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नई दिल्ली: परिवहन मंत्रालय ने नए नियम (New Notification) जारी किए हैं, जिसके मुताबिक राज्यों की एजेंसियों को ट्रैफिक रूल्स के उल्लंघन से संबंधित अपराध होने के 15 दिनों के अंदर अपराधी को नोटिस भेजना होगा. साथ ही चालान के निपटान तक इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को रखना होगा. यानी ट्रैफिक रूल्स तोड़ने पर अब पुलिसकर्मी सिर्फ फोटो खींचकर आपके पास चालान नहीं भेज पाएंगे. अब चालान करने के लिए उन्हें इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड की जरूरत पड़ेगी.
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग और सड़क सुरक्षा के प्रवर्तन के लिए संशोधित मोटर वाहन अधिनियम 1989 (Amended Motor Vehicles Act 1989) के तहत एक नोटिफिकेशन जारी किया है. इसमें चालान जारी करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का यूज किए जाने की बात कही गई है. मंत्रालय ने ट्वीट करते हुए कहा, 'अपराध की सूचना घटना के 15 दिनों के भीतर भेजी जाएगी और इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग के जरिए इकट्ठा किए गए इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को चालान के निपटारे तक संग्रहीत किया जाना चाहिए.'
This certificate shall confirm that the device is accurate and it shall be renewed annually.
— MORTHINDIA (@MORTHIndia) August 19, 2021
नए नियमों के तहत ट्रैफिक नियमों का पालन कराने के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का प्रमुखता से इस्तेमाल किया जाएगा. इनमें मोशन कैप्चर पिक्चर कैमरा (कार की स्पीड पता करने वाला कैमरा), सीसीटीवी कैमरा, स्पीड गन, बॉडी कैमरा, मोटर के डैशबोर्ड पर लगाने वाला कैमरा, ऑटोमैटिक नंबर प्लेट की पहचान संबंधी डिवाइस (ANPR), वजन बताने वाली मशीन और अन्य इलेक्ट्रिक डिवाइसेस शामिल हैं. नोटिफिकेशन के अनुसार, राज्य सरकारें यह सुनिश्चित करेंगी कि ट्रैफिक नियमों का पालन कराने वाले सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस को राष्ट्रीय राजमार्गों और राज्य राजमार्गों के अति जोखिम तथा अति व्यस्त रास्तों पर लगाया जाए. इसके अलावा कम से कम 10 लाख से अधिक आबादी वाले सभी प्रमुख शहर के महत्त्वपूर्ण चौराहों-गोल चक्करों पर इन उपकरणों को लगाया जाएगा.
State Govts shall ensure that such devices are placed at high-risk / high-density corridors on NHs, State Highways & at critical junctions, at least in major cities with more than 1 million population, including 132 cities mentioned in the notification.
— MORTHINDIA (@MORTHIndia) August 19, 2021
उत्तर प्रदेश के कानपुर, लखनऊ, गाजियाबाद, वाराणसी समेत 17 शहर, मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर, उज्जैन समेत 7 शहर, राजस्थान के जयपुर, उदयपुर, कोटा समेत 5 शहर, महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे, कोल्हापुर, नागपुर समेत 19 शहर, झारखंड के रांची, जमशेदपुर समेत 3 शहर, गुजरात के सूरत, अहमदाबाद समेत 4 शहर, बिहार में पटना, गया समेत 3 शहर के अलावा दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, असम, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब, तमिलनाडु, ओडिशा, मेघालय, नागालैंड, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल के मिलाकर 132 शहरों में डिजिटल उपकरण लगेंगे.
चालान के लिए रिकॉर्डिंग अनिवार्य कब?
1. ओवर स्पीडिंग करना
2. गलत जगह गाड़ी पार्क करना
3. ड्राइवर या पिछली सीट की सवारी द्वारा नियमों का उल्लंघन
4. टू व्हीलर पर हेलमेट न पहनना
5. रेडलाइट जंप करना
6. गाड़ी चलाते समय मोबाइल का इस्तेमाल
7. ओवर लोडिंग
8. सीट बेल्ट न लगाना
9. माल वाहन में सवारी ढोना
10. नंबर प्लेट खराब या छिपी होना
11. गाड़ी में अधिक ऊंचाई तक माल लोड होना
(इनपुट: भाषा से भी)
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