दक्षिण कश्मीर के हिमालय में स्थित अमरनाथ की पवित्र गुफा में छड़ी मुबारक के पहुंचने के साथ 60 दिनों तक चलने वाली यह यात्रा खत्म हो जाएगी.
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जम्मू: अमरनाथ यात्रा के लिए शनिवार को आधार शिविर में ना ही कोई श्रद्धालु पहुंचा ना ही कोई यहां से रवाना हुआ. यात्रा का समापन कल यानी रविवार को होगा. दक्षिण कश्मीर के हिमालय में स्थित अमरनाथ की पवित्र गुफा में छड़ी मुबारक के पहुंचने के साथ 60 दिनों तक चलने वाली यह यात्रा खत्म हो जाएगी. अधिकारियों ने बताया कि यात्रा के लिए शुक्रवार को कोई आधार शिविर में नहीं आया. जम्मू से शनिवार को 137 श्रद्धालुओं का अंतिम जत्था रवाना हुआ था.
उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं के नहीं पहुंचने के कारण तीन दिनों तक यात्रा रद्द रही. इसके बाद शुक्रवार को जम्मू से यात्रा शुरू हुई और 137 श्रद्धालुओं का 46वां जत्था कश्मीर के लिए रवाना हुआ. शुक्रवार शाम तक कुल 2,84,332 श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की. यात्रा 28 जून को दो मार्गों से शुरू हुई थी. एक गंदेरबल जिले में बालटाल मार्ग से दूसरा अनंतनाग जिले में 36 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम मार्ग से.
दशनामी अखाड़ा से शुरू हुई थी यात्रा
बता दें कि श्रीनगर से अमरनाथ की पवित्र गुफा की तरफ पारंपरिक 'छड़ी मुबारक' के लिए महंत दीपेंद्र गिरि के नेतृत्व में दशनामी अखाड़ा से साधुओं की यात्रा शुरू हुई थी. पहलगाम से अमरनाथ के मार्ग पर छड़ी मुबारक का शेषनाग, पंजतरणी आदि पड़ावों पर ठहराव होता है और रक्षाबंधन वाले दिन यह अमरनाथ गुफा पहुंचती है. छड़ी मुबारक की वहां पर पूजा-अर्चना के साथ ही अमरनाथ यात्रा संपन्न हो जाती है. अधिकारियों ने बताया कि दोनों मार्गों से सुगमता से यात्रा हो रही है. शनिवार सुबह कश्मीर घाटी में आधार शिविरों के 162 श्रद्धालुओं का जत्था रवाना हुआ.
पवित्र गुफा के लिए 93 श्रद्धालु पहलगाम से रवाना हुए. इस समूह में अधिकतर साधु थे. इसके अलावा 69 श्रद्धालुओं के समूह को बालटाल मार्ग से जाने की अनुमति दी गई. पिछले साल 40 दिनों में 2,60,003 श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा की यात्रा की थी, जबकि इस साल 33 दिनों में ही इतने श्रद्धालुओं का आंकड़ा पार कर गया .
(इनपुट भाषा से)