जिसे आंख की गंदगी समझ रही थी महिला, वो निकला दुर्लभ स्किन कैंसर; डॉक्टर को उठाना पड़ा खौफनाक कदम!
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जिसे आंख की गंदगी समझ रही थी महिला, वो निकला दुर्लभ स्किन कैंसर; डॉक्टर को उठाना पड़ा खौफनाक कदम!

स्वीडन की एक 81 वर्षीय महिला को अपनी बाईं आंख में एक अजीब-सी की शिकायत हुई, जिसका परिणाम उनको पूरी आंख से हाथ धोकर चुकाना पड़ा.

जिसे आंख की गंदगी समझ रही थी महिला, वो निकला दुर्लभ स्किन कैंसर; डॉक्टर को उठाना पड़ा खौफनाक कदम!

स्वीडन की एक 81 वर्षीय महिला को अपनी बाईं आंख में एक अजीब-सी की शिकायत हुई, जिसका परिणाम उनको पूरी आंख से हाथ धोकर चुकाना पड़ा. शुरुआत में ये समस्या उन्हें मामूली- सी लगी थी, जबकि वह असल में एक दुर्लभ प्रकार का स्किन कैंसर था. इस खतरनाक बीमारी ने उनकी आंख को ऐसा नुकसान पहुंचाया कि डॉक्टरों को उसकी पूरी आंख निकालनी पड़ी.

यह मामला स्वीडन के स्काराबॉर्ग अस्पताल का है, जहां इस बुजुर्ग महिला का इलाज किया गया. महिला को सबसे पहले आंख में कुछ गंदगी महसूस हुई और इसके साथ ही उसकी पलकों में सूजन आ गई. उन्होंने इसके लिए डॉक्टर से संपर्क किया और उन्हें सूजन को कम करने के लिए दवा दी गई. लेकिन कुछ हफ्तों के बाद भी समस्या बनी रही, जिसके बाद डॉक्टरों ने अधिक गहन टेस्ट करने का फैसला किया.

पलक में गांठ
जब डॉक्टरों ने उनकी आंख की गहराई से जांच की, तो उन्हें पलकों के अंदर एक गांठ जैसी संरचना दिखाई दी. बायोप्सी करने के बाद पाया गया कि यह गांठ वास्तव में 'एमेलानोटिक मेलानोमा' था, जो एक दुर्लभ प्रकार का स्किन कैंसर है. यह कैंसर अक्सर अन्य बीमारियों की तरह दिखता है और विशेष रूप से खतरनाक होता है क्योंकि इसमें पिगमेंटेशन की कमी होती है, जिससे इसका पता करना मुश्किल हो जाता है. इस प्रकार के कैंसर के केवल 10% मामलों में एमेलानोटिक मेलानोमा होता है.

सिर, गर्दन और आंख की हुई स्कैनिंग
इस दुर्लभ कैंसर को पहचानने के बाद डॉक्टरों ने महिला के सिर, गर्दन और आंख के विभिन्न हिस्सों की स्कैनिंग की. दुर्भाग्यवश, स्कैनिंग में यह भी पता चला कि कैंसर उनके आंख के अंदर और आंख को हिलाने वाली मसल्स में फैल चुका था. इस कारण डॉक्टरों को महिला की आंख निकालने का निर्णय लेना पड़ा क्योंकि अन्यथा कैंसर का पूरी तरह से इलाज करना संभव नहीं था.

13 मिमी चौड़ा ट्यूमर
सर्जरी के बाद, डॉक्टरों ने बताया कि महिला की पलकों के अंदर का ट्यूमर 13 मिमी चौड़ा और 7 मिमी गहरा था. सर्जरी सफल रही और नौ महीने बाद महिला ठीक हो गई, और उसने अपनी खोई हुई आंख की जगह प्रोस्थेटिक आई का इस्तेमाल शुरू कर दिया.

यह पहला मामला नहीं
यह मामला केवल एक बार का नहीं है. 2022 में एक और स्वीडिश महिला, जो 50 वर्ष की थी, को भी इसी प्रकार के कैंसर का सामना करना पड़ा. उन्होंने अपनी बाईं आंख में तकलीफ महसूस की और डॉक्टर से संपर्क किया. जब उनकी जांच की गई, तो एक घाव पाया गया जो तेजी से बढ़ रहा था. हालांकि, समय रहते इस महिला का ऑपरेशन कर कैंसर वाले ट्यूमर को हटा दिया गया और उन्हें रेडियोथेरेपी दी गई. इससे उनकी आंख बच गई और वे अब वार्षिक चेक-अप से गुजर रही हैं.

दुर्लभ कैंसर
इस प्रकार के दुर्लभ कैंसर के मामलों की कमी के कारण इसका अध्ययन और उपचार चुनौतीपूर्ण होता है. विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी दुर्लभ बीमारियां अक्सर अन्य सामान्य स्थितियों के रूप में सामने आती हैं, जिससे इसका पता देर से होता है और मरीजों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए, अगर आपको भी आंखों में किसी भी प्रकार की असहजता महसूस हो, तो इसे हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. समय पर निदान से गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है.

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