अजित पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मेरे कारण शरद पवार को बदनामी सहनी पड़ रही है, इसलिए मैंने इस्तीफा देने के बाद फोन बंद कर लिया था.
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मुंबई: एनसीपी नेता अजित पवार (Ajit Pawar) ने शनिवार को मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके विधायक पद से इस्तीफा देने की वजह समेत कई मुद्दों पर खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि किसी को बिना बताए इस्तीफा देने से मेरे पार्टी के सदस्यों और कार्यकर्ताओं को तकलीफ हई है. भरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में अजित पवार रो पड़े. सफाई देते हुए कहा कि उनके परिवार में कोई संघर्ष नहीं है.
पवार ने कहा, "मैं उप मुख्यमंत्री था, तभी भी मैंने ऐसे ही इस्तीफा दिया था. अगर मैं पूछकर इस्तीफा देता तो वह (शरद पवार) मुझे ऐसा करने नही देते. मैं कार्यकर्ताओं से माफी मांगता हूं. मैं राज्य सहकारी बैंक बोर्ड पर निर्विरोध चुनकर आया था. जांच जारी है, सदन में सहकार मंत्री कहते हैं कि 1088 करोड़ रुपए की अनियमितता हुई लेकिन पीआईएल दाखिल करते वक्त 25 हजार करोड रुपए के भ्रष्टाचार कि बात कही गई."
राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए पवार ने कहा, "कभी कभी आउट ऑफ वे जाकर मदद करनी पड़ती है. अभी की बात करें तो चार सहकारी शुगर फैक्टरी को इस राज्य सरकार ने आऊट ऑफ वे जाकर मदद की है, राज्य सरकार का अधिकार है. जो पैसे हमने दिए थे, उसमें कोई बकाया नही है. 25 हजार करोड़ के भ्रष्टाचार के आंकड़े कहां से आए. यह 2011 का मामला है फिर अब चुनाव के वक्त क्यों यह मामला आगे कर रहे हैं."
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शरद पवार का बचाव करते हुए उन्होंने कहा, "पवार का इस सहकारी बैंक से कोई संबंध नहीं लेकिन परसो उनका नाम इसमें आया. शरद पवार साहेब के कारण मैं यहां तक पहुंचा. मेरे कारण उनको बदनामी सहनी पड़ रही है, इसलिए मैं अस्वस्थ हूं. इसी कारण मैंने बिना शरद पवार को बताए इस्तीफा दिया और फोन बंद कर लिया था."
उन्होंने आगे कहा, "जब शरद पवार ईडी के ऑफिस जाने वाले थे, मैं बारामती था. वहां बाढ़ के हालात थे. मैं बारामती विधानसभा क्षेत्र का 30 साल से प्रतिनिधित्व कर रहा हूं. बाढ के चलते बारमती में रहा. मुंबई में शरद पवार के मुंबई के घर नहीं पहुंच पाया."