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नई दिल्ली. नागालैंड के मोन जिले में सुरक्षाबलों की कथित गोलीबारी में कम से कम 11 आम लोगों की मौत हो गई. पुलिस ने रविवार को ये जानकारी दी. पुलिस इस घटना की जांच कर रही है, ताकि यह पता चल सके कि क्या यह गलत पहचान का मामला है. इस मामले में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने खेद जताते हुए SIT जांच की बात कही है.
सेना ने घटना की ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ का आदेश दिया है. सेना ने बताया कि इस दौरान सेना के एक जवान की भी मौत हो गई और कई अन्य सैनिक घायल हो गए. सेना ने इस पर खेद जताया है. पूरी घटना की हाई लेवल जांच की जा रही है.
इस संबंध में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मृतकों की सटीक संख्या का अभी पता नहीं चल पाया है, क्योंकि 11 लोगों की घटनास्थल पर मौत हो गई तथा गंभीर रूप से घायल हुए कई लोगों ने पड़ोसी राज्य असम के अस्पतालों में दम तोड़ दिया.
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नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कराए जाने का वादा किया और समाज के सभी वर्गों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया. पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह घटना ओटिंग और तिरु गांवों के बीच उस समय हुई, जब कुछ दिहाड़ी मजदूर शनिवार शाम एक पिकअप वैन के जरिए एक कोयला खदान से अपने घर लौट रहे थे
उन्होंने बताया कि प्रतिबंधित संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड-के (एनएससीएन-के) के युंग ओंग धड़े के उग्रवादियों की गतिविधि की सूचना मिलने के बाद इलाके में अभियान चला रहे सैन्यकर्मियों ने वाहन पर कथित रूप से गोलीबारी की. अधिकारी ने कहा कि यह पता लगाने के लिए जांच की जा रही है कि यह गलत पहचान किए जाने का मामला है या नहीं.
बता दें, मोन म्यांमा की सीमा के पास स्थित है. म्यांमा से एनएससीएन-के का युंग ओंग धड़ा अपनी उग्रवादी गतिविधियां चलाता है. पुलिस अधिकारी ने कहा कि हालात काबू में हैं और पुलिस मामले की जांच कर रही है. आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे को घटना की जानकारी दी गई है.
इस बीच, सेना की 3 कोर के मुख्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि 'नागालैंड में मोन जिले के तिरु में उग्रवादियों की संभावित गतिविधियों की विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर इलाके में एक विशेष अभियान चलाए जाने की योजना बनाई गई थी. ये घटना और इसके बाद जो हुआ, वह अत्यंत खेदजनक है. लोगों की मौत की इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारणों की ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ के जरिए उच्चतम स्तर पर जांच की जा रही है और कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी. सेना ने कहा कि इस अभियान में सुरक्षाकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं और एक जवान की मौत हो गई है.
मुख्यमंत्री रियो ने ट्वीट करते हुए बताया कि 'मोन के ओटिंग में आम लोगों की मौत की दुर्भाग्यपूर्ण घटना अत्यंत निंदनीय है. मैं शोकसंतप्त परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. मामले की एसआईटी (विशेष जांच दल) से उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी और कानून के अनुसार न्याय किया जाएगा. मैं सभी वर्गों से शांति बनाए रखने का आग्रह करता हूं.'
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‘ईस्टर्न नागालैंड पीपुल्स ऑर्गेनाइजेशन’ (ईएनपीओ) ने इस घटना के विरोध में क्षेत्र के छह जनजातीय समुदायों से राज्य के सबसे बड़े पर्यटन कार्यक्रम ‘हॉर्नबिल’ महोत्सव से भागीदारी वापस लेने का आग्रह किया. संगठन ने एक बयान जारी कर कहा, 'ईएनपीओ भारतीय सेना की अंधाधुंध गोलीबारी में ओटिंग गांव के 10 से अधिक दिहाड़ी मजदूरों की मौत होने की घटना पर गहरा शोक व्यक्त करता है और घटना की घोर निंदा करता है.’
(इनपुट- भाषा)
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