Post COVID: कोरोना का शिकार हुए लोग जूझ रहे हैं Brain Fog की समस्या से, जानिए इसके लक्षण
कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण से ठीक होने के बाद कई मरीज विभिन्न परेशानियों की शिकायतों के साथ अस्पताल पहुंच रहे हैं. डॉक्टर इस समस्या को ब्रेन फॉग (Brain Fog) यानी दिमाग का धुंधला होना मान रहे हैं.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण से ठीक होने के बाद कई मरीज विभिन्न परेशानियों की शिकायतों के साथ अस्पताल पहुंच रहे हैं. डॉक्टर इस समस्या को ब्रेन फॉग (Brain Fog) यानी दिमाग का धुंधला होना मान रहे हैं. यह परेशानी कुछ दिनों तक रहेगी या हमेशा के लिए, इसके बारे में अभी नहीं कहा जा सकता है.
यह भी पढ़ें- केवल फेफड़ों पर ही नहीं दिमाग पर भी पड़ रहा है COVID का असर?
डॉक्टरों का मानना है कि कोरोनावायरस संक्रमण के दौरान ब्लड क्लॉट (Blood Clot) यानी खून के जमने की समस्या ब्रेन फॉग का कारण हो सकती है. मैक्स अस्पताल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ चंद्रील चुग के मुताबिक, खून का थक्का यानी ब्लड क्लॉट दिमाग की नसों में भी जम सकता है. इस वजह से दिमाग पर असर पड़ता है. कई मरीज दिमाग के कमजोर यानी सुस्त पड़ने की शिकायत कर रहे हैं.
ब्रेन फॉग के लक्षण
1. किसी चीज पर फोकस न कर पाना
2. समझने की शक्ति कमजोर होना
3. सिर में दर्द रहना
यह भी पढ़ें- माउथवॉश, कोरोना वायरस की सक्रियता पर क्या असर डालते हैं?
क्या है ब्रेन फॉग का इलाज
इस समस्या के लिए फिलहाल कोई इलाज नियत नहीं है. हालांकि इसे इन तरीकों से ठीक किया जा सकता है-
1. एक्सरसाइज
2. मेडिटेशन
3. ताजी हवा
4. ज्यादा पानी पीना
5. शतरंज या पजल हल करने जैसे खेल
यह भी पढ़ें- Exercise से पहले क्यों जरूरी है वॉर्म-अप, भूलकर भी क्यों नहीं करना चाहिए इग्नोर
क्या कहते हैं आंकड़े
1. हर 4 में से एक व्यक्ति को ब्रेन स्ट्रोक (Brain Stroke) का खतरा होता है.
2. स्ट्रोक के शिकार होने वाले 20 फीसदी लोग 40 वर्ष से कम उम्र के होते हैं.
3. गांवों में ब्रेन स्ट्रोक की समस्या शहरों के मुकाबले ज्यादा देखी गई है.
4. भारत में स्ट्रोक मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है.
क्या होता है ब्रेन स्ट्रोक
जब दिमाग के किसी हिस्से में खून की सप्लाई अचानक रुक जाती है तो दिमाग के उस हिस्से के सेल्स (Cells) मर जाते हैं. इस हालत को ब्रेन स्ट्रोक या ब्रेन अटैक कहा जाता है. इस वजह से शरीर का कोई हिस्सा जैसे चेहरे का कुछ भाग, एक ओर की बाजू या शरीर का निचला हिस्सा तक बेजान हो सकता है. इस हालत को पैरालिसिस (Paralysis) या लकवा भी कहा जाता है.
यह भी पढ़ें- महिलाओं के लिए जरूरी हैं ये पोषक तत्व, भूल से भी इन्हें न करें इग्नोर
क्यों होता है ब्रेन स्ट्रोक
ब्रेन स्ट्रोक कई वजहों से हो सकता है. जानिए इसकी प्रमुख वजहें-
1. हाई ब्लड प्रेशर
2. स्मोकिंग
3. डायबिटीज
4. कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ होना
5. जंक फूड का ज्यादा सेवन
6. प्रदूषण
7. तनाव
यह भी पढ़ें- शोध में खुलासाः कोविड-19 की चपेट में आने के 7 माह बाद भी मरीजों में पाए गये एंटीबॉडी
बदलती लाइफस्टाइल व गलत आदतें ही हमें एक ऐसी बीमारी की ओर धकेल रही हैं, जिससे होने वाला नुकसान अक्सर स्थायी होता है. अगर आप ब्लड प्रेशर या डायबिटीज के मरीज हैं तो इन दोनों बीमारियों को दवाओं और बेहतर लाइफस्टाइल से काबू में रखें. नियमित व्यायाम करें, चाहे वह आधे घंटे की सैर ही क्यों न हो. योग और ध्यान करें, पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं और सेहतमंद खाना खाएं, जिसमें नमक, तेल, चीनी और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा पर आपका कंट्रोल हो. स्ट्रोक के खतरे को सिर्फ ऐसे ही कम कर सकते हैं.
ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक से सावधान - Beauty Parlour Stroke
न्यूरोलॉजिस्ट के मुताबिक, ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक या बार्बर चेयर स्ट्रोक (Barber Chair Stroke) एक ऐसी समस्या है, जिसके शिकार लोग अक्सर अस्पताल पहुंच जाते हैं. दरअसल गर्दन की मसाज यानी मालिश के दौरान कई बार लोगों की गर्दन की नसें गलत तरीके से दब जाती हैं. गर्दन के पिछले हिस्से में रीढ़ और दिमाग तक जाने वाली कई अहम नसें होती हैं. लेकिन कई लोग गर्दन के इस हिस्से की जमकर मालिश करवा लेते हैं, जिसमें गलत तरीके से नस दबने की वजह से उनकी गर्दन में अकड़न से लेकर कई गंभीर परेशानियां हो सकती हैं.
यह भी पढ़ें- कोरोना से ठीक हुए मरीज 'व्रत' से करें परहेज, डॉक्टरों ने दी ये चेतावनी
गलत तरीके से कुछ योगासन करने से भी लोग स्ट्रोक के शिकार हो जाते हैं. डॉक्टरों की राय में गर्दन की मसाज से बचना चाहिए. जरूरत हो तो हल्की मालिश करवाएं. पहलवान और नौसिखिए लोगों से गर्दन की मालिश न करवाएं तो बेहतर है. गर्दन में बहुत दर्द या लगातार अकड़न जैसी परेशानी किसी बीमारी की वजह भी हो सकती है. अगर कोई दर्द हल्की-फुल्की मालिश से ठीक नहीं हो रहा या 5 से 7 दिन की फिजियोथेरेपी से भी राहत नहीं मिल रही तो डॉक्टर को दिखाना बेहतर है.