गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने राजरहाट में NSG बिल्डिंग का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि भारत की शांति और सुरक्षा के प्रति जवानों की भक्ति और प्रतिबद्धता सभी देशवासियों के लिए एक प्रेरणा है.
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कोलकाता: गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने राजरहाट में NSG बिल्डिंग का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस सहित प्रो एक्टिव सुरक्षा रणनीति अपनाई है और अब दुनिया जान गई है कि अमेरिका और इजराइल की तरह ही भारत भी अपने सैनिकों की शहादत का बदला लेने के लिए दुश्मन के घर में घुसकर एयर व सर्जिकल स्ट्राइक करने में पूरी तरह से सक्षम है.
उन्होंने कहा, "सुरक्षा की बात करें तो अब भारत को पूरी दुनिया में सम्मान की दृष्टि से देखा जा रहा है. दुनिया को पता चल चुका है कि भारत के पास इतनी क्षमता है कि वह अपने जवानों के खून का बदला दुश्मन के घर में घुसकर ले सकता है."
शाह ने कहा, "सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक से पहले अमेरिका और इजरायल को ही ऐसा देश समझा जाता था, जो अपने सैनिकों की मौत का बदला दुश्मन के घर में घुसकर लेने में सक्षम थे. सर्जिकल और एयर स्ट्राइक के बाद अब महान भारत ऐसा करने वाला तीसरा देश बन गया है."
उन्होंने कहा कि भारत की शांति और सुरक्षा के प्रति जवानों की भक्ति और प्रतिबद्धता सभी देशवासियों के लिए एक प्रेरणा है. उन्होंने कहा, 'एनएसजी ने भारत सरकार से जो अपेक्षा की हैं, उसे मोदी सरकार के नेतृत्व में पूरा किया जाएगा. हम एक ऐसी व्यवस्था तैयार कर रहे हैं जिससे जवान कम से कम अपने परिवार के साथ 100 दिन रह पाए.'
शाह ने कहा, 'युद्ध हथियार से नहीं बल्कि बहादुरी से जीते जाते हैं.' शाह ने एनएसजी कमांडो को खुद खाना भी परोसा. अमित शाह ने रविवार को कोलकाता में एक रैली को भी संबोधित किया.
अमित शाह ने टीएमसी पर जमकर निशाना साधा और सीएए को सही ठहराया. शाह ने कहा, 'हम जब बंगाल में चुनाव के मैदान में थे तो ममता दीदी कहती थीं जमानत बचा लेना. ममता जी ये आंकड़े देख लीजिए, अब आने वाले विधानसभा चुनाव में भी पूर्ण बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बंगाल में बनने वाली है.'
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शाह ने कहा, 'पीएम मोदी जब सीएए लेकर आए तो सारे विपक्षी विरोध में आ गए. सीएए से आपकी नागरिकता जाने वाली नहीं है. सीएए नागरिकता देने का कानून है लेने का नहीं. पीएम मोदी CAA लेकर आए, लाखों बंगालियों को इससे नागरिकता मिलती. ममता दीदी ने इसका विरोध किया. बंगाल में दंगे कराएं, ट्रेनें जला दी गईं, रेलवे स्टेशन जला दिया गया.'
शाह ने कहा, 'मैं सवाल पूछने आया हूं कि हम नागरिकता देना चाहते हैं और आप इसका विरोध क्यों कर रही हो. आपको घुसपैठिए ही अपने लगते हैं. मैं बताने आया हूं कि 70 साल से जो शरणार्थी यहां आए हैं हम उनको नागरिकता देकर रहेंगे.' (इनपुट:आईएएनएस से भी)