केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने डॉक्टर भीम राव अंबेडकर को याद किया और कहा कि यूसीसी मुसलमानों या आदिवासी समुदाय के हितों को नुकसान नहीं पहुंचाएगा. उन्होंने कहा कि अंबेडकर भी यूसीसी के समर्थन में थे और धार्मिक सद्भाव के लिए इसकी आवश्यकता है.
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समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर सभी दल दलीले पेश कर रहे हैं. केंद्र सरकार इसे देश के लिए जरूरी बताने में लगी हुई है. वहीं, विपक्षी दलों का कहना है कि ये सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है. उनका आरोप है कि सरकार मूल मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाना चाहती है.
इस बीच यूसीसी को लेकर केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने डॉक्टर भीम राव अंबेडकर को याद किया और कहा कि यूसीसी मुसलमानों या आदिवासी समुदाय के हितों को नुकसान नहीं पहुंचाएगा. उन्होंने कहा कि अंबेडकर भी यूसीसी के समर्थन में थे और धार्मिक सद्भाव के लिए इसकी आवश्यकता है.
केंद्रीय मंत्री ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए आरोप लगाया, ‘कांग्रेस यह दुष्प्रचार कर रही है कि भाजपा और इसकी सरकार संविधान को बदल देगी. विपक्ष द्वारा यह दुष्प्रचार किया जा रहा है. हिंदुओं और मुसलमानों के बीच एकता एवं सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए यूसीसी की जरूरत है. यहां तक कि संविधान निर्माता अंबेडकर भी यूसीसी के समर्थन में थे.’
उन्होंने कहा, ‘मैं सभी मुसलमानों से यह कहना चाहता हूं कि यूसीसी आपके खिलाफ नहीं है. इसपर राजनीति करने के बजाय सभी राजनीतिक दलों को इसका समर्थन करना चाहिए. सभी आदिवासी इसके खिलाफ नहीं हैं. यह कानून आदिवासियों, दलितों, हिंदुओं या मुसलमानों के खिलाफ नहीं है. यूसीसी लाने के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है.’
विधि आयोग ने जून में यूसीसी पर धार्मिक संगठनों और लोगों से विचार एवं सुझाव आमंत्रित करते हुए एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया था. आठवले ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘मुस्लिम विरोधी’ या ‘दलित विरोधी’ नहीं है. आठवले दलितों और अन्य वंचित समुदायों के लिए विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति के बारे में गुजरात सरकार के अधिकारियों के साथ एक बैठक करने के लिए यहां आए हैं.
उन्होंने कहा कि विपक्षी दल चाहे जितनी भी कोशिश क्यों ना कर लें, 2024 के लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) 325 से अधिक सीट पर जीत हासिल करेगी और मोदी लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री बनेंगे. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को अगला प्रधानमंत्री बनने का मौका नहीं मिलेगा और कांग्रेस नेता को हर मुद्दे को राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए.
विपक्षी दलों के एकजुट होने की कोशिशों पर रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) नेता ने कहा, ‘यदि विपक्ष की जीत हुई तो प्रधानमंत्री कौन बनेगा? हर नेता, ममता बनर्जी से लेकर के. चंद्रशेखर राव, अखिलेश यादव, नीतीश कुमार और यहां तक कि अरविंद केजरीवाल खुद को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बता रहे हैं. वहीं दूसरी ओर, प्रधानमंत्री पद के लिए हमारे एकमात्र उम्मीदवार मोदी हैं और मेरी पार्टी उनका समर्थन करेगी.’
(इनपुट- भाषा)