Pollution: भारत में HIV AIDS से भी ज्यादा जानलेवा है प्रदूषण, 10 साल तक कम कर रहा हर शख्स की उम्र
Advertisement
trendingNow11219489

Pollution: भारत में HIV AIDS से भी ज्यादा जानलेवा है प्रदूषण, 10 साल तक कम कर रहा हर शख्स की उम्र

Air Pollution Effect: वायु प्रदूषण के खतरों से आप भली भांति परिचित होंगे. डॉक्टर बताते हैं कि खराब हवा से कई तरह की बीमारियां होती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आपको कितना नुकसान पहुंचा सकती है. यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो ने इसे लेकर जो खुलासा किया है वो हैरान करने वाला है.

Pollution: भारत में HIV AIDS से भी ज्यादा जानलेवा है प्रदूषण, 10 साल तक कम कर रहा हर शख्स की उम्र

Study Report on Air Pollution: प्रदूषण भारत के लिए बड़ी समस्या बनता जा रहा है. सर्दियों के मौसम में ये दिक्कत सबसे ज्यादा हो जाती है. सबसे बुरी स्थिति दिल्ली-एनसीआर के शहरों की होती है. हाल ही में शिकागो यूनिवर्सिटी ने जो रिपोर्ट जारी की है उसके मुताबिक भारत दुनिया के दूसरे सबसे ज्यादा प्रदूषित देश में से एक है. एयर क्वॉलिटी लाइफ इंडेक्स नाम की इस रिपोर्ट में यह तय किया जाता है कि अगर प्रदूषण का स्तर तय मानकों से ज्यादा है तो वहां रहने वाले लोगों की उम्र पर कितना बुरा असर पड़ता है.

किस शहर में कितनी घट रही उम्र 

मंगलवार को जारी इस रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदूषण की वजह से दिल्ली और एनसीआर में रहने वाले लोगों की उम्र औसतन 10 वर्ष घट रही है, जबकि उत्तर भारत में रहने वालों की उम्र 7 वर्ष 6 महीना तक घट रही है. अगर पूरे भारत की बात करें तो प्रदूषण की वजह से लोगों की औसत उम्र में कम से कम 5 वर्ष की कमी आई है. इसका मतलब है कि अगर आप सामान्य परिस्थितियों में 70 वर्ष जीते हैं तो दिल्ली में रहने वाला व्यक्ति केवल प्रदूषण की वजह से 60 वर्ष तक ही जी पाएगा, जबकि भारत के दूसरे हिस्से में रहने वाला व्यक्ति 70 वर्ष जीने की जगह 65 वर्ष तक ही जी सकेगा.

भारत में कहीं नहीं है स्वच्छ हवा

रिपोर्ट के मुताबिक, पूरे भारत में एक भी जगह ऐसी नहीं है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्वच्छ हवा के मानकों पर खरी उतरती हो. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक पीएम 2.5 का स्तर 5 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर से कम होना चाहिए जबकि भारत में 63% आबादी ऐसी जगह पर रहती है जो भारत के बनाए हुए खुद के मानक जो कि 40 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से भी ज्यादा प्रदूषण को झेल रही है और इसीलिए इस आबादी पर सबसे ज्यादा खतरा है.

HIV AIDS से भी जानलेवा हुआ प्रदूषण

भारत में इस वक्त प्रदूषण को ही जान के लिए सबसे बड़ा खतरा माना गया है इस रिपोर्ट में किए गए आकलन के मुताबिक प्रदूषण जहां औसतन किसी की उम्र 5 वर्ष घटाता है वहीं, भारत में कुपोषण की वजह से उम्र लगभग 1 वर्ष 8 महीने घटती है. अगर कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है तो उसकी औसत उम्र डेढ़ वर्ष कम हो जाती है. शराब के सेवन से होने वाले नुकसान के मुकाबले प्रदूषण भारत में 3 गुना ज्यादा नुकसान पहुंचाता है. यही नहीं एचआईवी एड्स के मुकाबले यह नुकसान 6 गुना ज्यादा है.

आतंकवाद और दंगों से ज्यादा मौत

इस स्टडी रिपोर्ट में और चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. रिपोर्ट के मुताबिक आतंकवाद और दंगों में जितने लोग मारे जाते हैं उससे 89 गुना ज्यादा लोग केवल वायु प्रदूषण की वजह से मारे जा रहे हैं.  1998 के बाद से अब तक भारत में वार्षिक पार्टिकुलेट पॉल्यूशन यानी पीएम 2.5 का स्तर 61.4% बढ़ गया है इसी वजह से लोगों की उम्र तेजी से घट रही है. 2013 के बाद से दुनिया में जितना भी प्रदूषण हुआ है उसमें 44% योगदान भारत का है.  भारत की 40% आबादी जो उत्तर भारत में रहती है वह प्रदूषण की वजह से अपनी उम्र के 7:30 वर्ष गंवा रही है लखनऊ का उदाहरण देते हुए रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि अगर भारत में प्रदूषण का स्तर ऐसा ही रहा तो लखनऊ का निवासी अपनी औसत उम्र के साढ़े 9 साल गवां बैठेगा.

भारत में दूसरे नंबर पर बिहार

शिकागो यूनिवर्सिटी की इस रिपोर्ट में एक ग्राफ के जरिए यह भी दिखाया गया कि अगर आबादी के लिहाज से देखा जाए तो दिल्ली एनसीआर में रहने वाले हर व्यक्ति का प्रदूषण से सामना किस प्रकार होता है.  भारत में दिल्ली के बाद दूसरा नंबर बिहार का है जहां पीएम 2.5 का स्तर प्रति व्यक्ति लगभग 86 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है.  हरियाणा में प्रदूषण 80 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है. इसी तरह पश्चिम बंगाल में यह स्तर 65 है.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news