अयोध्या (Ayodhya) में विवादित ढांचा (Disputed structure) गिराए जाने के मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट (CBI Court) ने आज जैसे ही लखनऊ में फैसला सुनाया, कोर्ट रूम जय श्रीराम के नारों के गूंज उठा.
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लखनऊ: अयोध्या (Ayodhya) में विवादित ढांचा (Disputed structure) गिराए जाने के मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट (CBI Court) ने आज जैसे ही लखनऊ में फैसला सुनाया, कोर्ट रूम जय श्रीराम के नारों के गूंज उठा. मामले में बरी होने के बाद अयोध्या आंदोलन में शामिल रहे नेताओं के चेहरे खिले रहे.
बता दें कि विवादित ढांचा 6 दिसंबर 1992 में गिराया गया था. उस समय अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण करने के लिए देशभर से लाखों कार सेवकों की भीड़ अयोध्या में इकट्ठी हुई थी. उसी दौरान नेताओं के भाषण के बीच भीड़ अचानक बेकाबू हो गई और विवादित ढांचे को तोड़ दिया.
इस मामले में करीब 28 साल बाद आ रहे फैसले को लेकर सभी आरोपियों की सांसें अटकी हुई थी. लेकिन सीबीआई जज एसके यादव ने जैसे ही सभी 32 आरोपियों को सबूतों के अभाव में मामले से बरी घोषित किया, उनके समर्थक खुशी से झूम उठे.
इस मौके पर कोर्ट में मौजूद रहे बीजेपी नेता साक्षी महाराज के समर्थकों ने खुशी में झूमकर भगवान श्रीराम के जयकारे लगाने शुरू कर दिए. साक्षी महाराज ने कहा कि यह सारा मुकदमा कांग्रेस सरकार ने बीजेपी नेताओं को फंसाने के लिए शुरू किया था. आज अदालत के फैसले से कांग्रेस के इस झूठ से पर्दा उठ गया है और इंसाफ की जीत हुई है.
बीजेपी नेता और मामले में आरोपी रहे विनय कटियार ने कहा कि हमें पूरा भरोसा था कि इंसाफ की जीत होगी. भगवान ने आज दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया. राम विलास वेदांती ने कहा कि श्री राम के काम मे नाइंसाफी की कोई उम्मीद नही थी. अब श्रीराम के भव्य मंदिर बनने की सारी बाधा दूर हो गई हैं.
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मामले से बरी हुए ब्रजभूषण शरण सिंह ने कहा कि ये सब कांग्रेस का किया धरा था. आज अदालत के फैसले से उसे अपने किए का जवाब मिल गया है. बीजेपी की फायरब्रांड नेता साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि अदालत के इस फैसले पर बेहद खुशी है. महंत धर्मदास ने कहा कि आज राम के काम की जीत हुई है. केस से बरी हुए संतोष दुबे ने कहा कि उन्हें कोर्ट पर पूरा भरोसा था. आज आखिरकार भगवान ने उनकी सुन ली.
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