भारतीय नौसेना के बेड़े में 38 ज्यादा रेंज वालीं ब्रह्मोस मिसाइलों (BrahMos Supersonic Cruise Missiles) के शामिल होने से चीन और पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश जाएगा कि एक भी गलती उन्हें काफी भारी पड़ सकती है. इन मिसाइलों की मदद से 450 किलोमीटर दूर मौजूद लक्ष्य को आसानी से भेदा जा सकेगा.
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नई दिल्ली: चीन (China) से तनाव के बीच भारत (India) ने अपनी रक्षा तैयारियां तेज कर दी हैं. नौसेना (Navy) अपने युद्धपोतों की मारक क्षमता को मजबूत करने के लिए 38 नई ज्यादा रेंज वाली ब्रह्मोस मिसाइल (BrahMos Supersonic Cruise Missiles) खरीदने जा रही है. इन मिसाइलों की मदद से 450 किलोमीटर दूर मौजूद लक्ष्य को आसानी से भेदा जा सकेगा. सीधे शब्दों में कहें तो चीन या पाकिस्तान का कोई जंगी जहाज यदि भारत की तरफ बढ़ने का साहस करेगा, तो हमारी मिसाइलें पलक झपकते ही उसे नेस्तनाबूद कर देंगी.
नई ज्यादा रेंज वालीं इन मिसाइलों को भारतीय नौसेना के निर्माणाधीन विशाखापट्टनम श्रेणी के युद्धपोतों में फिट किया जाना है, जिन्हें जल्द ही सक्रिय सेवा में शामिल किया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, 38 अधिक रेंज की ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें (BrahMos Supersonic Cruise Missiles) खरीदने के लिए 1,800 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय के पास भेजा गया है और जल्द ही इसे मंजूरी मिलने की उम्मीद है. बता दें कि ब्रह्मोस को युद्धपोतों का मुख्य हथियार माना जाता है और कई युद्धपोत पहले से ही इससे लैस हैं.
निशाने पर लगी थी Missile
भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने कुछ वक्त पहले ही अपने युद्धपोत आईएनएस चेन्नई (INS Chennai) से ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया था. समुद्र में मिसाइल को 400 किलोमीटर दूर लक्ष्य पर छोड़ा गया था, जो सटीक निशाने पर लगी थी. भारत सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को एक्सपोर्ट करने के लिए मार्केट खोजने पर भी काम कर रहा है. DRDO ने अपने प्रोजेक्ट PJ-10 के तहत इन मिसाइलों को काफी हद तक स्वदेशी बना दिया है.
भारत और रूस के ज्वाइंट वेंचर की शुरुआत के बाद से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल भारत की तीनों सेनाओं के लिए एक शक्तिशाली हथियार बन गई है. नौसेना के बेड़े में 38 नई ज्यादा रेंज वालीं इन मिसाइलों के शामिल होने से चीन और पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश जाएगा कि एक भी गलती उन्हें भारी पड़ सकती है. मालूम हो कि पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत-चीन के बीच तनाव जारी है और पाकिस्तान भी बीच-बीच में उकसावे की कार्रवाई करता रहता है.