पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की आखिरी इच्छा उनकी बेटी बंसुरी स्वराज ने पूरी की.
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नई दिल्ली: पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) की आखिरी इच्छा उनकी बेटी बांसुरी ने शुक्रवार को पूरी कर दी. बंसुरी ने अपनी मां का वादा निभाते हुए वकील हरीश साल्वे (Harish Salve) को एक रुपए का सिक्का सौंप दिया. हरीश साल्वे ने महज एक रुपए की फीस के एवज में अंतरराष्ट्रीय अदालत (ICJ) में पाकिस्तानी में बंद कुलभूषण जाधव के केस की पैरवी की थी.
दरअसल, पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 6 अगस्त (मंगलवार) रात करीब 8:50 बजे देश के प्रसिद्ध वकील हरीश साल्वे (Harish Salve) को फोन करके कहा था कि बुधवार को वह अंतरराष्ट्रीय अदालत (ICJ) में कुलभूषण जाधव का केस लड़ने की फीस लेकर जाएं. साल्वे ने महज एक रुपए की फीस के एवज में जाधव के केस की पैरवी की थी.
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67 साल की सुषमा स्वराज ने खुद इस बात को ट्वीट करके बताया था. लेकिन उसी रात कार्डियक अरेस्ट के चलते उनका निधन हो गया. साल्वे ने उनके निधन के बाद मीडिया को यह जानकारी दी. स्वराज को रात 10 बजकर 15 मिनट पर अस्पताल लाया गया और उन्हें सीधे आपातकालीन वॉर्ड में ले जाया गया था लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका..
बीजेपी की वरिष्ठ नेत्री के निधन पर साल्वे ने अपने भावुक ट्वीट में लिखा था, "मैंने मंगलवार रात करीब 08:50 पर उनसे बातचीत की. यह बहुत ही आत्मीय बातचीत थी. उन्होंने मुझसे कहा कि मैं उनके मुलाकात करूं. वह मुझे जाधव केस की 1 रुपये फीस देना चाहती थीं. मैंने कहा मैं उस बहुमूल्य फीस को लेने जरूर आऊंगा."
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आपको बता दें कि वकील साल्वे की दलीलों को सुनने के बाद आईसीजे (ICJ) ने अपने आदेश में पाकिस्तान से कहा था कि वह जाधव को दोषी ठहराए जाने और सजा सुनाए जाने की प्रभावी समीक्षा करने और उसपर पुनर्विचार करे. सुषमा स्वराज ने अंतर्राष्ट्रीय अदालत के फैसले को भारत के लिए एक महान जीत बताया था.
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