ठंड के दिनों अक्सर आपने थोड़ा निराशा जैसा महसूस किया होगा। धूप नहीं दिखने और सभी तरह कोहरे की वजह से भी अपने आपको चिढ़चिढ़ा महसूस जरूर किया होगा। आपके स्वभाव में आने वाले ऐसे बदलाव का कारण आप नहीं बल्कि मौसम है। दरअसल सर्दियों में कम धूप मिलने की वजह से एक प्रकार का डिप्रेशन होने की संभावना होती है। यही वजह है कि ज्यादातर डॉक्टर और वैज्ञानिक आपको इन दिनों में धूप लेने की सलाह देते हैं।


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सीजनल इफेक्टिव डिसोर्डर (एसएडी) है कारण
डॉक्टरों का कहना है कि ठंड के दिनों में धूप कम मिलने की वजह से शरीर में सीजनल इफेक्टिव डिसोर्डर (एसएडी) की संभावना होती है। इस अवस्था में मूड खराब सा ही रहता है। साथ ही इस संक्रमण की वजह से वजन कम होना, भूख कम लगना, बिना बात के गुस्सा आने जैसे लक्षण आने लगते हैं। 



महिलाओं, किशोरों और बूढ़ो होते हैं सबसे ज्यादा शिकार
वैज्ञानिकों का मानना है कि धूप नहीं मिलने की वजह से होने वाले इस संक्रमण से सबसे ज्यादा महिलाएं, किशोर और बूढ़ी आबादी सबसे ज्यादा प्रभावित होती है। डाक्टरों का कहना है कि जब सर्दियां बढ़ रही हो तो कम से कम 15-20 मिनट खुली हवा और धूप में रहना लाभदायक होता है। रोजाना ऐसा करने से एसएडी संक्रमण से बिना की ईलाज के बचा जा सकता है। 


क्या है इलाज?
डाक्टरों का कहन है कि एसएडी संक्रमण से बचाव के लिए धूप लेने के अलावा कई और उपचार भी उपलब्ध है। मसलन, एंटी-डिप्रेशन की दवा और टॉक थैरेपी बेहद असरदार साबित होता है। इसके अलावा किसी मनोचिकित्सक से सलाह लेना लाभदायक होता है।