कोरोना लॉकडाउन के मद्देनजर मुआवजे के लिए ये याचिका दायर की गई थी.
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में वकीलों के लिए काम करने वाले क्लर्कों की संस्था 'SC बार क्लर्क एसोसिएशन' ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर हर महीने 15 हजार रुपये मुआवजा दिलाने की मांग की थी. याचिका में कहा गया था कि नियमित कामकाज बंद होने से क्लर्क आर्थिक दिक्कत का सामना कर रहे हैं. इस याचिका पर सुनवाई करने से कोर्ट ने इनकार कर दिया है.
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सरकार को ऐसा कोई निर्देश नहीं दे सकते. जिसके बाद कोर्ट ने याचिका को रद्द कर दिया. बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट बार क्लर्क एसोसिएशन ने शीर्ष अदालत के समक्ष एक याचिका दायर की थी जिसमें पिछले तीन महीनों ये चल रही वित्तीय कठिनाइयों के कारण केंद्र सरकार को प्रत्येक सदस्य को 15,000 रुपये प्रतिमाह का भुगतान करने के लिए निर्देशित करने का अनुरोध किया गया था.
याचिका में आगे लिखा है कि कोरोना के कारण लॉकडाउन में कई सदस्यों को उनका मूल वेतन तक नहीं मिला है. हम अदालत से आग्रह किया था कि वह सरकार को प्रत्येक सदस्य को जून, 2020 से सामान्य कामकाज बहाल होने और अदालत में प्रभावी ढंग से कार्य शुरू होने तक 15 हजार रुपये की धनराशि देने का निर्देश दे. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करने से भी मना कर दिया है.
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