'चुनाव के बाद फिर से कृषि कानून लाएगी सरकार', जानिए अखिलेश यादव ने क्या कहा?
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'चुनाव के बाद फिर से कृषि कानून लाएगी सरकार', जानिए अखिलेश यादव ने क्या कहा?

Akhilesh Yadav On Repealing Of Farm Laws: अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी को किसानों से कोई मतलब नहीं है. चुनाव है इसीलिए काले कानून वापस लिए गए हैं. किसान इस बार बीजेपी का सफाया करेंगे.

अखिलेश यादव.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि उन्हें केंद्र सरकार की नीयत पर भरोसा नहीं है. इन्होंने अभी कृषि कानून (Farm Laws) वापस ले लिए हैं लेकिन ये चुनाव के बाद फिर से कानून ला सकते हैं इसीलिए इनका सफाया करना जरूरी है.

  1. बीजेपी का सफाया करना जरूरी है- अखिलेश यादव
  2. सरकार ने किसानों को अपमानित किया- अखिलेश यादव
  3. वोट के लिए कानून वापस हुए हैं- अखिलेश यादव

देश के सभी किसानों को बधाई- अखिलेश यादव

अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि देश के सभी किसानों को बधाई देता हूं. जिनके लगातार आंदोलन से तीनों काले कानून वापस लिए गए हैं. काले कानून की वापसी अंहकार की हार है. जनता इन्हें माफ नहीं करेगी. इन्हें साफ करने का काम करेगी. जिन्होंने माफी मांगी है वो राजनीति छोड़ें.

सरकार चुनाव से डर गई- अखिलेश यादव

सपा (SP) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार चुनाव से डर गई है. वोट के लिए कानून वापस हुए हैं. किसानों का सरकार ने अपमानित किया है. सरकार को इस पर इस्तीफा देना चाहिए. लखीमपुर (Lakhimpur) के हत्यारे कैसे बच जाएंगे? जिस मंत्री पर आरोप है वो अभी भी मंत्री मंडल में है.

सपा के आंदोलन से दिल्ली तक हिली- अखिलेश यादव

उन्होंने कहा कि सपा को जो समर्थन मिला, पूर्वांचल की जनता सड़कों पर नजर आई. लखनऊ से लेकर दिल्ली सपा के आंदोलन से हिल गई है. नोटबंदी का फैसला भी गलत था वो किसी को पूछते ही नहीं हैं. सरकार घबराकर ये कानून को वापस ले रही है.

अखिलेश यादव ने कहा कि हो सकता है ये सरकार चुनाव के बाद फिर ऐसा कानून ले आए. ये भरोसा कौन दिलाएगा? मंडियों में एमएसपी पर कोई खरीद नहीं की गई. किसानों के काले कानून वापस होने के साथ जो आरोपी मंत्री हैं, कब इस्तीफा देंगे? पंजाब, हरियाणा यूपी के किसानों को इसके लिए बधाई. सपा के कार्यकर्ताओं पर मुकदमे हुए. किसानों की जान गई है. केंद्र सरकार उनकी मदद करे. ये कानून उद्योगपतियों के लिए बने हैं. मंडियों को ठीक करने के लिए कोई पैसा नहीं दिया गया. यूपी में धान की कोई खरीद नहीं हो रही है. खाद के लिए किसानों को जान गंवानी पड़ रही है. महोबा में सबसे ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की. सरकार ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया.

उन्होंने आगे कहा कि जो सरकार मंडिया खत्म कर रही हो, काले कानून के सहारे उद्योगपतियों की मदद कर रही हो उससे क्या उम्मीद की जा सकती है? किसान इस बार बीजेपी का सफाया करेंगे. ये कानून इसलिए वापस लिए गए हैं क्योंकि यूपी में चुनाव हैं. इसको किसानों से कोई मतलब नहीं है. बीजेपी ने किसानों को जो अपमानित किया है उसके लिए मांफी मांगे.

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