्रसार कर रहे हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के पश्चिमी प्रशांत के क्षेत्रीय निदेशक ने कहा है, 'इससे बीमारी की चपेट में आने का खतरा बुजुर्ग, लंबी अवधि की देखभाल की जरूरत वाले बीमार लोगों और घनी आबादी में रहने वाले लोगों में बढ़ जाता है.'

इसके अलावा, इस अध्ययन से यह भी पता चला है कि ब्रिटेन में COVID-19 महामारी के पीक के दौरान बच्चों में टाइप-1 टाइबिटीज लगभग दोगुना हो गई.

अध्‍ययन के सह-नेतृत्‍वकर्ता करेन लगन ने कहा, 'हमारे विश्लेषण से पता चलता है कि महामारी के पीक के दौरान बच्चों में टाइप 1 डायबिटीज के नए मामलों की संख्या असामान्य रूप से पिछले दो वर्षों की तुलना में अधिक थी. जब हमने आगे की जांच की, तो इनमें से कुछ बच्चे कोरोना वायरस से संक्रमित थे या पहले संक्रमित हो चुके थे.' 

इस बीच, न्यूजीलैंड में मंगलवार को 13 नए मामले सामने आए, जिसके बाद देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 36 हो गई थी. देश के तीन महीने तक COVID-19 मुक्त रहने के बाद यह मामले सामने आ रहे हैं. 

प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ऑकलैंड में आवाजाही के प्रतिबंधों को फिर से बढ़ा रही हैं, वहीं बाकी पूरे देश में सोशल डिस्‍टेंसिंग के उपाय लागू कर रही हैं. उनके तेजी से प्रभावशाली उपाय करने के लिए खासी प्रशंसा भी की गई थी. लेकिन नए मामले सामने आने के बाद अब उनकी रणनीति पर कुछ सवाल उठे हैं.

(इनपुट: रायटर्स)

 

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