UP: MLC उपचुनाव में अखिलेश यादव को लगेगा झटका! नंबर गेम के चक्रव्यूह में फंसी सपा
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UP: MLC उपचुनाव में अखिलेश यादव को लगेगा झटका! नंबर गेम के चक्रव्यूह में फंसी सपा

UP MLC By-election 2022: यूपी विधान परिषद के उपचुनाव से पहले ही समाजवादी पार्टी नंबर गेम में फंसती नजर आ रही है. समाजवादी पार्टी के पास विधान परिषद की सीट जीतने के लिए पर्याप्त विधायक नहीं है.

फाइल फोटो

Uttar Pradesh MLC By-election 2022: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में विधान परिषद (State Legislative Councils) की दो सीटों पर 11 अगस्त को उपचुनाव (By-election) होना है. सोमवार को इन दोनों सीटों पर नामांकन के लिए अधिसूचना (Notification For Nomination) जारी हो चुकी है. दरअसल ऐसा इसलिए है क्योंकि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के पास विधान परिषद की सीट जीतने के लिए विधायकों की संख्या पर्याप्त नहीं है. अगर समाजवादी पार्टी को विधान परिषद की एक सीट जीतनी है तो उसको इसके लिए 200 वोट की जरूरत पड़ेगी. कई चुनावों में लगातार हार के बाद सपा (SP) को एक बार फिर से हार का सामना करना पड़ सकता है.

  1. राजभर-शिवपाल सपा से हुए दूर
  2. सपा को करना पड़ सकता है हार का सामना
  3. विधान परिषद उपचुनाव के लिए अधिसूचना जारी

राजभर और शिवपाल ने बढ़ाई सपा की मुश्किल

बता दें कि गठबंधन के विधायकों की संख्या की कमी की सबसे बड़ी वजह ओमप्रकाश राजभर और शिवपाल यादव का अखिलेश यादव से दूरी बना लेना भी है. इन दोनों ने राष्ट्रपति चुनाव में भी समाजवादी पार्टी के साथ विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार को वोट नहीं दिया था. जहां अखिलेश यादव के चाचा जसवंतनगर सीट से विधायक हैं तो वहीं ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा के यूपी में 6 विधायक हैं.

राजभर पर अखिलेश यादव का तंज

हाल ही में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ओमप्रकाश राजभर पर हमला करते हुए कहा था कि उनके साथ आने के बाद ही समाजवादी पार्टी पर चुनाव के टिकट बेचने के आरोप लगाए गए. सपा गठबंधन से रिश्ते खराब होने के बाद ओपी राजभर को उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा दी है. इसपर अखिलेश यादव ने कहा कि जो भी लोग बीजेपी को खुश करेंगे उनको सुरक्षा दी जाएगी.

चाचा शिवपाल पर क्या बोले अखिलेश यादव?

वहीं, सपा लीडरशिप के खिलाफ बगावती तेवर दिखाने वाले शिवपाल सिंह यादव के बारे में अखिलेश यादव ने कहा कि वह हमेशा मेरे चाचा रहेंगे लेकिन अगर उन्हें लगता है कि मैं उन्हें उचित सम्मान नहीं दे पा रहा हूं तो मैंने उन्हें आजाद कर दिया. अब वह जिस पार्टी के साथ गठबंधन करना चाहते हैं, कर सकते हैं.

सपा के लिए अच्छी खबर क्या?

हालांकि गठबंधन के एक साथी की तरफ से सपा के लिए अच्छी खबर भी है. जहां एक तरफ यूपी विधानसभा चुनाव में सपा के साथ बना गठबंधन अब बिखरता दिख रहा है. वहीं दूसरी तरफ अपना दल (कमेरावादी) की नेता और समाजवादी पार्टी की विधायक पल्लवी पटेल ने दावा किया है कि सपा के साथ उनका गठबंधन मजबूत है. उनकी पार्टी 2024 का लोकसभा चुनाव सपा के साथ मिलकर लड़ेंगी.

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