हंगामे की भेंट चढ़ा मॉनसून सत्र, लोक सभा में मात्र 21 घंटे हो पाया काम; 74 घंटे हुए बर्बाद
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हंगामे की भेंट चढ़ा मॉनसून सत्र, लोक सभा में मात्र 21 घंटे हो पाया काम; 74 घंटे हुए बर्बाद

संसद का मॉनसून सत्र (Monsoon Session) हंगामे की भेंट चढ़ गया. लोक सभा में जहां मात्र 22 प्रतिशत वहीं राज्य सभा में महज 28 प्रतिशत ही कामकाज हो पाया.  

 

फाइल फोटो.

नई दिल्ली: संसद का 19 जुलाई से शुरू हुआ मॉनसून सत्र (Monsoon Session) अपने पूर्व निर्धारित समय से 2 दिन पहले ही बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. पेगासस जासूसी (Pegasus) मामले और तीन कृषि कानूनों (New Farm Laws) सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण लोक सभा में जहां मात्र 22 प्रतिशत वहीं राज्य सभा में महज 28 प्रतिशत ही कामकाज हो पाया.

  1. समय से पहले ही खत्म हुआ मॉनसून सत्र
  2. लोक सभा में मात्र 22 प्रतिशत कार्य हो सका
  3. राज्य सभा में 28 प्रतिशत ही हुआ कामकाज 
  4.  

74 घंटे कामकाज नहीं हो सका

संसद में पूरे सत्र के दौरान गतिरोध बना रहा हालांकि राज्यों को अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची बनाने का अधिकार देने संबंधित संविधान संशोधन विधेयक पर दोनों सदनों में सभी विपक्षी दलों ने चर्चा में भाग लिया. लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सुबह कार्यवाही शुरू होने पर बताया कि 17वीं लोक सभा की छठी बैठक 19 जुलाई 2021 को शुरू हुई और इस दौरान 17 बैठकों में 21 घंटे 14 मिनट कामकाज हुआ. उन्होंने कहा, ‘सदन में कामकाज अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा.’ बिरला ने बताया कि व्यवधान के कारण 96 घंटे में करीब 74 घंटे कामकाज नहीं हो सका. लोक सभा अध्यक्ष ने कहा, ‘लगातार व्यवधान के कारण महज 22 प्रतिशत कार्य हो सका.’ 

20 विधेयक पारित किये गए

लोक सभा अध्यक्ष ने बताया कि सत्र के दौरान संविधान (127वां संशोधन) विधेयक सहित कुल 20 विधेयक पारित किये गए. चार नये सदस्यों ने शपथ ली. बिरला ने बताया कि मॉनसून सत्र के दौरान 66 तारांकित प्रश्नों के उत्तर दिये गए और सदस्यों ने नियम 377 के तहत 331 मामले उठाये. उन्होंने कहा कि इस दौरान तमाम स्थायी समितियों ने 60 रिपोर्ट प्रस्तुत किये, 22 मंत्रियों ने बयान दिये और काफी संख्या में पत्र सभापटल पर रखे गए. उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान अनेक वित्तीय और विधायी कार्य निपटाए गए. इससे पहले बिरला ने सदन को चार पूर्व सदस्यों के निधन की जानकारी दी और उन्हें श्रद्धांजलि दी गई.

आज करीब छह घंटे तक चली चर्चा

सदन में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित अनेक केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य सदस्य मौजूद रहे. मॉनसून सत्र के दौरान लोक सभा ने वर्ष 2021-22 की सप्लीमेंट्री डिमांड फॉर ग्रांट्स- फर्स्ट सेक्शन और वर्ष 2017-18 की ग्रांट की अतिरिक्त मांगें और इनसे संबंधित विनियोग बिल को मंजूरी दी. राज्य सभा में आज सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने से पहले करीब छह घंटे तक चर्चा कर ओबीसी से संबंधित संविधान (127 वां संशोधन) विधेयक को पारित किया गया.

हंगामे के बीच 3 और विधेयक पारित 

हालांकि इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने विभिन्न मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे के बीच तीन और विधेयकों को पारित किया गया. इसके बाद उपसभापति हरिवंश ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की. राज्य सभा में इससे पहले कोविड की स्थिति को लेकर हुई चर्चा में सभी दलों ने हिस्सा लिया था और उस दौरान सदन में सामान्य ढंग से कामकाज हुआ था. 

यह भी  पढ़ें: आज फिर सदन की मर्यादा तार-तार, भारी हंगामे के बीच मॉनसून सत्र 2 दिन पहले ही खत्म

राज्य सभा के 76 घंटे 26 मिनट हो गए बर्बाद

पेगासस मामले पर सदन में बयान दे रहे सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्चिनी वैष्णव के हाथों से उनका बयान छीनने और उसे फाड़ने के कारण तृणमूल कांग्रेस के सदस्य शांतनु सेन को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया. राज्य सभा सचिवालय द्वारा उपलब्ध कराये गये आंकड़ों के अनुसार वर्तमान सत्र में मात्र 28 प्रतिशत कामकाज हुआ. इस दौरान सदन में 28 घंटे 21 मिनट कामकाज हुआ और हंगामे के कारण 76 घंटे 26 मिनट का कामकाज बाधित हुआ. सत्र के दौरान 19 विधेयक पारित किए गये और पांच विधेयकों को पेश किया गया.

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