छींक आते ही मौत के मुंह में जा पहुंचा छात्र, जानिए किस दुर्लभ बीमारी से था पीड़ित?
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छींक आते ही मौत के मुंह में जा पहुंचा छात्र, जानिए किस दुर्लभ बीमारी से था पीड़ित?

अमेरिकी विश्वविद्यालय के एक छात्र सैम ने छींकने के बाद लगभग अपनी जान गंवा दी थी. इस छींक से उसके नाक से खून का थक्का निकला था. मरने से कुछ क्षण पहले, सैम अपनी मां और गर्लफ्रेंड को मदद के लिए बुलाने में कामयाब रहा.

छींक आते ही मौत के मुंह में जा पहुंचा छात्र, जानिए किस दुर्लभ बीमारी से था पीड़ित?

अमेरिकी विश्वविद्यालय के एक छात्र सैम ने छींकने के बाद लगभग अपनी जान गंवा दी थी. इस छींक से उसके नाक से खून का थक्का निकला था, जिसका कारण ब्रेन स्ट्रोक था. मरने से कुछ क्षण पहले, सैम अपनी मां और गर्लफ्रेंड को मदद के लिए बुलाने में कामयाब रहा. सैम ने बताया कि मेरा ब्रेन लगभग फट गया था और क्लॉट मेरी नाक से बाहर निकल आया था. इस हालत में तो मेरी मौत ही हो जानी थी.

होश में आने के बाद, सैम को अपने हाथों में बड़ी झुनझुनी और धुंधली दृष्टि का सामना करना पड़ा, जिसके बाद डॉक्टरों को पता चला कि उसके दिमाग में खून बह रहा है. सैम के इमरजेंसी सर्जरी के बाद डॉक्टरों ने और जांच की, जिससे पता चला कि सैम को आर्टिरियोवेनस मैलफॉर्मेशन  या एवीएम (Arteriovenous Malformation or AVM) नामक न्यूरोलॉजिकल बीमारी थी, जो मस्तिष्क में धमनियों और नसों के उलझने के कारण होती है.

क्या है आर्टिरियोवेनस मैलफॉर्मेशन?
एनएचएस के अनुसार, यह एक दुर्लभ बीमारी है और आमतौर पर जनसंख्या के एक प्रतिशत से कम लोगों में होती है. ये ज्यादातर दिमाग और कमर की हड्डी में होती है, लेकिन यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है. बहुत से लोगों को शिकायत होती है, जो दिमाग में रक्तस्राव का कारण बन सकती है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, पीड़ित एवीएम से अक्सर सालों तक अनजान रहता है, जब तक यह फटने और दिमाग में ब्लीडिंग का कारण नहीं बन जाती है. AVM को हटाने के लिए सर्जरी एक उपचार है.

सैम को लगे थे 27 स्टेपल
अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ न्यूरोलॉजिकल सर्जन के अनुसार, इस बीमारी के कारण सैम को एक छोटा सा स्ट्रोक हुआ जिससे उसकी आंखें धुंधली हो गई. सैम ने बताया कि मैं एक हफ्ते के लिए अस्पताल में था और सिर पर 27 स्टेपल लगाए गए थे. फिर एक महीने महीने तक घर पर बेड रेस्ट पर था. यह वास्तव में अजीब समय था क्योंकि मैं केवल यही सोच सकता था कि अपने जीवन को कैसे पटरी पर लाया जाए.

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