नई दिल्‍ली: एनडीए के शासनकाल में 1.5 लाख प्रतिष्‍ठानों में 1.21 करोड़ लोगों को रोजगार उपलब्‍ध कराया गया है. यह जानकारी श्रम और रोजगार मंत्रालय ने लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में दिया है. मंत्रालय द्वारा दिए गए जवाब में बताया गया है कि श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा रोजगार सृजन को बढ़ावा देने और नियोक्‍ताओं को प्रोत्‍साहित करने के लिए शुरू की गई है. इस योजना के तहत, सरकार सभी क्षेत्रों के नए कर्मचारियों को ईपीएफ और ईपीएस का भुगतान कर रही है. मंत्रालय के अनुसार, 31 मई 2019 तक, इस योजना के तहत, 1,51,579 प्रतिष्‍ठानों तथा 1.21 करोड़ लोगों को शामिल किया गया है. 


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उल्‍लेखनीय है कि सांसद दीपक वैज द्वारा बेरोजगारी पर पूछे गए सवाल पर श्रम और रोजगार राज्‍य मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने अपने लिखित जवाब में कहा है कि रोजगार सृजन करना सरकार की प्रमुख प्राथमिकता रही है. सरकार ने देश में रोजगार सृजन करने के लिए अर्थव्‍यवस्‍था के निजी क्षेत्र को प्रोत्‍साहन देने, पर्याप्‍त निवेश वाली परियोजनाओं को गति प्रदान करने और प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, महात्‍मा गांधी राष्‍ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, पंडित दीन दयाल उपाध्‍याय कौशल्‍य योजाना तथा दीनदयाल अंत्‍योदय योजना जैसी योजनाओं पर सार्वजनिक व्‍यय में वृद्धि करने जैसे विभिन्‍न कदम उठाए हैं. 


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उन्‍होंने बताया कि सरकार ने स्‍व-रोजगार को प्रोत्‍साहित करने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना आरंभ की गई है. इस योजना के तहत, व्‍यवसाय स्‍थापित करने और विस्‍तार करने के लिए 10 लाख रुपए तक गैर-जमानती ऋण उपलब्‍ध कराया जा रहा है. 31 मार्च 2019 तक इस योजना के तहत 18.26 करोड़ रुपए का कुल ऋण उपलब्‍ध कराया गया है. वहीं, बेरोजगारी को लेकर उपलब्‍ध कराए गए आंकड़ों में मत्रालय ने बताया है कि अब 2017-18 में देश में बेरोजगारी की दर करीब 6.1 है. जिसमें नागालैंड में सर्वाधिक 21.4 प्रतिशत लोग बेरोजगार है. वहीं, पुदुचेरी, लक्षदीप, अंडमान एवं निकोबार दीव समूह, मिजोरम, मणिपुर, केरल और गोवा में बेरोजगारी की दर 10 फीसदी से अधिक है.