Trending Photos
संभल: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुखिया और सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) 2022 में होने वाले विधान सभा चुनावों को लेकर यूपी दौरे पर हैं. गुरुवार को वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संभल जिले में पहुंचे. यहां मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर जमकर तंज कसा. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हर टीवी इंटरव्यू में ओवैसी के मजनू बन चुके हैं और अपनी लैला को याद करते हैं.
ओवैसी ने उत्तर प्रदेश (Utter Pradesh) सरकार की तरफ से प्रस्तावित 'जनसंख्या नियंत्रण नीति' को महिलाओं के खिलाफ बताया है. गुरुवार को कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए कितने बच्चे होंगे यह देश की महिलाएं तय करेंगी. उन्होंने दावा किया कि इस कानून से सबसे अधिक नुकसान महिलाओंं का होगा. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने को लेकर शोर मचा रही है, लेकिन रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर बात करने को तैयार नहीं है.
ये भी पढ़ें- सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने की बात पर भड़के कैप्टन, सोनिया गांधी से कही ये बात
ओवैसी ने जनसंख्या नीति की वैधानिकता पर सवाल उठाते हुए कहा, 'आप यह कहते हैं कि दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों को राशन नहीं मिलेगा. यह संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है. आबादी आपकी ताकत है लेकिन आप उसे कमजोरी बना रहे हैं. ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि भाजपा जनता से किए गए तमाम वादे पूरे करने में नाकाम रही है.'
ओवैसी ने कहा, 'हम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से पूछना चाहते हैं कि 22 नवंबर 2019 को लोक सभा में मोदी सरकार ने एक जवाब में कहा था कि उत्तर प्रदेश में कुल पदों के मुकाबले सिर्फ 30% डॉक्टर ही काम कर रहे हैं और योगी सरकार कह रही है कि वह जनसंख्या पर नियंत्रण करेगी.'
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले रविवार को 'जनसंख्या नीति 2021-30' जारी की. इससे संबंधित प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण विधेयक के एक मसौदे के अनुसार, उत्तर प्रदेश में दो-बच्चों की नीति का उल्लंघन करने वाले लोगों को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने, सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने, पदोन्नति और किसी भी प्रकार की सरकारी सब्सिडी प्राप्त करने से वंचित कर दिया जाएगा. राज्य विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण एवं कल्याण) विधेयक-2021 का प्रारूप तैयार कर लिया है.