Ratan Tata Death: टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन और देश के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा केवल अपने व्यवसायिक योगदान के लिए ही नहीं, बल्कि अपने अपार प्रेम और दया के लिए भी जाने जाते थे. खासकर उनके जीवन में डॉग्स के प्रति उनकी स्नेह भावना ने उन्हें एक अलग पहचान दी. रतन टाटा ने न केवल अपने सोशल मीडिया पोस्ट्स के जरिए आवारा डॉग्स के प्रति सेंसिटिविटी की अपील की, बल्कि उन्होंने उनकी सेहत और देखभाल के लिए ठोस कदम भी उठाए.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रतन टाटा की यह दया उनके अंतिम दिनों तक जारी रही. उनका आखिरी प्रोजेक्ट, जो डॉग्स और अन्य छोटे जानवरों के प्रति उनके प्यार का प्रतीक था, मुंबई में खुला स्मॉल एनिमल हॉस्पिटल (SAHM) है. यह अस्पताल 1 जुलाई को खुला और अपने 98,000 वर्ग फुट के बड़े एरिया में वर्ल्ड क्लास सुविधाओं के साथ पेट्स का इलाज कर रहा है. अस्पताल में 24x7 इमरजेंसी सेवाएं, ICU और HDU, क्रिटिकली बीमार और घायल जानवरों के लिए जीवनरक्षक उपकरण और एडवांस डायग्नोस्टिक सुविधाएं जैसे CT स्कैन, MRI, एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड उपलब्ध हैं.


165 करोड़ का प्रोजेक्ट
इस 165 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को रतन टाटा ने विशेष रूप से आवारा डॉग्स और अन्य छोटे जानवरों के लिए समर्पित किया था. अस्पताल में डर्मेटोलॉजी, डेंटल, ऑप्थैल्मोलॉजी और अन्य विशेष उपचार सेवाओं के अलावा, इन-हाउस पैथोलॉजी लैब और अलग-अलग इंतजार करने के क्षेत्र डॉग्स और बिल्लियों के लिए हैं, जिससे पशु मालिकों और उनके पालतुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें.



यह भी पढ़े- रतन टाटा: डॉग्स लवर के रूप में उनकी 5 अनोखी कहानियां, जिन्होंने जीता हर किसी का दिल!


डॉग लवर थे रतन टाटा
रतन टाटा ने कई बार अपने सोशल मीडिया पर डॉग्स के प्रति अपने स्नेह की झलक दी. उन्होंने एक बार मुंबई के सायन अस्पताल में मिले एक खोए हुए डॉग्स के लिए भी मदद की अपील की थी. वहीं, उन्होंने मॉनसून में आवारा डॉग्स की सुरक्षा के लिए भी जनता से अनुरोध किया था कि वे अपनी कार के नीचे छुपे डॉग्स का ध्यान रखें ताकि कोई दुर्घटना न हो. रतन टाटा का यह अस्पताल उनके द्वारा बेगुबानों के लिए किए गए उनके योगदान का सबसे बड़ा प्रतीक है और उनका प्यार और देखभाल हमेशा इस स्मॉल एनिमल हॉस्पिटल के रूप में जीवित रहेगी.