वो मौन ही रहें तो बेहतर.. बुलडोजर संहिता का नाम लेकर अखिलेश यादव ने किसको दे दी नसीहत?
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वो मौन ही रहें तो बेहतर.. बुलडोजर संहिता का नाम लेकर अखिलेश यादव ने किसको दे दी नसीहत?

Akhilesh Yadav: सीएम योगी का नाम लिए बिना अखिलेश ने तंज कसा कि दंड संहिता की जगह बुलडोजर संहिता ने ले ली हो. कानून-व्यवस्था शब्द बनकर रह गये हों, न्यायालय की डपट खाना जिनकी आदत बन गयी हो, वो मौन ही रहें तो बेहतर है. उधर योगी ने भी अखिलेश पर निशाना साधा है.

वो मौन ही रहें तो बेहतर.. बुलडोजर संहिता का नाम लेकर अखिलेश यादव ने किसको दे दी नसीहत?

CM Yogi Adityanath: अपराधियों पर बुलडोजर एक्शन को लेकर देशभर में चर्चा है. लेकिन इन सबके बीच सुल्तानपुर में हुए एक एनकाउंटर के बाद विपक्ष के निशाने पर लगातार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बने हुए हैं. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव बार-बार योगी आदित्यनाथ को निशाने पर लिए हुए हैं. आरोप-पलटवार का दौर रविवार को भी जारी रहा. इसी कड़ी में अखिलेश ने ट्वीट करके नया हमला बोला है और लिखा कि जिनकी अपने दल में कोई सुनवाई नहीं, उनकी बातें कौन सुने, वैसे भी जानेवालों की बात का क्या बुरा मानना. 

नाम लिए बिना अखिलेश ने तंज कसा

अखिलेश ने यह भी लिखा कि जिनके शासन काल में महीनों आईपीएस फरार रहा हो, पंद्रह लाख प्रतिदिन की कमाई वाले थानों की चर्चा हो, भाजपाई खुद ही पुलिस का अपहरण कर रहे हों और दंड संहिता की जगह बुलडोजर संहिता ने ले ली हो. कानून-व्यवस्था शब्द बनकर रह गये हों, न्यायालय की डपट खाना जिनकी आदत बन गयी हो, वो मौन ही रहें तो बेहतर है.

उधर योगी ने भी किया तंज 

असल में अखिलेश का यह पलटवार तब आया है जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए रविवार को कहा कि सत्ता तो विरासत में मिल सकती है, लेकिन बुद्धि नहीं. योगी ने कहा कि जो लोग सत्ता को अपनी जागीर समझते थे, वे अब सत्ता में वापस आने के लिए अराजकता पैदा करने की साजिश रच रहे हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस मुठभेड़ में जब कोई डकैत मारा जाता है तो समाजवादी पार्टी को बुरा लगता है.

'सत्ता विरासत में, लेकिन बुद्धि और दिमाग नहीं'

मुख्यमंत्री योगी रविवार को अंबेडकर नगर पहुंचे, यहां उन्होंने कई परियोजनाओं की सौगात दी. इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सपा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि याद करिए 2017 के पहले पुलिस भागती थी और गुंडे उन्हें दौड़ाते थे, लेकिन अब ये क्रम उल्टा हो गया है. माफिया भाग रहा है और पुलिस उसे दौड़ा रही है. अगर उसने कोई दुस्साहस किया तो फिर वहीं पर राम नाम सत्य है, यह भी तय हो जाता है. सरकार चलाने के लिए जज्बा, दिल और दिमाग भी चाहिए. सत्ता विरासत में मिल सकती है, लेकिन बुद्धि और दिमाग विरासत में नहीं मिल सकता है.

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